देश की शीर्ष ‘राष्ट्रीय मानक निर्धारण‘ तथा ‘गुणवत्ता नियंत्रक‘ संस्थान की कृषि यंत्रों की समिति में नियुक्त होने वाले छत्तीसगढ़ के पहले कृषक सदस्य हैं डॉ राजाराम त्रिपाठी।
डॉक्टर त्रिपाठी ने देश में गुणवत्ता विहीन चीनी कृषि यंत्रों की बाढ़ पर तत्काल नियंत्रण की जरूरत पर ज़ोर दिया।
देश में असुरक्षित ट्रैक्टर ट्रालियों के पलटने से होने वाली लाखों किसान मजदूरों की मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने इनमें तत्काल सुधार और नियंत्रण की जरूरत पर बल दिया।
देश में गुणवत्ता नियंत्रण की शीर्ष केंद्रीय शासकीय संस्था “भारतीय मानक संस्थान” ने बस्तर के कृषि विशेषज्ञ तथा “अखिल भारतीय किसान महासंघ” (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी को इसी हफ्ते कृषि मशीनरी तथा कृषि यंत्रों की गुणवत्ता नियंत्रक समिति का सदस्य बनाया गया।
डॉक्टर त्रिपाठी के साथ ही ‘भारतीय मानक ब्यूरो’ ने देश की अग्रणी ट्रैक्टर तथा विभिन्न कृषि यंत्र निर्मात्री संस्था ‘महिंद्रा एवं महिंद्रा’ एवं श्री सुहास मनोहर को भी उक्त समिति का सदस्य बनाया है।
अपनी नियुक्ति के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 70% जनसंख्या सीधे अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है और खेती आज पूरी तरह से घाटे का सौदा बन चुकी है। उन्नत तथा किफायती कृषि यंत्रों के बिना अब लाभदायक खेती संभव नहीं है। इसलिए अब कृषि यंत्रों की गुणवत्ता का प्रभावी नियंत्रण देश हित में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 84% किसान 4 एकड़ अथवा उससे भी कम कृषि जोत वाले हैं। इनके लिए छोटे-छोटे किफायती कृषि यंत्रों के विकास तथा उनकी वाजिब कीमत एवं गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण बेहद जरूरी है। देश में आज गुणवत्ता विहीन चीनी कृषि यंत्रों की बाढ़ आई हुई है, यहां तक की इन चीनी कृषि यंत्रों पर जाने अनजाने में भारी मात्रा में सरकारी अनुदान भी दिया जाने लगा है, जो कि बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। जिस पर समुचित नियंत्रण बहुत जरूरी है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने यह भी कहा की ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्रैक्टर ट्रालियां आज भी बहुत ही असुरक्षित हैं और आए दिन यह पलट जाती हैं। देश में इन ट्रैक्टर ट्रालियों के पलटने से लाखों किसान मजदूरों की जाने जा चुकी हैं। इसलिए इसमें सुरक्षा संबंधी और अधिक सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। ट्रैक्टर की ट्रालियों की गुणवत्ता पर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रभावी नियंत्रण किया जाना चाहिए, जिससे कि लोगों की जानें बचाई जा सके।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि वह पूरे मनोयोग और इमानदारी से देश की कृषि तथा किसानों की बेहतरी के लिए जो भी संभव होगा, वह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।