यूपी के रायबरेली में एक मजेदार वाकया हुआ है. समाधान दिवस का अवसर था. जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री और पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह मौके पर थीं. जनता रास्ते में थी. तभी एक कार से पांच छह फर्जी टाइप पत्रकार उतरे और लगे कैमरा चलाने-हिलाने. डीएम साब को गुस्सा आया. डीएम साहब ने इन पत्रकार टाइप दिखने वालों से बातचीत शुरू की तो लग गया कि ये सब फर्जी टाइप पत्रकार हैं… यानि ये किसी बड़े संस्थान से नहीं हैं.
और, छोटे-मोटे ह्वाटसअप वाले पत्रकार, सोशल मीडिया वाले पत्रकार, फेसबुक वाले पत्रकार, वेबसाइट-ब्लाग वाले पत्रकार को कोई पत्रकार मानता नहीं… इन्हें आराम से फर्जी पत्रकार कह कर उगाही-ब्लैकमेलिंग का आरोप मढ़ा जा सकता है… सो, उन्होंने यही किया. सबको पकड़वा कर, ठीकठाक मुकदमा ठोंकवा कर जेल भिजवा दिया.
ये डीएम साहब जो हैं न, जिनका नाम संजय कुमार खत्री है, इनका पूर्व कार्यकाल गाजीपुर में रहा है जहां इनकी अच्छे से हजामत मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने की थी. अय्याश समेत किसिम किसिम के आरोप इन पर लगाए थे. पर डीएम साहब तो मंत्री जी से पंगा ले नहीं सकते. यही कारण है कि उन्होंने अपने से कमजोर टाइप लगने वाले निरीह प्राणियों को अपने आंख के आगे कैमरा नचाते, उछलते-कूदते देखा तो फौरन माथा गरम हो गया और जेल भिजवा दिया.
रायबरेली से मिली जानकारी के मुताबिक एक लोकल न्यूज ग्रुप की आईडी बनाकर करीब आधा दर्जन संख्या में तहसील दिवस पहुंचे पत्रकारों को जिलाधिकारी ने पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में जिला सूचना अधिकारी की तहरीर पर ऊंचाहार कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. मंगलवार को ऊंचाहार तहसील में तहसील समाधान दिवस का आयोजन किया गया. आयोजित समाधान दिवस में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री और पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह भी मौजूद थीं.
डीएम और एसपी की नजर पांच लोगों पर पड़ी जो एक न्यूज चैनल की आईडी लेकर सभागार में पहुंच गए. पहुंचे पत्रकारों ने जब इधर-उधर कैमरा चलाना शुरू किया तो जिलाधिकारी की नजर उन पर पड़ी. जिलाधिकारी को लग गया कि ये पत्रकारों की फौज नहीं बल्कि उनकी ‘फोटोकॉपी’ में आए कुछ संदिग्ध लोग हैं. डीएम ने एसपी से वार्ता की और फिर दोनों अधिकारियों ने क्षेत्राधिकारी डलमऊ विनीत सिंह व ऊंचाहार कोतवाल धनंजय सिंह को इन पांचों संदिग्धों को गिरफ्तार करने के निर्देश दे दिए. पुलिस ने जिला सूचना अधिकारी से तस्दीक की और जब उनके पत्रकार होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला तो जिला सूचना अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी. क्षेत्राधिकारी डलमऊ सिंह ने बताया कि जिला सूचना अधिकारी की तहरीर पर विकास चन्द्र, संजीव कुमार, रोशन लाल, अनिल कुमार और अनुज शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
पकड़े गए युवकों की पहचान विकास चंद्र पुत्र हरिश्चंद्र प्रसाद निवासी नेवलगंज थाना गदागंज, मनजीत कुमार पुत्र मातादीन निवासी छोटी करौती थाना जगतपुर, रोशन लाल राम सजीवन निवासी एहारी बुजुर्ग थाना ऊंचाहार, अनिल कुमार पुत्र रामदुलारे निवासी कंदरांवा थाना ऊँचाहार व अनुज शर्मा पुत्र दुर्गा प्रसाद शर्मा निवासी रेतावली थाना रामपुरा जिला जालौन के रूप में हुई है.
आरोप है कि उक्त आरोपी युवक कई दिन से जिले के कोने-कोने में घूमकर गलत मामलों के फर्जी निस्तारण कराने और लोगों को बेवजह परेशान करके अवैध वसूली करने में सक्रिय थे जिसकी सूचनाएं लगातार लोगों द्वारा पत्रकारों से भी साझा की जा रही थी. मगर ना तो यह किसी के चंगुल में आ रहे थे और ना ही एक जगह जाने के बाद दोबारा उस क्षेत्र में दिखाई पड़ रहे थे. इसकी वजह से लोगों को इनको पहचानने में भी परेशानियां हो रही थी. क्षेत्राधिकारी डलमऊ विनीत कुमार सिंह ने बताया कि सहायक सूचना निदेशक की तहरीर पर उक्त युवकों के ऊपर आईपीसी की धारा 419, 468, 471 और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, आवश्यक कार्यवाही की जा रही है.
देखें इस प्रकरण से संबंधित वीडियो….
https://youtu.be/3diNnxyZ77Y
Sandeep Mathur
September 7, 2018 at 9:16 am
इन जैसे फर्जी पत्रकारों ने ही पत्रकारिता का नाम ख़राब कर रखा है। अच्छा है डी एम् साहब ने इनके साथ जो ऐसा किया ऐसा ही होना चाहिए इन लोगों के साथ।
मथुरा में भी ऐसे काफी फर्जी पत्रकार हैं जो अभी तक प्रशासन की निगाह में नहीं आये हैं।वैसे जब तक फर्जी चैनलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी तब तक ऐसे फर्जी पत्रकार पैदा होते रहेंगे क्योंकि पैसे से आई डी खरीद कर ये पत्रकार बन जाते हैं जिन्हें पत्रकारिता की ABCD तक नहीं पता होती है।
आम आदमी
August 31, 2021 at 9:06 pm
महोदय विज्ञापन तो आप भी तमाम पोर्टलों के चलाते हैं फिर जब कोई चैनल में जुड़ जाता है तो फर्जी कैसे अगर पत्रकार फर्जी तो न्यूज़ चैनल पोर्टल अख़बार सही कैसे | विज्ञापन चलाने बालों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए | जिसके चक्कर में आकर ये बेचारे बेरोजगार जलील होते रहते हैं | एक तो पत्रकार दलाल बन गए | अब बेरोजगार पत्रकार बन रहा है प्रोब्लम क्या है |