Shambhunath Shukla-
रवीश कुमार को मैगसेसे मिला। यह बहुत बड़ा पुरस्कार था। किंतु अपने प्रधानमंत्री चुप साध गए। यही नहीं आईटी सेल के तीरंदाज़ ख़ार खाये बैठे रहते हैं। रवीश के नाम पर ही गालियाँ शुरू। लेकिन कस्तूरी की महक छुपती नहीं है।
टोरंटो यूनिवर्सिटी में यह पोस्टर मुझे मिला तब पता चला कि रवीश कुमार पर विनय शुक्ला ने एक फ़िल्म बनायी है और वह फ़िल्म टोरंटो फ़िल्म फ़ेस्टिवल में दिखाई जाएगी।
यह अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह है। यह समारोह 5 से 18 सितंबर तक चलेगा। TIFF 2022 में ईमानदारी के साथ बनी फ़िल्में दिखाई जाएँगी। बहरहाल हमारा पूरा परिवार इस समारोह में हिस्सा लेगा। यह तो वही कहावत हुई कि “कस्तूरी कुंडल बसे मृग ढूँढे वन माहिं!”
रवीश मेरे पड़ोसी हैं लेकिन उन पर फ़िल्म देखूँगा 12 हज़ार किमी दूर टोरंटो में। काश इस मौक़े पर रवीश टोरंटो आते तो मज़ा आ जाता।
Udan Tashtari-
वक्त पहचानता है – उसे परख है सही गलत की। एक व्यक्ति जो संस्था बन गया हो, अपने लिए नहीं बल्कि हर उस आवाज के लिए जो सुनाई नहीं देती, जो सुनी नहीं जाती – उसे मिलता है अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का सम्मान!
‘इश्क में शहर होना’ के रचियता के इश्क में आज पूरा विश्व स्तरीय फिल्म फेस्टिवल हो गया है।
टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 में मित्र रविश कुमार पर बनी डाक्यूमेंट्री ‘“While We Watched” का शामिल होना एक गर्व का विषय है। यही वो विश्वास है जो घोषित करता है कि आवाज और कलम की ताकत सर्वोपरि है, एक सुकून का सबब – बधाई।
देखें डिटेल- https://tiff.net/events/while-we-watched