लीजिए साहब. लाकडाउन में ढेर सारे पत्रकार मित्रों की ‘जूम’ के जरिए डिबेट-गोष्ठी, चर्चा-परिचर्चा करने-कराने की सक्रियता को देखते हुए मेरे जैसा आलसी आदमी (अब हो चुका हूं, पहले नहीं था, क्योंकि अब समझ गया हूं काम करना और न करना दोनों बराबर है) भी एंकर बन गया.
जीवन का पहला आनलाइन डिबेट शो आयोजित कर दिया. बहुचर्चित ‘जूम’ के जरिए.
शुरुआत कई मामलों में रिकार्डतोड़ रही.
गेस्ट के रूप में कौन कौन शामिल होगा, ये बिलकुल तय न था. मैंने ‘जूम’ का लिंक अपने उस ह्वाट्सअप ग्रुप में डाल दिया जिसमें हम कुछ दर्जन लोग खाने-पीने की तस्वीरें आदि शेयर करते हैं. तय समय आज के शाम पांच बजे पांच छह साथी आ गए.
हां, वरिष्ठ पत्रकार और अमर उजाला बनारस में मेरे संपादक रहे संजीव क्षितिज सर को जरूर कल ही एडवांस में बता दिया था कि एक आनलाइन परिचर्चा में आपको शिरकत करना है. संजीव सर का बड़प्पन है कि उन्होंने मना नहीं किया और जूम लैपटाप पर इंस्टाल कर डिजिटल बैठकी में शरीक हो गए.
इनके अलावा टेक्नोक्रेट दिवाकर सिंह, अंकित माथुर भाई, नवीन सिन्हा जी, लक्ष्मीनारायण शुक्ला जी डिबेट में जुड़ गए.
इस डिबेट में कुछ भी तय नहीं था. न गेस्ट, न टापिक. बस मोटामोटी ये था कि कोरोना पर जो नई एडवाइजरी मोदी सरकार ने जारी की है, उस पर बात की जाएगी. पर बात इसके अलावा भी बहुत सारे टापिक पर हुई.
जूम कितना सेफ है, इस पर भी बहस जूम पर आयोजित परिचर्चा में हो गई.
ऐसा न हो कि ये डिबेट रिकार्ड होकर सेव न हो, इस डर से बीच बहस सेव करने की कोशिश की जाने लगी.
एक साथी इस डिबेट को बड़े हल्के अंदाज में लेते हुए सिगरेट पीने लगे थे बातचीत के दौरान ही. बताइए भला, ये कौन सी बात हुई. मार पिटाई कुटाई तो लाइव हुई है न्यूज चैनलों के डिबेट में, कई एंकर मदिरा भी पीते देखे गए हैं चाय के कप में पर कोई धुआं उड़ाता आजतक न दिखा था. तो ये रिकार्ड भी भड़ास के नाम हो गया.
मैंने गिलास में नीबू पानी रखा था और बीच बहस पीता रहा, तो ये भी ठीक रहा कि मैडेन डिबेट शो में एंकर सूखा भूखा न रहा, खाता-पीता दिखा.
एंकर भारतीय परिवेश वाला दिखा. गमछा गले में डाले. तो इस तरह से हम लोगों ने टाई कोट वाली एंकर परिधान की आयातित परंपरा को निषेध कर अपनी संस्कृति को बढ़ावा दिया.
कोरोना की मार से प्रिंट मीडिया का क्या भविष्य होगा, इस पर बहुत तथ्यात्मक बात की वरिष्ठ पत्रकार संजीव क्षितिज सर ने. इसे मीडिया से जुड़े लोगों को जरूर सुनना-समझना चाहिए.
जूम पर इस डिबेट में किस गेस्ट के पीछे कैसा बैकग्राउंड है, कौन गेस्ट ज्यादा सुंदर दिख रहा है, इसका भी उल्लेख एंकर महोदय ने कर माहौल को हल्का फुल्का रखने की कोशिश करी.
इसका असर हुआ कि किसी भी गेस्ट ने भारीपन फील नहीं किया, ओढ़ी हुई गंभीरता महसूस न की. सब नार्मल मोड में रहे. वो कहते भी हैं न- सहजे लगे समाधि रे!
चलिए, आग़ाज़ हो गया है. चर्चाएं आगे भी होती रहेंगी. आप भी हिस्सा लेना चाहते हैं तो हमें जरूर बताएं. बस आपके लैपटाप में जूम इंस्टाल होना चाहिए, नेट अच्छा होना चाहिए. बेहतर रहे कि ब्राडबैंड कनेक्शन हो.
आपको भी जरूर बुलवाया जाएगा क्योंकि हम लोग डिबेट में पचर पचर बकर बकर कर पकाने वाले नकली गेस्ट नहीं बुलाएंगे. सब खरे सोने होंगे. धरती से जुड़े.
तो अब आप देख ही लें भड़ास के पहला डिबेट शो का वीडियो-
वीडियो देखने के बाद जरूर बताएं कि इस डिबेट शो का नाम क्या रखा जाए. नीचे कमेंट बाक्स में अपना मत जरूर लिखें.
जैजै
यशवंत
एडिटर, भड़ास4मीडिया
[email protected]
Mohammad Haider
May 11, 2020 at 7:10 pm
Iss debate ka Naam “Man Ki Asli Baat” rakhna uchit hoga.
फैसल खान
May 11, 2020 at 7:33 pm
भड़ास वाले बाबा की जय हो,अब न्यूज़ एंकरों के दिन भी खत्म ही समझिए यहां भी यशवंत दद्दा बाज़ी मार लिए हैं-फैसल खान यू पी 24 न्यूज़
आनन्द मिश्रा
May 11, 2020 at 7:51 pm
बहुत सुंदर
दीपक अहलूवालिया
May 11, 2020 at 9:28 pm
यशवंत भाई ये एक बेहतरीन प्रयास है, यह T.V. की बेफजूल बकवास (बहसों) से बहुत अच्छा है, एक सार्थक प्रयास के लिए बहोत बहोत बधाई
Ram Janam Yadav
May 11, 2020 at 9:30 pm
जै जै भैया नमस्कार,
आपके द्वारा बहुत ही उत्कृष्ट पहल की जा रही है इस प्रकार की डिबेट लाजमी है क्योंकि आजकल गोदी मीडिया से लोग ऊब चुके हैं डिबेट के नाम पर शोर मचाना चीखना चिल्लाना कहां तक उचित है इस नेक काम के लिए आप बधाई के पात्र हैं, जिस तरह से आपका भड़ास प्लेटफॉर्म लोगों को रास आ रहा है उसी प्रकार इस डिबेट का नाम भी “भड़ास पोल खोल मीडिया डिबेट” रखा जाए हालांकि मुझे नहीं लगता कि आपको मैं सुझाव देने के काबिल हूं लेकिन आपके भड़ास पोर्टल पर जिस तरह से खबरों का पोस्टमार्टम किया जाता है पढ़कर बहुत आनंद महसूस होता है क्योंकि भड़ास पर सभी के साथ न्याय किया जाता है बिना भेदभाव के बस आप निरंतर अपने इस कार्य पर आगे बढ़ते रहें जिससे कि हम जैसे लोग भी आपसे कुछ सीख सकें,
आपका भड़ास निरंतर प्रगति करें और अपने एजेंडे को कामयाबी की बुलंदियों को छूते हुए आने वाले नई पीढ़ी के पत्रकारों को सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता रहे, वैसे भी जिस तरह से भड़ास के पाठकों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है इसको देखते हुए आपके लिए ज्यादा मुश्किल कार्य नहीं है आप तो इस खेल के पुराने माहिर खिलाड़ी भी हैं बस इस उम्मीद के साथ कि कभी आपके संरक्षण में काम करने का कोई मौका हमें भी मिले जिससे जीवन में कुछ सीख कर आपके सानिध्य में आगे बढ़ सके इसी तरह आपका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे ।
आपका अनुज – रामजन्म यादव जी. एन. ए. न्यूज़ (साप्ताहिक) गाजियाबाद
धर्मवीर डॉन
May 11, 2020 at 9:59 pm
इस सराहनीय पहल के लिए यशवंत भाई को साधुवाद।बधाई ,धन्यवाद।
सुमित
May 11, 2020 at 10:07 pm
अच्छा प्रयास आपको बधाई
इसी तरह विभिन्न विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान जारी रखें। शुभकामनाएं।
Manoj Thakur
May 11, 2020 at 10:48 pm
सादे लोग, सच्ची बातें
विजय सिंह
May 12, 2020 at 1:05 am
1.कोरोना भड़ास चर्चा
2.कोरोना भड़ास वेबिनार
3. Bhadas webinar on Corona
बेहतर पहल ,यशवंत जी ।
निरंतरता बनाये रखें ।
Rahul Mishra
May 12, 2020 at 6:02 am
भड़ासी डिबेट
Dinesh Prasad Gupta
May 12, 2020 at 8:06 am
बहुत अच्छा लगा। लगातार होना चाहिये