ईटीवी भारत में कोरोना संक्रमण से संबंधित एक खबर के प्रकाशित होने के बाद ईटीवी प्रबंधन ने भड़ास4मीडिया को लीगल नोटिस भेज दिया है. हालांकि ईटीवी भारत में मीडियाकर्मियों के शोषण, उत्पीड़न, अमानवीय व्यवहार, श्रम कानूनों के उल्लंघन आदि को लेकर दर्जनों खबरें भड़ास पर प्रकाशित हुईं लेकिन कभी नोटिस नहीं भेजा. शायद तब प्रबंधन तक भड़ास की खबरें न पहुंची होंगी या फिर वो खबरें सही रही होंगी. पर अब जब ये लीगल नोटिस मिला है तो ये पुख्ता हो चुका है कि भड़ास की खबरें ईटीवी भारत के मैनेजमेंट के लोग भी पढ़ते हैं.
प्रबंधन के लोगों ने कंपनी का पक्ष भड़ास को मेल पर भेजने की बजाय सीधे लीगल नोटिस के रूप में भिजवा दिया है. इस नोटिस में ज्यादातर बातें भड़ास पर छपी खबर के जवाब में मैनेजमेंट का पक्ष है. तो इस नोटिस को भड़ास के पाठक फिलहाल ईटीवी प्रबंधन का पक्ष मानकर पढ़ें क्योंकि भड़ास हमेशा से दूसरे पक्ष की बात को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है.
रही लीगल नोटिस के जवाब की बात तो भड़ास की लीगल टीम इसका रिप्लाई तैयार करके भेज देगी. वैसे अपनी बहुत दिन से इच्छा भड़ास की एक शाखा दक्षिण भारत में खोलने की है. हैदराबाद इसके लिए मुफीद जगह है. ईटीवी भारत और नेटवर्क18 से निकले हुए बहुत से साथी हैदराबाद में भड़ास के लिए काम करने को तैयार हैं. सो, इसी बहाने अपन की भी साउथ घूमने की इच्छा पूरी हो जाएगी.
भड़ास पर जो भी खबर प्रकाशित हुई है, वह वहां कार्यरत कर्मियों ने ही भेजी है. वहां इंप्लाइज जिस माहौल में काम करते हैं, जो कुछ देखते सुनते हैं, जो कुछ झेलते हैं, वह लिखकर भेजते हैं. अगर प्रबंधन वर्किंग कंडीशन ठीक कर ले तो उसे लीगल नोटिस भिजवाने में पैसे नहीं खर्चने पड़ेंगे. जिस मीडियाकर्मी ने भड़ास के पास खबर को मेल किया, उसने वहां जो कुछ देखा महसूसा उसे लिखा और भेजा. संभव है प्रबंधन के पास आंकड़े / डाटा अलग हो, संभव है प्रबंधन अलग तथ्य बताए. हम प्रबंधन के पक्ष का हमेशा स्वागत करते हैं. प्रबंधन के इस पक्ष को जो लीगल नोटिस के रूप में भड़ास के पास आया है, इसी मकसद से यहां प्रकाशित कर रहे हैं ताकि ईटीवी भारत का पक्ष सामने आ सके.
इस लीगल नोटिस की एक प्रति ईटीवी भारत के किन्हीं प्रसेनजीत सिंह को भी भेजी गई है. ऐसा लगता है कि प्रसेनजीत सिंह ईटीवी भारत में किसी भारी पद (लीगल नोटिस में पीड़ित पार्टी में ईटीवी भारत के बाद इन्हीं का नाम है और इनके नाम के आगे वाइस प्रेसीडेंट लिखा है) पर विराजमान हैं. अत: आगे से जो भी ईटीवी की खबर भड़ास के पास आएगी, उस पर ईटीवी भारत का पक्ष जानने के लिए प्रसेनजीत जी को मेल भेजा जाएगा ताकि कंपनी का पक्ष भी आ सके.
फिलहाल तो भड़ास पर छपी ईटीवी भारत की पिछली खबर को लेकर ईटीवी भारत प्रबंधन का जो पक्ष है, उसे इस लीगल नोटिस में पढ़ लें. रही बात एक करोड़ चालीस लाख रुपये हर्जाना देने की तो अगर हम लोगों के पास इतना ही पैसा होता तो कहीं विदेश भाग चुके होते और वहीं से भड़ास का संचालन करते ताकि कोई लीगल नोटिस न भिजवा पाए 🙂
आखिर में कहना चाहेंगे कि हम लोगों का इरादा ईटीवी भारत या किसी मीडिया संस्थान के खिलाफ जानबूझ कर नकारात्मक खबर छापने का कभी नहीं रहा है. मीडिया संस्थानों के अंदर से जो इनपुट आता है, उसे ही खबर का रूप दिया जाता है. कई बार गलत इनपुट भी मिलते हैं, ये बात सच है. लेकिन ज्योंही प्रबंधन उस गलत फैक्ट की तरफ ध्यान दिलाता है, उसे हम लोग फौरन ठीक कर लेते हैं. इसी क्रम में ईटीवी भारत द्वारा भेजे गए इस लीगल नोटिस के बाद तथ्यों की पड़ताल हेतु संबंधित खबर को अप्रकाशित किया जा रहा है. जांच-पड़ताल के बाद जल्द ही नए सिरे से उसे प्रकाशित किया जाएगा.
आभार
यशवंत सिंह
(एडिटर, भड़ास4मीडिया डॉट कॉम)
Notice from ETV Bharat
BY EMAIL TO YASHWANTDELHI@GMAIL.COM
& REGISTERED POST ACKNOWLEDGEMENT DUE
Ref: N&R/2020/1011
28 July 2020
Shri Yashwant Singh
A-1107, GD Colony, Mayur Vihar Phase III
Delhi – 110096
Phone:- +91 9999330099
Email:- yashwantdelhi@gmail.com
Sir,
Under the Instructions of my clients:
i) ETV Bharat, a division of Ushodaya Enterprises Private Limited, a Company incorporated under Companies Act 1956, having their registered office at 6-3-569/3, Eenadu Complex, Somajiguda, Hyderabad 500082 and Corporate Office at Ramoji Film City, Abdullapurmet Mandal, Ranga Reddy District 501512, represented by Shri Prasenjit Singh, Vice President.
ii) Shri Prasenjit Singh, Vice President, ETV Bharat;
iii) Shri Nishant Sharma, News Editor, ETV Bharat
iv) Shri Sanjay Tripathi, Senior Manager – Operations, ETV Bharat
v) Shri Dilip Khilrani, Senior Manager, ETV Bharat
this notice is issued, in respect of a false and defamatory news report titled “कोरोना हॉट स्पॉट बन रहा है ETV भारत, यहाँ नौकरी करना खतरे से खाली नहीं” which, when translated into English would read “ETV Bharat is becoming Corona Hot Spot, It is dangerous to work here !’, published on 24-07-2020.
Soft copy of the Notice is attached hereto.
Hard copy is being sent by registered post acknowledgement due.
Thanking you,
Yours truly,
G V S Jagannadha Rao
Advocate
Hyderabad






Comments on “ईटीवी भारत ने भड़ास4मीडिया को लीगल नोटिस भेजा, देखें कितना मांगा हर्जाना”
क्या सच लिखना जुर्म है, ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। etv भारत ने नोटिस भेज कर भड़ास निकाली है। होगा… कोई फर्क नहीं पड़ता
लगे रहो भाई
They made a big mistake as I saw in their legal notice. They wrote bhadaas4media.com while it must have been bhadas4media.com
Ohh.. Ho… Iska matlab Samandr me halchal shuru… Sabhi media networks bhadas ko janege
पंजीकृत जबाब नोटिस दिनाँक —-
श्री यशवंत सिंह सम्पादक भड़ास मीडिया नेटवर्क द्वारा अतुल कृष्ण अवस्थी एडवोकेट जबबब प्रेषितकर्ता
Vs
1ETV Bharat, a division of Ushodaya Enterprises Private Limited, a Company incorporated under Companies Act 1956, having their registered office at 6-3-569/3, Eenadu Complex, Somajiguda, Hyderabad 500082 and Corporate Office at Ramoji Film City, Abdullapurmet Mandal, Ranga Reddy District 501512, represented by Shri Prasenjit Singh, Vice President
2ii) Shri Prasenjit Singh, Vice President, ETV Bharat;
iii) Shri Nishant Sharma, News Editor, ETV Bharat
iv) Shri Sanjay Tripathi, Senior Manager – Operations, ETV Bharat
v) Shri Dilip Khilrani, Senior Manager, ETV Bharat जबाब प्राप्तकर्तागण
महोदय ,मुझे मेरे मुव्वकिल ने अपना अधिवक्ता नियुक्त कर आप द्वारा प्रेषित नोटिस दिनांकित
का जबाब देने के लिए निर्देशित किया है।जबाब निम्न है ,व शुद्ध हिंदी में है ध्यान से पढियेगा।
1-,यह कि भड़ास मीडिया नेटवर्क एक स्वतंत्र व सत्य खबरों पर आधारित मीडिया नेटवर्क है।जिसका कार्य समाज व प्रशासन ,कारपोरेट में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त कर एक नुई दीश देने का रहा है।इसके लिए प्रबन्ध तंत्र द्वारा निरन्तर प्रयास किया जाता रहेगा।
2 यह कि आपने भड़ास द्वारा प्रकाशित खबर को पूर्णरूपेण पढ़े बिना हेडिंग को आधार बनाकर विधिविरुद्ध तरीके से नोटिस जारी कर सत्यता को छिपाने के साथ भयभीत करने का प्रयास किया गया है।
3यह कि आप द्वारा प्रेषित नोटिस के अनुपालन में भड़ास पर प्रकाशित खबर की तरफ पुनः आपका ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है जो उक्त है-
ईटीवी भारत के कर्मचारियों में डर का माहौल….. कोरोना का कहर सम्पूर्ण विश्व में फैलता जा रहा है. इस महामारी के प्रकोप से बचने के लिए विभिन्न मार्ग खोजे जा रहे हैं परन्तु अभी इससे निपटने के लिए कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. इस महामारी की चपेट में अनेक मीडिया कंपनियों के कर्मचारी भी आ गए हैं. एक ताज़ा मामला हैदराबाद स्थित ईटीवी भारत मीडिया कंपनी से सामने आया है.
