Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

फिल्म ‘फालेन लीव्स’ प्रेम की एक अविस्मरणीय कहानी है

अजित राय-

76 वें कान फिल्म समारोह के प्रतियोगिता खंड में दिखाई गई फिनलैंड के अकी कौरिस्माकी की फिल्म ‘फालेन लीव्स’ प्रेम की एक अविस्मरणीय कहानी है जबकि तुर्की के नूरी बिल्गे सेलान की ‘ड्राई ग्रासेस ‘ मनुष्य और मौसम के रिश्तों का फोटोग्राफिक उत्सव है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत के लोग फिनलैंड को नोकिया फोन से जानते हैं। फिनलैंड के बारे में प्रचारित है कि वह दुनिया का 16 वां सबसे अमीर देश है जहां के नागरिकों को हर तरह की सुरक्षा हासिल है, कि वह दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। कम से कम गूगल हमें यहीं बताता है। खबरें आ रही है कि जापान के बाद फिनलैंड दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा आत्म हत्याएं होती है। खुशहाली और आत्म हत्याएं दोनों विरोधी तथ्य है और एक साथ कैसे सत्य हो सकते हैं।

अकी कौरिस्माकी की फिल्म’ फालेन लीव्स ‘ हमें युद्ध के खतरे के बीच एक प्रेम कथा के जरिए फिनलैंड का दूसरा सच दिखाती है। ठीक वैसे ही जैसे एशिया के सबसे अमीर देशों- जापान और दक्षिण कोरिया – के फिल्मकारों हिरोकाजू कोरे ईडा ( शापलिफ्टर) और बोंग जून हो ( पारासाइट) ने पसरती दारुण गरीबी को दिखाया था। ‘ फालेन लीव्स ‘ में यदि रेडियो पर रूस यूक्रेन युद्ध की खबरें न हों तो माहौल को देखकर लगता है कि हम साठ के दशक में पहुंच गए हैं। हालांकि इसी 4 अप्रैल 2023 को फिनलैंड रूस के विरोध के बावजूद नाटो का सदस्य बन गया। यह भी सही है कि नाटो के दूसरे सदस्य देशों – जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड या अमेरिका की तुलना में फिनलैंड पर युद्ध का खतरा ज्यादा है क्योंकि उसकी सीमाएं रूस से लगती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अंसा एक डिपार्टमेंटल स्टोर में काम करती है। एक दिन एक्सपायर हो चुके सैंडविच उठाकर घर लाने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। वह एक बार में काम करने लगती है। एक रात काम खत्म करने के बाद ट्राम स्टेशन पर उसे नशे में धुत्त एक आदमी मिलता है जो इतनी शराब पी चुका है कि हिल डुल भी नहीं सकता। उसका नाम होलप्पा है। एक दिन अचानक दोनों फिर मिलते हैं और साथ साथ फिल्म देखने जाते हैं। पर्दे पर जिम जारमुश की फिल्म डेड डोंट डाई चल रही है। अंसा उसे एक कागज पर अपना नंबर देती है। उसके जाने के बाद जेब से शराब की बोतल निकालते हुए वह कागज नीचे गिर जाता है जिसपर अंसा का फोन नंबर लिखा है। एक अस्थाई शेल्टर में होलप्पा रातें बिताता है। दूसरे दिन वह पागलों की तरह अंसा का नंबर खोजता है जो खो चुका है। सिनेमा हाल के पास बार बार जाता है इस उम्मीद में कि अंसा मिल जाए। ड्यूटी पर शराब पीने के कारण होलप्पा को बार बार नौकरी से निकाल दिया जाता है।

एक दिन जब अंसा बार पहुंचती है तो देखती है कि पुलिस बार मालिक को गिरफ्तार करके ले जा रही है। उसे पता चलता है कि वह बार की आड़ में ड्रग बेचता था। अब वह कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूरी करने लगती है। एक दिन अचानक अंसा और होलप्पा दोबारा मिल जाते हैं। अंसा उसे अपने घर डिनर पर बुलाती है। वह एक कमरे का साधारण सा अपार्टमेंट है जिसे उसकी दादी ने उसे दिया था। पहली बार वह स्पार्कलिंग वाईन और एक प्लेट चम्मच छुरी कांटा खरीदती है। शायद ज़िन्दगी में पहली बार उसके घर कोई मेहमान आने वाला है। डिनर के वक्त होलप्पा एक ही घूंट में वाइन का ग्लास खत्म कर देता है। जब अंसा रसोई में जाती है तो वह अपनी जैकेट से शराब की बोतल निकालता है और पीने लगता है। अंसा देख लेती हैं और कहती हैं कि वह नशे में धुत्त शराबी को अपने यहां नहीं रख सकती।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दिन बीतते हैं और दोनों एक दूसरे के लिए तड़पने लगते हैं। प्रेम तो घटित हो चुका है। एक सुबह होलप्पा थैली से शराब की सारी बोतलें निकालकर बाहर फेंक देता है और अंसा को फोन करता है कि उसने शराब छोड़ दी और उससे मिलना चाहता है। उसके पास ढंग के कपड़े भी नहीं है। दोस्त से कपड़े उधार लेकर वह अंसा से मिलने निकलता है और एक तेज रफ्तार गाड़ी की चपेट में आ जाता है। अब वह अस्पताल में है और कोमा में हैं। कुछ दिन बाद अंसा को पता चलता है तो वह अस्पताल जाती हैं। डाक्टर कहती है कि वह होलप्पा को पढ़कर कुछ सुनाए तो शायद वह होश में आ जाए। धीरे-धीरे वह ठीक होने लगता है। एक नर्स उसे अपने पूर्व पति के कपड़े लाकर देती है। अंतिम दृश्य में हम बैसाखी के सहारे होलप्पा को अंसा के साथ विशाल मैदान से गुजरते हुए देखते हैं।

