अमर उजाला नोएडा हेड ऑफिस के एक साल में एक दर्जन विकेट गिर चुके हैं। अपने मोहरे फिट करने के जुगाड़ में लगे संपादक अभी भी कई पर टेढी़ नजर रखे हैं। सबसे लेटेस्ट गिरने वाले दो विकेट सब एडिटर मनीष सिंह और सीनियर सब एडिटर अमित कुमार बाजपेयी हैं। अमर उजाला से जुड़े अधिकारियों की मानें तो ग्रेटर नोएडा के स्टार रिपोर्टर और बीते दो साल से नोएडा हेड ऑफिस में सबसे तेज एडिटिंग-पेजीनेशन करने वाले अमित कुमार ने संस्थान को गुडबाय बोल दिया है।
2006 में जागरण आई नेक्स्ट की लांचिंग टीम में फोटो जनलिस्ट पोजीशन छोड़कर वो अमर उजाला ग्रेटर नोएडा में रिपोर्टर बने। सात साल तक रिपोर्टिंग के बाद बीते दो साल से वो डेस्क पर थे। उन्होंने अपनी नई पारी राजस्थान पत्रिका के पोर्टल कैच न्यूज हिंदी के साथ की है. वहीं, मनीष सिंह भी पिछले करीब चार साल से दिल्ली डेस्क पर डिजाइनर पन्ना बनाने के उस्ताद मानें जाते हैं। मध्य प्रदेश के सतना निवासी मनीष ने भी अगस्त में इस्तीफा दे दिया है और अब वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैंl
इससे पहले अगस्त में ही नोएडा ब्यूरो के रिपोर्टर सोमदत्त शर्मा ने हिंदुस्तान गुड़गांव का दामन थाम लिया था। राष्ट्रीय सहारा के बाद वो करीब तीन साल पहले अमर उजाला से जुड़े थे। अमर उजाला में जूनियर सब एडिटर सोमदत्त हिंदुस्तान में रिपोर्टर के रूप में जुड़े हैं। वहीं, इससे पहले इस साल नोएडा के सीनियर सब एडिटर- रिपोर्टर अनुराग त्रिपाठी और क्राइम बीट प्रभारी दिनेश शर्मा भी संस्थान को गुडबाय बोल चुके हैं। दिनेश ने नवोदय टाइम्स दिल्ली में ज्वाइन किया है।
इसके अलावा दिल्ली के बाद ग्रेटर नोएडा में रिपोर्टर और डेस्क पर भेजे गए भरत पांडेय भी अब यहां नहीं हैं। जबकि दिल्ली डेस्क पर काम करने वाले रोहिताश्व, फरीदाबाद ब्यूरो के कुंदन तिवारी यहां से जा चुके हैं। इससे पहले देहरादून स्टेट ब्यूरो प्रमुख शेषमणि शुक्ला और बरेली ब्यूरो चीफ रह चुके मुकेश उपाध्याय भी डेस्क पर भेजे जाने के बाद कुछ समय काम करके अमर उजाला से इस्तीफा दे चुके हैं। गुड़गांव ब्यूरो चीफ मलिक असगर हाशमी भी गुड़गांव से जा चुके हैं। जबकि पलवल प्रभारी भगत सिंह डागर भी संस्थान छोड़ कर जा चुके हैं। जहां तक जानकारी है इस साल एनसीआर से एक दर्जन से ज्यादा स्टाफ अमर उजाला को छोड़ देगा।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.