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ईएमएमसी में संविदाकर्मियों की गाढ़ी कमाई पर अफसरशाही की हकमारी

जबसे देश के मुँह पर अफसरशाही की कालिख पुती है, तबसे इंड़िया और भारत के बीच की खाई और भी चौड़ी हो गयी है। बेहयाई और बेशर्मी की तस्वीर तब औऱ भी खूंखार चेहरा अख़्तियार कर लेती है, जब लाख-लाख रूपये की तनख्वाह पाने वाले अफसर अनुबंधित कर्मियों के हक का पैसा खाने लग जाते है और चेहरे पर आदर्शों का नकाब ओढ़े घूमते फिरते है। ईएमएमसी में अधिकारियों की इन्हीं टुच्ची हरकतों से अनुबंधित कर्मी अपने घुटने टेक देते है।

संस्थान में कई ऐसे संविदाकर्मी थे, जिन्होनें पाँच वर्षों से ज्यादा यहाँ काम किया, जब उन्होंने यहाँ से इस्तीफा देकर किसी और दफ्तर की ओर रूख किया तो उनके हक़ के ग्रेच्युटी का पैसा अधिकारियों ने मिलकर खा लिया, जबकि कायदे से ये होना चाहिए था कि संस्थान की पहल पर उन्हें ग्रेच्युटी देने की पेशकश की जाती। ईएमएमसी के इर्द-गिर्द ऐसा ताना-बाना बुना गया है कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, बेसिल और खुद ईएमएमसी का प्रशासनिक विभाग संविदाकर्मियों के पैसे की हकमारी करके जमकर मलाई काट रहा है। सैकडों लोगों के ग्रेच्युटी का पैसा भ्रष्ट अधिकारियों ने डकार लिया।

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बात यहीं आकर नहीं रूकती है भारत सरकार के आदेशों की अवहेलना करने का दुस्साहस यहाँ के अफसरों में कूट-कूटकर भरा है, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा दिनांक 8 अक्टूबर 2018 को जारी पत्रांक संख्या 7/24/2007/E III (A) के अनुसार सभी संविदाकर्मियों में बोनस का पैसा बांटने का आदेश जारी किया गया, इस मद के लिए पैसे भी जारी किये गये थे लेकिन फिर वहीं ढ़ाक के तीन पात, एक बार भष्ट्राचार का पैसा मुँह लग गया तो, कहां चैन आने वाला है। इन अधिकारियों ने वो पैसा भी डकार लिया। लोमड़ी सी चालाकी दिखाते हुए बेसिल के अधिकारियों ने ईएमएमसी के सारे संविदाकर्मियों का बेसिक वेतन एक सा ही रखा है, चाहे एमटीएस हो या सीए, सिर्फ इसी कवायद से ही हर महीने लाखों रुपये भ्रष्टाचार की वेदी पर स्वाहा हो जाते है।

मैं अपना हक़ संस्थान से लेकर रहूंगा चाहे इसके लिए कितनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़े। ईएमएमसी में श्रम कानूनों के उल्लंघन से जुड़े दो केस मैंने लेबर कोर्ट में फाइल कर रखे है, पीएमओ के ग्रिवान्स सेल में भी शिकायत दर्ज करवा दी गयी है। हक की इस लड़ाई में मैंने अपने लिए हर विकल्प खोल रखे हैं, चाहे इसके लिए मुझे CVC, ACB, CBI, DOPT, COURT, PMOPG और लोकपाल कहीं भी जाना पड़े, इसके लिए मैंने खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया है। भष्ट्र अधिकारियों के खिलाफ जरूरी दस्तावेज़ भी इकट्ठे कर लिये गये है। मैं इन अधिकारियों को सिर्फ इतना कहना चाहूँगा, “याचना नहीं अब रण होगा, संग्राम बड़ा भीषण होगा” तैयार रहिए आप लोगों की CR में अब बहुत कुछ नया लिखा जाने वाला है।

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राजन कुमार
पूर्व मीडिया मॉनिटर, ईएमएमसी

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1 Comment

1 Comment

  1. Kumar Gaurav

    July 27, 2019 at 5:02 pm

    Great work Rajan Bhai.
    Emmc तो emmc यहां तक कि becil के कुछ अफ़सर भी इसी नीति पर विश्वास करते हैं।

    “फ्री का चन्दन घिस मेरे नन्दन”

    बहरहाल मेरे लायक कोई सेवा हो तो बताइयेगा।

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