फिनलैंड जैसे अमीर देश में गरीबी के आखिरी पायदान पर जी रहे अंसा और होलप्पा की इस मार्मिक प्रेम कहानी के माध्यम से अकी कौरिस्माकी ने आधुनिक यूरोपीय पूंजीवादी सभ्यता का अंधेरा दिखाया है जिस तरफ हमारा ध्यान अक्सर नहीं जाता। कैमरा बार बार फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी की चमक-दमक से अलग तलछंट की धूसर जिंदगी को फोकस करता है। अंसा और होलप्पा दुनिया भर के बेघर लाचार और बेरोजगार मानवता के प्रतीक हैं जिनके आसपास अश्लील अमीरी की चकाचौंध बढ़ती जा रही है। इस सुखांत प्रेमकथा के पीछे की कहानी सचमुच हृदयविदारक है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

तुर्की के दिग्गज फिल्मकार नूरी बिल्गे सेलान की फिल्म ‘ड्राई ग्रासेस ‘ पश्चिमी अनातोलिया प्रांत में ले जाती है जहां दो ही मौसम होते हैं। एक भयानक बर्फबारी का और दूसरा सूखी घासों का , यानी गर्मी और सर्दी। ऐसे ही बर्फीले पहाड़ी इलाके के गांव के एक स्कूल में इंतांबुल से तबादला लेकर एक शिक्षक आता है – समत। वह अपने सहकर्मी और युवा केनान के साथ एक ही घर में रहने लगता है। एक दिन क्लास में चेकिंग के दौरान एक चौदह साल की आकर्षक लड़की की नोटबुक में समत के नाम लिखा एक प्रेम पत्र मिलने से हंगामा खड़ा हो जाता है। विभागीय जांच होती है, पर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं होती। पर समत और केनान को भयानक अपमान से गुजरना पड़ता है। अंग्रेजी की एक दूसरी शिक्षिका नूरे से दोनों एक साथ आकर्षित होते हैं। वह केनान को अधिक पसंद करती हैं।

एक रात समत को वह अपने घर बुलाती है। वह अकेले रहती है। रात को हमबिस्तर होने से पहले वह लाइट आफ करने को कहती हैं। वह अपने कपड़े उतारती है तो पता चलता है कि उसका एक पैर कटा हुआ है और वह नकली पैर लगाती है। हालांकि समत उसके साथ सेक्स करता है और यह बात वह केनान को दूसरी सुबह बता देता है। जाहिर है इस घटना के बाद समत, केनान और नूरे के रिश्तों का इंद्रधनुष बदलने लगता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दूसरी ओर प्रेम पत्र पकड़े जाने के बाद समत और उसकी किशोर स्टूडेंट सेविन के आपसी रिश्तों में भी रहस्यमय टकराव शुरू होता है। नूरी बिल्गे सेलान ने किसी साहित्यिक कृति की तरह बर्फ, पानी, पहाड़, घास, स्कूल, गांव और प्रकृति को फिल्माया है। अधिकांश दृश्य फोटोग्राफिक पैनोरमा की तरह है। पटकथा और अभिनय इतना असरदार है कि करीब साढ़े तीन घंटे की फिल्म कब खत्म हो जाती है, पता ही नहीं चलता। नूरी बिल्गे सेलान को दस साल पहले उनकी फिल्म ‘ विंटर स्लीप ‘ के लिए कान फिल्म समारोह ( 2014) में बेस्ट फीचर फिल्म का ‘ पाम डि ओर ‘ पुरस्कार मिल चुका है। इस साल भी उनकी फिल्म इस पुरस्कार की प्रबल दावेदार है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement