यूपी के सुल्तानपुर जिले में इन दिनों पत्रकारों के बीच जबर्दस्त उबाल है. वजह हैं दैनिक जागरण के पत्रकार धर्मेंद्र मिश्रा. इन्होंने फेसबुक पर जिले के बाकी पत्रकारों को ‘झोलाछाप’ लिख दिया. इससे नाराज दूसरे पत्रकारों ने बैठक कर कई प्रस्ताव पारित किए.
इससे पहले सोमवार को सुल्तानपुर में दैनिक जागरण के एक अन्य पत्रकार संजय तिवारी ने कलेक्ट्रेट दफ्तर में डीएम के सामने ही मीडियावालों की फजीहत करा दी। मंगलवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर डीएम सी इंदुमती अपने दफ्तर कलेक्ट्रेट के सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी अखबारों और चैनलों के प्रतिनिधि साठ-सत्तर की संख्या में मौजूद थे। जिले के आलाधिकारी भी उपस्थित थे। इस दौरान डीएम ने प्रस्ताव रखा कि सीएम आदित्यनाथ के कार्यक्रम कवरेज के लिए सभी अखबारों के एक-एक फोटोग्राफर व प्रतिनिधि को मौका दिया जाएगा। इस पर सभी पत्रकार राजी हो गए पर दैनिक जागरण ब्यूरो चीफ धर्मेन्द्र मिश्रा के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद पत्रकार संजय तिवारी ने कह दिया कि उनका अखबार बड़ा अखबार है, इसलिए वे किसी के साथ नहीं जाएंगे, उनके फोटोग्राफर सहित कम से कम तीन लोगों की एक अलग एंट्री हर हाल में कराने की व्यवस्था प्रशासन करे।
बस इसी बात पर अन्य अखबारों और चैनल के प्रतिनिधि भड़क गए। भदेस अंदाज में पत्रकार संजय तिवारी को सुनाने लगे। डीएम सी इंदुमती के सामने ही कई सीनियर जर्नलिस्ट्स ने अखबारी आंकड़े पेश कर दिए कि जागरण तो 4 साल से सुल्तानपुर जिले में तीसरे नम्बर पर है, जिले में सबसे अव्वल तो अमर उजाला और हिंदुस्तान है। नौबत हाथापाई तक आ पहुंची। पूरी पत्रकार लॉबी जागरण पत्रकार संजय तिवारी की इस हरकत पर उनकी लानत-मलानत की।
डीएम सी इंदुमती ने संजय तिवारी को चुप रहने की ताकीद करते हुए यह कहकर मामले को ठंडा किया कि सारे अखबार वाले एक समान हैं, न कोई बड़ा है और न कोई छोटा। डीएम को पीसी यहीं पर खत्म करने को मजबूर होना पड़ा। किसी तरह जागरण के स्टिंगर संजय तिवारी सभागार के पिछले दरवाजे से वापस लौटे। बवाल बढ़ता देख देर रात डीएम ने मुख्यमंत्री की सम्भावित पीसी को निरस्त कर दिया और सूचना विभाग ने एक लेटर जारी करते हुए इस निर्णय से मीडिया पर्सन्स को अवगत भी करा दिया।
जिले के सैकड़ो पत्रकारों ने दिखाई एकजुटता, की प्रेसक्लब में हंगामेदार बैठक, विशेष कवरेज में मीडिया पास न मिलने व फेसबुक पर किये गए कमेंट का मामला छाया रहा…
सुल्तानपुर जिले के पत्रकारों ने प्रेस क्लब में हंगामेदार बैठक की। पत्रकारों ने कई मुद्दों पर सहमति जताते हुए विरोध करने व अदालत में मानहानि ठोंकने पर मोहर लगा दी है। बीते मंगलवार को जिले में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का उदघाटन करने सीएम योगी आदित्यनाथ आये थे। कवरेज के लिए तीन फोटोग्राफर व एक पत्रकार के साथ ही 29 न्यूज चैनलों का पास बनाया गया। जिले के दो दर्जन अखबारों, इनके जिला प्रतिनिधियों व कई पत्रकारों को वंचित कर दिया गया। इसके इतर फेसबुक पर दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र मिश्रा ने लिख दिया कि ”डीएम सी.इंदुमती की सराहना करता हूं जो इन्होंने सीएम की कवरेज के लिये झोलाछाप पत्रकारों को पास नही दिया।”
बैठक में हिंदुस्तान के पत्रकार नरेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मीडिया पास प्रकरण में भेदभाव और फेसबुक पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा करता हूं। सरकारी विज्ञप्ति को हम सब परीक्षण के बाद ही प्रकाशित करेंगे या फिर विज्ञप्तियों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। जिला प्रशासन ने साजिशन मीडिया पास नहीं दिया। इसकी जांच होनी चाहिये।
पायनियर अखबार के पत्रकार विनोद पाठक ने कहा कि दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ ने फेसबुक पर डीएम का नाम लेते हुए पत्रकारों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। इसके खिलाफ सभी एक जुट हों। अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया जाय।
पत्रकार राकेश तिवारी के प्रस्ताव पर डीआईओ को बुलाया गया। डीआईओ महेंद्र कुमार प्रेस क्लब पहुंच गए।
जिला अध्यक्ष डॉ अवधेश शुक्ल ने कहा कि फेसबुक पर कमेंट क्षम्य नहीं है। जिला प्रशासन की भूमिका पत्रकारों के खिलाफ है।
अशोक मिश्र ने कहा कि अब सभी को एकजुटता के साथ अपनी ताकत का एहसास कराना होगा। सरकारी महकमों के प्रेसवार्ता व सरकारी विज्ञप्तियों का बहिष्कार किया जाय।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग द्विवेदी ने कहा कि फेसबुक पर पत्रकारों के खिलाफ कमेंट करने वाला छोटी मानसिकता का आदमी है। उसे अदालत के जरिये सबक सिखाना होगा। पहली बार मीडिया की स्वतंत्रता पर जिला प्रशासन ने अंकुश लगाया है। ऐसे में बहिष्कार होना चाहिये।
पत्रकार पंकज पांडेय ने कहा कि यदि अफसरों की बातों पर विश्वास किया जाय तो प्रिंट मीडिया का पत्रकार बिना मीडिया पास के कैसे पहुंच गए, इस पर भी कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये। ड्यूटी में प्रवेश द्वार पर मुश्तैद एसडीएम लंभुआ विधेश व दरोगा डीपी शुक्ल ने कैसे घुसने दिया।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व उपजा के संरक्षक मनोराम पांडेय ने कहा कि मीडिया पास न देने में एडीएम व डीआईओ के साथ-साथ पुलिस महकमे की भी भूमिका है। विजय विद्रोही ने कहा कि डीएम ने प्रेसवार्ता कर मीडिया पास बनने की जानकारी दी थी। अखबार के सम्पादक की ओर से अधिकृत होने बाद भी परिचय पत्र मांगा गया जो गलत रहा।
बैठक को सतीश पांडेय, ज्ञानेंद्र तिवारी, सतीश तिवारी, श्रवण पांडेय, विकास, सन्तोष, इम्तियाज रिजवी, अब्दुल सत्तार, राजदेव समेत कई पत्रकारों ने सम्बोधित किया और आक्रोश जताया। बैठक के अंत में सभी के विचारों को सुनने के बाद निर्णय हुआ कि फेसबुक पर किये गए कमेंट पर एसपी व स्थानीय थाने पर तहरीर दी जाएगी। इसके बाद अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा। सरकारी महकमों की ओर से प्रेसवार्ता की सूचना मिलने पर चल कर बहिष्कार किया जाएगा। सरकारी विज्ञप्तियों को खबर के रूप में नहीं परोसा जाएगा। पत्रकार स्वयं कवरेज करेंगे।
पुनीत निगम
August 28, 2019 at 11:27 pm
पूरे प्रदेश में पत्रकारों को आपस में लड़वाने और फाइनली ठिकाने लगाने की साजिश चल रही है। मीडिया पास देने में सूचना विभाग इस प्रकार नखरे दिखाता है जैसे उनकी किडनी मांग ली गयी हो। समय आ गया है कि हम लोग बड़ा छोटा भूल कर एकता दिखाएं और पत्रकारिता धर्म का निर्भय हो कर सही से पालन करें।
भाष्कर दत्त
August 29, 2019 at 8:42 am
क्यों न प्रशासन का सच दिखया जाए सूचना विभाग में सरकार की तरफ से अधिकतर जो किताबें आती है जनता में देनें को वो कबाड़ में बिक जाती है।
श्याम चन्द्र
September 1, 2019 at 5:57 pm
दैनिक जागरण के प्रतिनिधि का वक्तव्य दुर्भाग्यपूर्ण है।ऐसे विवादित बयानों से बचना चाहिए था।