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कृष्ण कांत की नई पारी, दीपक मिश्रा का तबादला, इरशाद की नौकरी गई

युवा पत्रकार कृष्ण कांत ने नई पारी की शुरुआत तहलका मैग्जीन के साथ की है. इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक के जरिए अपने जानने वालों को दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि तहलका पत्रिका का ताजा अंक दादरी की घटना, लेखकों की हत्या, बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता को लेकर लेखकों के विरोध पर केंद्रित है. इस अंक में दादरी की घटना पर तीन स्टोरी के अलावा उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी, असगर वजाहत, सुभाष गाताडे, अपूर्वानंद, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, अनिल यादव, शीबा असलम फहमी, गिरिजाशंकर, मैथ्यू सैमुअल और राकेश सिन्हा के लेख हैं.

<p>युवा पत्रकार कृष्ण कांत ने नई पारी की शुरुआत तहलका मैग्जीन के साथ की है. इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक के जरिए अपने जानने वालों को दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि तहलका पत्रिका का ताजा अंक दादरी की घटना, लेखकों की हत्या, बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता को लेकर लेखकों के विरोध पर केंद्रित है. इस अंक में दादरी की घटना पर तीन स्टोरी के अलावा उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी, असगर वजाहत, सुभाष गाताडे, अपूर्वानंद, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, अनिल यादव, शीबा असलम फहमी, गिरिजाशंकर, मैथ्यू सैमुअल और राकेश सिन्हा के लेख हैं.</p>

युवा पत्रकार कृष्ण कांत ने नई पारी की शुरुआत तहलका मैग्जीन के साथ की है. इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक के जरिए अपने जानने वालों को दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि तहलका पत्रिका का ताजा अंक दादरी की घटना, लेखकों की हत्या, बढ़ती सांप्रदायिकता और असहिष्णुता को लेकर लेखकों के विरोध पर केंद्रित है. इस अंक में दादरी की घटना पर तीन स्टोरी के अलावा उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी, असगर वजाहत, सुभाष गाताडे, अपूर्वानंद, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, अनिल यादव, शीबा असलम फहमी, गिरिजाशंकर, मैथ्यू सैमुअल और राकेश सिन्हा के लेख हैं.

आई-नेक्स्ट गोरखपुर से खबर है कि चीफ सब एडिटर दीपक मिश्रा का कानपुर तबादला कर दिया गया है. दीपक ने कुछ महीने पहले ही राजस्थान पत्रिका इंदौर से इस्तीफा देकर आई-नेक्स्ट गोरखपुर आए थे. इतनी जल्द गोरखपुर से कानपुर तबादले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.

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हिन्दी हिन्दुस्तान की मुरादाबाद यूनिट में ठाकुरद्वारा तहसील पर लांचिंग के समय से कार्यरत इरशाद अंसारी को प्रबंधन ने रातों-रात हटा दिया है. 16 अक्टूबर से यहां सतीश चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. करीब साल भर से प्रबंधन का इरशाद से विज्ञापन के पैसों को लेकर विवाद था. पैसा रिकवर होते ही प्रबंधन ने कार्रवाई की है. इरशाद इससे पहले जागरण में थे.

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