धर्मशाला और चंडीगढ़ से प्रकाशित समाचार पत्र दिव्य हिमाचल के बारे में सूचना आ रही है कि इस समाचार पत्र के प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड का लाभ न देने के लिए खुद को नंबर आठ की श्रेणी का अखबार बताया है जबकि इस अखबार के कर्मचारियों ने मिनीस्ट्री आफ कारपोरेशन की साईट पर जाकर और फीस भरकर इस अखबार कंपनी की बैलेंसीट निकाली तो वह २०१६ -१७ में २२ करोड़ रुपये थी। अब कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
बताते हैं कि इस कंपनी में लगभग तीन सौ कर्मचारी काम करते हैं जिसमें कुछ कर्मचारियों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने बकाये का दावा लेबर कमिश्नर के यहां किया है। लेबर कमिश्नर के पास दिये जवाब में दिव्य हिमाचल के प्रबंधन ने लिखित रूप से बताया है कि उनकी कंपनी आठवें ग्रेड में आती है। जबकि कर्मचारियों ने मिनीस्ट्री आफ कारपोरेशन की साईट पर जाकर और फीस भरकर इस अखबार कंपनी की बैलेंसीट निकाली तो वह वर्ष २०१४-१५ में १९ करोड़ की थी और वर्ष २०१६-१७ में बढ़कर इस कंपनी का धंधा २२ करोड़ का हो गया यानि ये कंपनी पांचवे ग्रेड में आती है लेकिन मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश ना लागू करना पड़े इसके लिये दिव्य हिमाचल के प्रबंधन ने खुद को आठवीं कैटगरी में बताया।
अखबारकर्मियों ने कंपनी प्रबंधन द्वारा दी गयी जानकारी की जांच की मांग की है। आपको बता दें कि दिव्य हिमाचल समाचार पत्र पहले हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से प्रकाशित होता था मगर दो साल पहले इस कंपनी ने अपना चंडीगढ़ संस्करण भी हिमाचल प्रदेश से प्रकाशित करना शुरू कर दिया और कुछ कर्मचारियों का ट्रांसफर हिमाचल प्रदेश कर दिया जबकि कुछ कर्मचारी अब भी चंड़ीगढ़ में हैं।
मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकांत सिंह की रिपोर्ट. संपर्क : ९३२२४११३३५