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वरिष्ठ खेल पत्रकार योगेश गुप्त ‘पप्पू’ ने मध्य प्रदेश जनसंदेश को अलविदा कहा

Yogesh Gupta : आदरणीय गुरुवर और मित्रों … तीन दशक की अखबारी जिंदगी में आज पांचवें अखबार का साथ छूट गया. नवम्बर 2013 में मध्य प्रदेश के दो पूंजीपतियों और स्थानीय भाजपा सांसद श्री गणेश सिंह के संयुक्त प्रयास से सतना में मध्य प्रदेश जनसंदेश का उदय हुआ था. समूह संपादक श्री राजेश श्रीनेत के बुलावे पर महाप्रबंधक श्री अजय सिंह बिसेन से वार्ता के बाद आठ अक्टूबर 2013 को मैं इस समाचारपत्र से जुड़ा था.

<p>Yogesh Gupta : आदरणीय गुरुवर और मित्रों ... तीन दशक की अखबारी जिंदगी में आज पांचवें अखबार का साथ छूट गया. नवम्बर 2013 में मध्य प्रदेश के दो पूंजीपतियों और स्थानीय भाजपा सांसद श्री गणेश सिंह के संयुक्त प्रयास से सतना में मध्य प्रदेश जनसंदेश का उदय हुआ था. समूह संपादक श्री राजेश श्रीनेत के बुलावे पर महाप्रबंधक श्री अजय सिंह बिसेन से वार्ता के बाद आठ अक्टूबर 2013 को मैं इस समाचारपत्र से जुड़ा था.</p>

Yogesh Gupta : आदरणीय गुरुवर और मित्रों … तीन दशक की अखबारी जिंदगी में आज पांचवें अखबार का साथ छूट गया. नवम्बर 2013 में मध्य प्रदेश के दो पूंजीपतियों और स्थानीय भाजपा सांसद श्री गणेश सिंह के संयुक्त प्रयास से सतना में मध्य प्रदेश जनसंदेश का उदय हुआ था. समूह संपादक श्री राजेश श्रीनेत के बुलावे पर महाप्रबंधक श्री अजय सिंह बिसेन से वार्ता के बाद आठ अक्टूबर 2013 को मैं इस समाचारपत्र से जुड़ा था.

मां शारदा की कृपा से मैंने 23 माह तक बतौर खेल संपादक इस संस्थान की पूरे मनोयोग से सेवा की और अखबार प्रबंधन व सहकर्मियों से लगायत सेवकों तक के स्नेह से एक पारिवारिक माहौल का पूरा लुत्फ उठाया. हालांकि लगभग तीन माह पूर्व अचानक लगभग दो दर्जन सहकर्मियों को संस्थान से निकाल दिया गया और खेल पन्नों की संख्या दो से घटा कर एक कर दी गयी, तभी मैंने जीएम और श्रीनेत सर से कह दिया था क़ि अब यहां मेरी उपयोगिता शायद ख़त्म हो गयी है. फिर भी काम चल रहा था. लेकिन लगभग डेढ़ माह पूर्व सम्पादकीय विभाग में न जाने किस गणित से एक ऐसे शख़्स का पदार्पण हुआ, जिसने एक अन्य अखबार के माध्यम से मध्य प्रदेश जनसंदेश प्रबंधन की नाक में दम कर रखा था.

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अचानक हुए इस परिवर्तन से मेरे अंतःकरण ने कहा…चल उड़ जा रे पंछी…ये देश हुआ बेगाना…दिलचस्प तो यह रहा क़ि प्रबंधन का मुझसे यह कहने का साहस नहीं हुआ कि कंपनी अब गरीब हो गयी है. मैंने खुद जीएम से मिलकर स्थिति स्पष्ट की. मुझे कंपनी की ओर से न तो कोई नोटिस दी गयी और न ही मैंने त्यागपत्र दिया. लीगल ड्यूस की बात छोड़िए, अगस्त माह का वेतन लेने के साथ ही मैं आज फिर स्वतंत्र हो गया. माँ मैहर देवी के धाम से एकाध दिन में भोले बाबा की धर्मनगरी और अपनी निराली काशी में लौट आऊंगा. उसके बाद देखूंगा कि अगला पड़ाव कहाँ और कैसा होता है..

आप सबका….
योगेश ‘पप्पू’

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वरिष्ठ पत्रकार योगेश गुप्त ‘पप्पू’ के फेसबुक वॉल से.


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