लोकसभा चुनाव नजदीक है. भांति भांति के धंधेबाज नए-नए अंदाज़ में सक्रिय हैं. कभी रोहतक से एक चैनल की फ्रेंचाइजी लेकर चलाने वाले दागधारी घिनहे संपादक के बारे में पता चला है कि उसने अब ओके ओके बोलना बंद करके नई दुकान नोएडा सेक्टर 63 में किसी नए नाम से खोल दी है. यह जमकर वसूली कर रहा है. ज्ञात हो कि इस शख्स का दिल-दिमाग और चेहरा सब दागदार है.
यह दागी संपादक पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये लेकर माइक आईडी बेच रहा है. इसका नया चैनल अभी किसी प्लेटफार्म पर नहीं है लेकिन बेरोजगारी के इस दौर में ढेर सारे युवा इसके झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई के पच्चीस हजार रुपये लुटा दे रहे हैं. कुछ ने भड़ास4मीडिया को दागी संपादक से चैट का स्क्रीनशाट भी भेजा है जिसका संपादित अंश यहां पेश किया जा रहा है…
इस घिनहे संपादक और उसके नए लाए जाने वाली कथित दुकान का नाम यहां इसलिए नहीं खोला जा रहा है ताकि उसे बेवजह की ”बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा” टाइप वाली ब्रांडिंग न मिल जाए. यह दागी संपादक तो लड़कियों के मामले में बहुत खूंखार है. यह रात में शराब पीकर अपने चैनल की हर लड़की के साथ जबरन घटिया और गंदी बातें करता है. वह देर देर रात को फोन करने लगता है. यह अपने यहां काम करने वाली लड़कियों को छेड़ने, परेशान करने और यौन उत्पीड़न करने के मौके खोजता रहता है.
ऐसी ही एक पीड़िता ने इसके खिलाफ हरियाणा महिला आयोग में शिकायत कर रखी है. कंप्लेन की एक कॉपी भड़ास के पास भी है. हरियाणा में एक्सपोज होने के बाद यह दागी संपादक वहां से भाग निकला है और नई दुकान नोएडा में लगाने की फिराक में है. पीड़ित महिला पत्रकार ने कहा है कि चेहरे पर दाग लिए इस गंदे आदमी ने न सिर्फ उसका यौन उत्पीड़न किया बल्कि उसकी तनख्वाह तक दबा गया है. अगर उसने शीघ्र सेलरी न रिलीज की तो उसकी सारी करतूतों की पोल सोशल मीडिया और भड़ास पर खोलूंगी, साथ ही इसे पूरे देश के सामने नंगा करूंगी.
पीड़िता ने खासकर लड़कियों से अनुरोध किया है कि अगर कोई भी दागधारी संपादक उन्हें अपने चैनल में रखे तो कतई न जाएं. वहां हर हाल में शोषण होना तय है. ये छोटी-छोटी दुकानें दरअसल शोषण और ब्लैकमेलिंग के अड्डे भर हैं, इनका पत्रकारिता से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसी जगहों पर लड़कियां एक गड्ढे-दलदल में फंस जाती हैं जिसमें से कम ही निकल पाती हैं.