ये झारखंड है। यहां सब संभव है। एकतरफ आपराधिक मामलों में वांछित व्यक्ति के सम्बंध में हाईकोर्ट जानकरी मांग रहा है, वहीं रांची पुलिस उसे चार अंगरक्षक मुहैया करा रखी है। यहां ये बताते चलें कि न्यूज 11भारत चैनल के संचालक अरुप चटर्जी पर चल रहे 22 मामलों में से चार मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी है।
एक तरफ पुलिस उसे फरार बता गिरफ्तार नहीं कर रही, वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस की मेहरबानी देखिए, चार मामलों में जिसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट वर्षों से जारी हो उसे चार सशस्त्र अंगरक्षक मुहैया कराए गए हैं। मतलब रांची पुलिस फरार आरोपियों को भी बाडीगार्ड देती है। गनीमत है अरुप चटर्जी पर केवल चार मामलों में ही गिरफ्तार करने का आदेश न्यायालय का है वरना उसके खिलाफ चल रहे 22 मामलों में गिरफ्तार करने का आदेश होता तो चार की जगह 22 बाडी गार्ड झारखंड पुलिस दे देती!
पिछले दिनों आपने पढा कि न्यूज 11 भारत के संचालक, निदेशक के आपराधिक इतिहास उसकी पृष्ठभूमि के बारे में रांची हाईकोर्ट ने जेल अधीक्षक से जानकारी मांगी थी। न्यूज 11 भारत के निदेशक पर 22 मामले चल रहे हैं। मामला चलना कोई बड़ी बात नहीं। मामले तो चलते ही रहते हैं, पर एकतरफ जहां पुलिस जिस आरोपी को फरार बता रही है, गिरफ्तारी वारंट के बावजूद गिरफ्तार नहीं कर रही, न्यायालय को झूठ बता रही है, वहीं उसे अंगरक्षक मुहैया करा रही है, जिसका भौकाल दिखा वो केस करने वालों और गवाहों को धमकी दे रहा है।
अब इसे रांची एस एस पी से अरुप की यारी का सबब मानें, रांची पुलिस की मेहरबानी मानें या झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों की कारगुजारी। पर सच यही है कि फिलवक्त पुलिस की डायरी में फरार अरुप चटर्जी झारखंड पुलिस के सुरक्षा में अपने कारनामों को अंजाम देने में लगा है।
रांची से एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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