‘एसीबी’ में दर्ज होगा मामला
जयपुर से प्रकाशित एक दैनिक अखबार संचार क्रांति का बड़ा फर्जीवाडा कोटा के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (dipr) ने पकड़ा है। इस अखबार ने हजारों की फर्जी प्रसार संख्या बताकर विज्ञापन मान्यता भी ले रखी है। अब तक सरकार से लाखों रुपये के विज्ञापन भी ले लिए हैं।
दिलचस्प बात ये है कि यह अखबार सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। फ़ाइल कॉपी भी नहीं छपवा रहा था। जब इसकी शिकायत dipr में की गई तो मामले की जांच में सामने आया कि यह अखबार छपता ही नहीं है। जब उप निदेशक और प्रशासनिक अधिकारी ने मालिक महेंद्र गुप्ता को फोन किया तो उसने दूसरी प्रिंटिंग प्रेस में अखबार छपने की बात कहीं।
वहाँ जाँच की गई तो 600 कॉपी के बाद मशीन जवाब दे गई। प्रसार संख्या 12 हजार से अधिक बता रखी है अखबार मालिक ने। अब dipr अखबार मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने जा रहा है। साथ ही विज्ञापन मान्यता रदद् कर विज्ञापन राशि की वसूली भी करेगा।
यह अखबार पत्रकार संगठन ‘जार’ राजस्थान के निष्काषित पूर्व अध्यक्ष नीरज गुप्ता के जीजाजी का है। जीजाजी का कोटा में पेट्रोल पंप भी है। अखबार के नाम से कई ने अधिस्वीकृत पत्रकार के कार्ड बनवा रखे है। अब इन्हें भी निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता इस मामले को acb (आडिट ब्यूरो आफ सरकुलेशन) में दर्ज कराने जा रहा है। ऐसे ही कई दैनिक अखबार सिर्फ कागजों में चल रहे है, जो dipr और davp के अफसरों से मिलीभगत करके सरकार को हर साल लाखों करोड़ों का चूना लगा रहे है।