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एक बड़े मंत्री ने दी थी चैनल पर गुजरात दंगों की कवरेज बंद करा देने की धमकी : राजदीप सरदेसाई

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने पत्रकारिता से जुड़े अनुभवों को एक किताब ‘मोर न्‍यूज इज गुड न्‍यूज’ में बयान किया है। इस किताब में उन्‍होंने एक चौंकाने वाला दावा किया है। सरदेसाई के मुताबिक, उन्‍हें एक हाई प्रोफाइल मिनिस्‍टर ने गुजरात दंगों की कवरेज न करने की धमकी दी थी। ऐसा न करने पर चैनल बंद करवा देने की बात कही थी।

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वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने पत्रकारिता से जुड़े अनुभवों को एक किताब ‘मोर न्‍यूज इज गुड न्‍यूज’ में बयान किया है। इस किताब में उन्‍होंने एक चौंकाने वाला दावा किया है। सरदेसाई के मुताबिक, उन्‍हें एक हाई प्रोफाइल मिनिस्‍टर ने गुजरात दंगों की कवरेज न करने की धमकी दी थी। ऐसा न करने पर चैनल बंद करवा देने की बात कही थी।

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किताब में छपे अंश के मुताबिक, ‘अगर बिग फाइट (टीवी शो) के जरिए एनडीटीवी में मुझे एंकरिंग का अनुभव मिला तो गुजरात 2002 वो वक्‍त है, जो शायद मेरी रिपोर्टिंग का वो पल था जो आज भी याद आता है। इस बारे में काफी कुछ कहा और लिखा जा चुका है। उसमें जोड़ने के लिए बहुत ज्‍यादा कुछ नहीं है सिवाए इसके कि मुझे टीम पर गर्व है, जिसने इस संघर्ष को कवर करने के लिए बेहद मुश्‍क‍िल हालात में काम किया। इस टीम में कैमरापर्सन नरेंद्र और प्रणव, रिपोर्टर संजीव सिंह और नलिन मेहता शामिल थे। मैं और जो कहूंगा वो यही है कि ऐसा कोई दूसरा ऐसा संगठन नहीं है, जहां मैं इतनी आजादी और निर्भीकता से रिपोर्टिंग कर पाता। मुझे याद है कि 2002 में बीजेपी की केंद्र और राज्‍य में सत्‍ता थी। मुझे याद है कि एक हाई प्रोफाइल मंत्री ने मुझे टेलिफोन करके कहा था, ‘अगर तुम दंगा कवर करोगे इसकी कीमत चुकाओगे, राजदीप, हम हमेशा के लिए चैनल पर बैन लगा देंगे।’ मैंने उन्‍हें कहा कि वे इस बारे में रॉय (चैनल के मालिक) को कॉल करें और उनसे बात करें। रॉय ने मुझे एक बार भी कवरेज घटाने के लिए नहीं कहा। उनकी ओर से बस यही संदेश था कि तथ्‍यों पर आधारित बात कहनी है।”

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0 Comments

  1. mk

    July 23, 2016 at 8:33 pm

    ye 2002 ka matter aaj kyon paros rahey hain sir ji…! Aapey galat waqt par issey parosa. Aapko chahiye tha ki theek election ke pahley janta ko parosna…

  2. Avner jose

    July 26, 2016 at 7:16 am

    Ha…Ha….Absolute bullshit by Rajdeep, why was he quiet during UPA rule ?

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