*यहाँ कार्यरत कंपनी के SENIOR MANAGER-HR संजीव कुमार की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है. इसके बाद उन्हें Quarantine कर दिया गया है* . उनके साथ काम करने वाले HR टीम के कुछ लोग अभी भी रोजाना दफ्तर आ रहे हैं. इस खबर के सामने आने के बाद बाकी अन्य कर्मचारियों में डर का माहौल है. कंपनी ने शेष कर्मचारियों के लिए मास्क और सैनिटाइज़र की पूरी व्यवस्था की है.
4यह कि भड़ास मीडिया नेटवर्क द्वारा आपकी कम्पनी द्वारा अपने कर्मचारियों के प्रति किये गए कार्यो का भी उल्लेख किया है जो कि निम्न है ——कंपनी ने शेष कर्मचारियों के लिए मास्क और सैनिटाइज़र की पूरी व्यवस्था की है.
5-यह कि प्रकाशित खबर को यथोचित तरीके से पढ़ेंगे तब आपको ज्ञात होगा कि भड़ास द्वारा प्रकाशित खबर से किसी भी प्रकार से आपकी etv चैनल के सम्मान को कोई ठेस नही पहुँचायी गयी है और न ही आपके चैनल का कोई आर्थिक नुकसान ही कारित हुआ है और न ही आपके चैनल की चलरही TRP में कोई गिरावट दर्ज हुई है। आर्थिक क्षति का स्पष्ट उल्लेख न करने की वजह से आप द्वारा मांग की गई क्षतिपूर्ति अनर् विधि विपरीत है व धमकाकर अवैध वसूली के समान है जो कि IPC की धारा 384 के तहत दण्डनीय भी है।
6-यह कि सम्भवतः आपके सम्पादन विभाग द्वारा प्रकाशित खबर का सही तरीके से रूपांतरण न कर पाने की वजह से आपसे नोटिस भेजने की चूक कारित हो गयी है।
7यह कि आप द्वारा मीडिया नेटवर्क का सम्यक संचालन किया जा रहा है तो आपको यह भी ज्ञात होगा कि चैनल या समाचार पत्रों या वेब पोर्टल पर प्रकाशित खबर से आपत्ति होने पर प्रेस अधिनियम के तहत शिकायत का निस्तारण करने वाले प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष
दर्ज करानी चाहिए थी परंतु आप द्वारा ऐसा नही किया गया है।
मीडिया की सच्चाई दिखाना कोई जुर्म है क्या वहां इंसान ही काम करते हैं। उनकी समस्याओं को उठाना कोई जुर्म तो नहीं। जीतने लोग मीडिया में डिप्रेशन में होंगे शायद ही किसी और संस्थान में होंगे में इस लीगल नोटिस को एक खिसीयाने की खिज मानता हूँ जिस तरह से नोटिस में पैसे की डिमांड की गई है हो सकता है ETV BHART के पास संस्था चलाने के लिए पैसा ना हों। खिसयानी बिल्ली खम्भा नीचे। लगे रहो भाई।
रही बात एक करोड़ चालीस लाख रुपये हर्जाना देने की तो अगर हम लोगों के पास इतना ही पैसा होता तो कहीं विदेश भाग चुके होते और वहीं से भड़ास का संचालन करते ताकि कोई लीगल नोटिस न भिजवा पाए….बहुत खूब। मस्त लाइन लिखी..ऐसे देश में जाकर नहीं बैठ जाते आप जहां न डाक पहुंचती, न ये खुद पहुंच पाते। भाई आप लिखते मस्त हो