फूफा जी नहीं रहे. डा. केपी सिंह. आज अभी थोड़ी देर पहले बीएचयू मेडिकल कालेज में आखिरी सांस ली. उनकी उम्र 67 साल थी. वे मल्टी आर्गन फेल्योर से जूझ रहे थे.
मूलत: उन्हें डायबिटीज की समस्या थी. बाद में लीवर, किडनी, फेफड़ा समेत कई अंगों की दिक्कत सामने आई. काफी समय तक उनका बनारस के एक निजी अस्पताल में इलाज चलता रहा जिसमें पांच लाख रुपये खर्च हुए. निजी अस्पताल की लूट और पैसा बनाने की मशीन में तब्दील हो चुके डाक्टरों की संवेदनहीनता को देखते हुए कुछ रोज पहले ही उन्हें बीएचयू मेडिकल कालेज ले जाया गया जहां पहले उनका कोरोना का टेस्ट हुआ. रिपोर्ट निगेटिव आई. बीएचयू के डाक्टरों का एक पैनल उनके फ्लक्चुएट होते स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए था. पर बचाए न जा सके.
डा. केपी सिंह अपने पीछे पत्नी के अलावा चार पुत्रियां और एक पुत्र छोड़ गए हैं. बेटा आलोक रघुवंशी पत्रकार हैं और हाल फिलहाल तक अमर उजाला पानीपत में कार्यरत थे. पिता के लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते वे नौकरी छोड़कर मां-पिता के साथ रहने लगे.
चारों बेटियां शादीशुदा हैं और वेल सेटल्ड हैं.
डा. केपी सिंह ने कोलकाता से डाक्टरी की पढ़ाई (BAMS, DMS) की थी. वे कई दशकों से ग़ाज़ीपुर जिले के हंसराजपुर कस्बे में घर पर रहकर निजी प्रैक्टिस करते थे. दस-बीस रुपए फीस में आसपास के दर्जनों गांवों के गरीबों का इलाज करते. उनके ईमानदार और सरल स्वभाव के चलते आसपास के गांवों के मरीजों की दिन-रात भीड़ लगी रहती. डा केपी सिंह ने कभी पैसे को प्राथमिकता नहीं दी. रोजाना कई ऐसे भी मरीज आते जिनके पास पैसे नहीं होते. ऐसे लोगों का मुफ्त में इलाज तो करते ही, खाना पानी भी देते.
डा. केपी सिंह के निधन से हंसराजपुर इलाके और आसपास के गांवों में शोक का माहौल है. कई दशकों से उनकी मेडिकल फील्ड में सक्रियता के चलते दर्जनों गांवों के जन-जन से आत्मीयता डेवलप हो चुकी थी.
कोरोना के चलते बेहद गिने-चुने परिजनों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार आज बनारस में किया जाएगा.
श्रद्धांजलि!
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
फैसल खान
May 10, 2020 at 12:24 pm
ऊपर वाला मृत आत्मा को शांति दे,सभी परिजनों को सब्र अता फरमाये, बहुत दुख की घड़ी है
Rajesh Kumar
May 10, 2020 at 12:38 pm
RIP. May God provide the
Rajesh Kumar
May 10, 2020 at 12:39 pm
Praying for eternal peace.
Dinesh singh
May 10, 2020 at 1:12 pm
दशास्वमेध घाट नहीं