Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

उनकी डिग्रियां भी जाली हो सकती हैं मगर उन्हे शर्म क्यों नहीं आती !

क्यों नहीं सभी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों व नौकरशाहों की डिग्रियों का सत्यापन करके देखा जाये? हो सकता है, काफी लोगों की डिग्री फर्जी निकले। कुछ तो नेता व मंत्रियों के फर्जी डिग्री के मामले आज कल चर्चा में भी है, यहां तक कि तमाम ऐसे लोग विदेशी डिग्री भी लिए फिरते हैं। लोक सेवा आयोग, इलाहाबाद के अध्यक्ष, अनिल यादव की डिग्री/मार्कशीट का सत्यापन कराया जाये, हो सकता है कि अवश्य फर्जी निकले ! आम आदमी क्या करे, उसे तो जेल में डालना आसान है, इन बड़ों को कौन पकड़े?

क्यों नहीं सभी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों व नौकरशाहों की डिग्रियों का सत्यापन करके देखा जाये? हो सकता है, काफी लोगों की डिग्री फर्जी निकले। कुछ तो नेता व मंत्रियों के फर्जी डिग्री के मामले आज कल चर्चा में भी है, यहां तक कि तमाम ऐसे लोग विदेशी डिग्री भी लिए फिरते हैं। लोक सेवा आयोग, इलाहाबाद के अध्यक्ष, अनिल यादव की डिग्री/मार्कशीट का सत्यापन कराया जाये, हो सकता है कि अवश्य फर्जी निकले ! आम आदमी क्या करे, उसे तो जेल में डालना आसान है, इन बड़ों को कौन पकड़े?

सियासतदानों की फर्जी डिग्री के मामले में उत्तर प्रदेश शायद देश में अव्वल आ सकता है। काफी नेताओं व नौकरशाहों को शायद जांच होने पर गद्दी छोड़नी पड़ जाए। आपराधिक मामलों की तो बात ही नहीं कहिये। सजायेअफ्ता नेता व नौकरशाह तमाम कुर्सियों पर जमे बैठे हैं, कौन हटाएगा ? तभी तो हम कहते हैं – ” ऐसे सब लोग …….. मस्त और जनता त्रस्त !

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुछ राजनेता हाई स्कूल/इंटरमीडिएट तक में अध्यापन किए होंगे परन्तु प्रोफेसर लिखते है। क्या ये सही है? प्रोफेसर का पद उच्च शिक्षा धारक काफी मशक्कत और सहायक प्रोफेसर के रूप में 26 साल के अनुभव, प्रोन्नति के बाद प्राप्त होता है । यहां तो कोई भी मंत्री/विधायक/सांसद झूठी शान बघारने के लिए अपने नाम के पहले प्रोफेसर साहब लिखे फिरता है। कोई शर्म नहीं आती उन्हें। प्रोफेसर का पद बड़ा उच्च व सम्मानजनक होता है। विदेशों में बड़ी इज्जत होती है । कुछ राजनेता मानद पीएचडी या डीलिट पा जाते हैं, Vice Chancellors की चमचागिरी की बदौलत।

कोई मेरी ‘मंत्री’ तोमर के प्रति सहानभूति नहीं है परन्तु यह कोई पहला या अंतिम मामला ऐसा नहीं। उत्तर प्रदेश में तो नक़ल माफिया/शिक्षा माफिया से जो डिग्री, जिस स्तर तथा जिस श्रेणी की फर्जी मार्कशीट या डिग्री लेना चाहो ले लो, बाज़ार खुला है, बोली लगाने वाला चाहिए। ट्रान्सफर/पोस्टिंग/प्रमोशन सबकी बोली लगती है यंहा तो।

Advertisement. Scroll to continue reading.

“फर्स्ट एडवांटेज” नामक संस्था द्वारा सर्वे में बताया गया कि भारत में नौकरी पाने के लिए आवेदनकर्ताओं में 50% अभ्यर्थी फर्जी डिग्री/अनुभव प्रमाण पत्र/पहचान पत्र के साथ आते हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में 2500 फर्जी विश्वविद्यालय और 7500 नकली कंपनियां हैं। उत्तर प्रदेश इस मामले में सर्वाधिक खराब साख वाले राज्यों में से एक है। CBCID द्वारा हाल ही में 18 लखनऊ यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री धारकों को BTC के एडमिशन के बाद पकड़ा गया। मुज़फ्फरनगर की एक अदालत ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 9 अधिकारियों के खिलाफ इस मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया।

मई 2015 में लखीमपुर खीरी में 29 फर्जी डिग्री धारक, शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षकों को पकड़ा गया । इन्ही पदों के लिए 47 अभ्यर्थी BPED की फर्जी मार्क शीट तथा 45 फर्जी BA की डिग्री के साथ पकड़े गए। 2010 में मुजफ्फरनगर में District Institute of Education & Training (DIET) में 19 कर्मचारी लखनऊ विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के साथ CBCID ने पकड़े। इलाहाबाद विश्वविद्यालय जो गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा के लिए जाना जाता है, में भी चालू शैक्षणिक सत्र में ही कम से कम 129 फर्जी डिग्री के मामलों का पता चला है ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मई १४, २०१४ को फर्जी तरीके से परिषदीय विद्यालय में नौकरी करने वाले एक शिक्षक की सेवा बीएसए ने समाप्त कर दी। पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेखूपुर अजीत में तैनात सहायक अध्यापक की बीएड डिग्री फर्जी निकल आने पर बीएसए ने शिक्षक की सेवा खत्म कर दी।

जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय में एक गुरुजी की काबिलियत को लेकर सवाल उठा तो जज मुजफ्फर हुसैन अतर ने बरोज बीते जुमा सुनवाई करते हुए हकीकत से खुद ही रूबरू होने का फैसला लिया और गुरुजी को खुली अदालत में ही गाय पर निबंध लिखने का हुक्म दे दिया। गुरुजी हक्का-बक्का और पसीने-पसीने हो गए। कहने लगे कि अदालत कक्ष के बाहर लिखने की इजाजत दी जाए। वह भी जज साहब ने कुबूल कर ली (शायद जज साहब को लगा हो.. अदालत में इसे घबराहट हो रही होगी)। दरअसल, मामला यह था कि शिक्षक मो. इमरान खान ने बोर्ड ऑफ हाइयर एजूकेशन दिल्ली, नागालैंड ओपन यूनिवर्सिटी से डिग्रियां ले रखी थीं जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इन्हीं के आधार पर उसे शिक्षक की नौकरी दे दी गई, क्योंकि डिग्री में गुरुजी को उर्दू में 74, अंग्रेजी में 73, गणित में 66 अंक मिले थे यानी डिग्रियों के मुताबिक वो टॉपर हैं, सो नौकरी मिल गई। इसी पर एक याचिका प्रस्तुत की गई और यह सच्चाई सामने आई ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सबसे सनसनीखेज मामला अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय का है , जंहा से कुख्यात आतंकवादी मोहम्मद आतिफ के कब्जे से अलीगढ़ विश्वविद्यालय की फर्जी स्नातक की डिग्री मिली । उत्तर प्रदेश में नकल माफिया की पोल तो ‘वास्ट’ नामक संस्था खोलती ही रहती है । उसके श्रोत हैं : http://indianexpress.com/…/fake-degree-row-delhi-court-den…/

http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/47621423.cms

Advertisement. Scroll to continue reading.

http://www.mapsofindia.com/…/educational-frauds-in-india-fa…

https://www.facebook.com/UPBASICEDUCATIONNEWS/posts/482061901913412

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement