लखनऊ : यूपी भाजपा का प्रदेश मुख्यालय इन दिनों दूरदर्शन जाने की मंशा रखने वाले वालों पत्रकार यात्रियों का टिकट ‘आरक्षण’ केंद्र बना हुआ है. यहां पर दूरदर्शन जाने के इच्छुक चुनिंदा पत्रकारों का टिकट आरक्षित किया जा रहा है. वीवीआईपी कोटा लगाकर टिकट को कनफर्म कराने की तैयारी भी की जा रही है. खास बात ये है कि जनेऊ से जनेऊ मिलाते हुए ये काम इतना सावधानी और छुपे तरीके से किया जा रहा है कि बाहरी कौम के पत्रकारों को इसकी भनक भी नहीं मिल पा रही है.
केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद तिलकधारी पत्रकारों की बल्ले-बल्ले हो गई है. जाति-गोत्र जोड़ते हुए लखनऊ के लगभग एक दर्जन पत्रकार दूरदर्शन में पहुंचने की जुगत लगा रहे हैं. इन पत्रकारों की मंशा है कि चाहे इन्हें कोई भी पद मिले, पर इन्हें दूरदर्शन में सरकारी पत्रकार बना दिया जाए ताकि भविष्य सुरक्षित रहे. पिछले काफी समय से ये दिन-रात भाजपा मुख्यायल में ‘जोत से जोत जलाते चलो’ की तर्ज पर ‘जनेऊ से जनेऊ मिलाते चलो’ गा रहे हैं. ये धुन इतनी सधी हुई है कि आवाज बाहर के लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है और तराना हिट हो रहा है.
भाजपा के कुछ अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पत्रकारों की यह लिस्ट गोरखपुर वाले पूर्व मंत्री और फिलहाल भाजपा का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी संभालने वाले शिव के समान प्रतापी शुक्ला जी तैयार कर रहे हैं. इनकी लिस्ट में कम से कम एक दर्जन चुनिंदा पत्रकार शामिल हैं, जिन्हें दूरदर्शन भेजे जाने की पूरी तैयारी की गई है. बताया तो यह भी जा रहा है कि प्रतापी शुक्ला जी ऐनकेन प्रकारेण अपने द्वारा तैयार इस लिस्ट को मान्य कराने के लिए सारे घोड़े खोल दिए हैं. प्रयास है कि ‘जोत से जोत’ जलाकर कौम का भला किया जा सके.
इसमें सबसे ऊपर वाला नाम अमर उजाला के एक पंडीजी का बताया जा रहा है. पंडीजी की महिमा भाजपा में इतनी है कि अगर ये मुख्यालय पहुंच गए तो यहां के मीडिया सेल में कितने भी विजय प्राप्त करने वाले बहादुर हों, कितने भी कामदेव जैसा मन में मिश्री घोलने वाले विद्वान डाक्टर हों, उठकर दंडवत करते हैं. जब तक पंडीजी यहां बने रहते हैं तब तक उनके मुंह में मिश्री घोलकर विजय प्राप्त करने की कोशिश की जाती रहती है. मीडिया देखने वाले बड़े-बड़े मनीषी इनके सम्मान में बिछे रहते हैं.
चंदन मित्रा के अखबार के भी कुछ पत्रकार जोत से जोत जलाने में शामिल हैं. इसके बाद नंबर आता है खलिहर पत्रकारों का. ये खलिहर पत्रकार किसी भी संस्थान से जुड़े हुए नहीं हैं, लेकिन इनकी पहुंच हर पीसी, हर बीसी और हर शीशी-बोतल तक रहती है. इनमें से एक तो पत्रकारों के अध्यक्षजी के साथ साए के साथ लगे रहते हैं. जमघट से लेकर मरघट तक. सचिवालय से लेकर शौचालय तक. अध्यक्षजी जब जबरिया किसी नेता-मंत्री-अधिकारी से दांत निपोरते मिलते हैं तो खलिहर पत्रकार खटाक से इसकी फोटो हींचते हैं और फेसबुक पर चेपकर अध्यक्षजी का बाजार-दुकान चमका देते हैं.
खैर, इस अविनाशी पत्रकार का दिल भी खाली समय काटते-काटते बोर हो चुका है. अब ये भी लिए सैलरी वाला जीवन चाहते हैं. बाहरी आमदनी के बावजूद इन्हें उतनी इज्जत भी नहीं मिलती है, जितने के ये हकदार हैं नहीं. इनका दिल भी दूरदर्शन पर आ गया है. इन्होंने बाकायदा भाजपा के मीडिया सेल में ही अपनी सिफारिशी चिट्ठी टाइप करवाई. इसमें इनका पूरा साथ मीडिया सेल के मनीषी माने जाने वाले शुक्ला जी दे रहे थे. बताया जा रहा है कि इस अविनाशी पत्रकार को दूरदर्शन पहुंचाने का ठेका इन वाले शुक्ला जी ने लिया है. जल्द ही दूरदर्शन भेजे जाने वाले अन्य नामों का खुलासा होने वाला है. साथ ही इनके ठेकेदारों का भी.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
सलमान
August 15, 2014 at 1:54 pm
ऐ अमर उजाला से ही आये मिसरा जी ऐरी गैरी न कहो अब तुमरे करम ऐसे हैं कि तुमका कोई भाव न दे। बाकी रही बात पिंडी जी की तो ये महीना बीतते बीतते वो खुशखबरी पा ही जायेंगे
Durgesh Singh
November 11, 2014 at 8:49 am
बेरहम पत्रकार !! ऐसे भी कोई खाल खींचता हैं भला