अप्पू झा-
भाई साहब लोग दोस्त की शादी में पटना आये थे, शादी के बाद दारू तो चाहिए ही, काहे की पढ़े लिखे लोग हैं, बिना दारू का इंजीनियर कैसा।
दारू पीते पुलिस ने पकड़ लिया, अब पूरा बिहार पगला गया हैं। बिहार सरकार को दोषी बनाने के लिए। यही लोग कुछ दिन पहले शाहरुख खान के कुपुत्र के जेल जाने का जश्न मना रहे थे।
अब भाई अगर तुम शाहरुख के बेटे के जेल जाने पे खुश थे तो यहां भी होना चाहिए, आखिर ये लोग भी कानून तोड़े हैं…
कुछ ग़लत लिख दिया क्या मैंने ?
ऐसा राजू तिवारी जी का मानना है। मेरी समस्या अलग है, मैं सोच रहा हूँ कि 1 फुल में 6 लोग, शराब पी रहे थे कि चरणामृत…
संजय कुमार सिंह-
हमारा बिहार… शराब पीना गैर कानूनी है और पी तो छह इंजीनियर गिरफ्तार हो गए। सब भूल कर इसी बहस में लगे है कि गिरफ्तारी सही है कि नहीं और इंजीनियरों के कानून तोड़ने पर कार्रवाई कैसे गलत है।
भाई लोग यह नहीं जानते (मानते) कि नौकरी पहले नहीं थी, धंधा-दुकान वैसे नहीं चलता और शराब भी नहीं पिएंगे तो रहेंगे किस लिए। पर मुद्दा यह नहीं है कि शराब पर प्रतिबंध है तो मिलती कैसे है और बाहर वाला साथ लाकर पी ही ले तो कौन जुल्म हुआ। बाकी कानून है तो लागू होबे करेगा। जैसे सब कानून लागू है।
मुझे तो लगता है कि पकड़ने (मुखबिरी करने वालों भी कह सकते हैं) वालों को उम्मीद होगी कि इंजीनियर बच्चों को बचाने के लिए मोटा माल मिलेगा और सौदा नहीं पटा होगा। वरना प्रतिबंध है तो शराब मिलना ही नहीं चाहिए। और अनिवासियों को अपना लाकर पीने में राहत होनी चाहिए। बाकी जे है से हईये है।
शराबी पीनी ही है तो बिहार में रहने या जाने की क्या जरूरत है?