Connect with us

Hi, what are you looking for?

झारखंड

72 साल के बूढ़े पिता ने इकलौते पत्रकार पुत्र को मुखाग्नि देकर दिल्ली छोड़ दिया, मदद की अपील

ज़िंदगी के रंग : जब सेहतमंद थे रमेश… और जब दुर्घटनाग्रस्त होकर भर्ती हुए….

जिंदा दिल, साहसी व कर्मठ पत्रकार रमेश कुमार के निधन से उनके जानने वाले पत्रकार, नेता, समाजसेवी, सरकारी अधिकारी बेहद दुखी हैं. 72 वर्षीय बूढ़े पिता विजय कुमार सिंह ने 3 अक्टूबर की रात 9 बजे अपने एकलौते नौजवान बेटे को निगमबोध घाट पर अग्नि दी. यह दृश्य जिसने भी देखा, वह अब तक सहमा हुआ है. दिल्ली जैसे शहर में पत्रकार होते हुए भी अपने अथक प्रयास से बड़ी बेटी मुस्कान को संस्कृति, दूसरी बेटी चारुलता को सर्वोदय व बेटे अभिराज को DPS मथुरा रोड जैसे स्कूल में पढ़ा रहे थे। अब सब चौपट हो गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रमेश की पत्नी सीमा देवी डिप्रेशन की मरीज हैं. इनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था. झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले रमेश के बहुत कम संबंधी दिल्ली व आसपास हैं. उनका कोई पारिवारिक करीबी दिल्ली में नहीं रहा. लिहाजा बूढ़े पिता अपनी बहू, पोती व पोते को लेकर डालटनगंज चले गए हैं. रास्ते में शुक्रवार की सुबह 5 अक्टूबर को पिता ने बेटे की अस्थियां प्रयागराज (इलाहाबाद) में प्रवाहित कीं।

रमेश का एक्सीडेंट 16 अगस्त को दिन में दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर हुआ था. वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी संबंधी खबर करने भाजपा के मुख्यालय गए थे. दुर्घटना के बाद उन्होंने NDMC में कार्यरत मित्रों को फोन कर बुलाया, जो इन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

घटना में रमेश को रीढ़ संबंधी चोट लगी. इससे वह हाथ-पांव उठा पाने में असमर्थ सा हो गया. इस बीच फेसबुक पर अपना वीडियो डाल कर सभी से दुआएं भी मांगी. कुछ दिन उपचार के बाद अस्पताल ने छुट्टी देकर 21 दिन बाद फिर दिखाने को कहा. हालात में सुधार देखते हुए पिता ने रमेश को डालटनगंज ले जाने का प्रबंध किया.

22 सितम्बर को यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर के पास रमेश की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इसके बाद वापस ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया. वहां फौरी इलाज देकर दिल्ली रैफर कर दिया. RML में लाए तो इमरजैंसी वालों ने रमेश को भाप दी. इससे वो थोड़ा ठीक हुए. इसके बाद अगले दिन ओपीडी में दिखाने को बोला गया. अस्पताल से बाहर आते ही रमेश की तबीयत फिर बिगड़ गई. तब पिता ने निजी अस्पताल की ओर रुख किया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

गंगा राम अस्पताल में बेड नहीं मिला. BLकपूर ने भर्ती नहीं किया. इसके बाद नेहरू नगर स्थित Vimhans अस्पताल में रमेश को भर्ती कराया गया. यहां शुरुआती इलाज में काफी पैसा लग गया. दिल्ली सरकार को जानकारी लगने के बाद रमेश का बाकी इलाज फ्री बेड कोटे से हुआ. बाद में, वेंटिलेटर, आईसीयू पर भी रहे. सुधार होने पर एक तारीख को जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया. 3 अक्टूबर की सुबह 5 बजे रमेश की नब्ज धीमी हुई. डॉक्टर फिर से आईसीयू और वेंटिलेटर पर ले गए. छाती का एक्सरे किया तो मालूम पड़ा कि गड़बड़ ज्यादा हो गई. डॉक्टर ने पिता से कहा कि अब उम्मीद छोड़ दें. अंत में 3 अक्टूबर को सुबह 10:45 बजे रमेश ने अंतिम सांस ली.

सबसे दुखद ये कि रमेश ने अपनी पत्नी का कोई बैंक एकाउंट नहीं खुलवाया. यहां तक कि राशनकार्ड, वोटर कार्ड और आधार तक नहीं बनवाये. इसीलिए अभी रमेश के पिताजी अपने बेटे रमेश का खाता नम्बर ही इस्तेमाल कर रहे हैं और इसमें आए पैसे एटीएम के जरिए निकाल कर घर का काम चला रहे हैं. रमेश को जानने वाले उनके परिवार की आर्थिक सहायता करना चाहते हैं. ऐसे में रमेश का बैंक खाता नम्बर और पिता का मोबाइल नम्बर नीचे दिया जा रहा है. आपसे भी अनुरोध है कि यथा संभव मदद करें.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Ramesh Kumar
A/C : 628102010000711
IFSC : UBIN0562815
Bank : Union Bank of India
Mobile (Ramesh’s Father) : +917903028750


इन्हें भी पढ़ें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

दुर्घटना में घायल नवदोय टाइम्स के पत्रकार रमेश कुमार को बचाया नहीं जा सका

xxx

नवोदय टाइम्स के रिपोर्टर रमेश कुमार सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement