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फ़ोर्ड कंपनी के ऑथोराईज्ड सर्विस स्टेशन की राय पर भरोसा करता तो लंबा चूना लगता!

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अशोक कुमार शर्मा-

GoMechanic के एक्सीलेंट ऑटो वर्कशॉप की वजह से मैं बच गया अपनी फोर्ड इकोस्पोर्ट टाईटेनियम (अगस्त 2014) को कौड़ियों के भाव बेचने से! मुझे मेरी गाड़ी में बिना किसी जांच के केवल टेस्ट ड्राइविंग के बाद मोटे तौर पर 70 हज़ार का काम बताया गया था, लेकिन गो-मेकेनिक एप से बुकिंग कर के जांच कराई तो मेरा 70 गुना कम खर्च हुआI लगभग एक हज़ार रूपये में ही मेरा काम हो गया!

यकीन करने के लिए ज़रा इस आलेख को पूरा पढ़िए और सोचिये कि क्या कहीं आप भी तो ऐसी धोखाधड़ी का शिकार नहीं हो रहे?

पिछले सप्ताह फ़ोर्ड कंपनी के ऑथोराईज्ड सर्विस स्टेशन ने मेरी फोर्ड इकोस्पोर्ट टाईटेनियम (अगस्त 2014) के निरीक्षण के बाद उसके सस्पेंशन, क्लच और इंजन माउन्टिंग की मरमत में 70 से 80 हज़ार रुपये का खर्च बताया थाI कहा तो यह भी गया कि स्टीयरिंग में आवाज़ है उसे भी बदलना पड़ेगा, अन्यथा कभी भी हाइवे पर फेल हो सकता हैI

यदि आप यह सुनते तो क्या करते? या तो अपनी गाड़ी बेचने का फैसला या फिर उसे मरम्मत कराने का! मैंने भी यही कियाI पूरा हफ्ता मारूति, होंडा, हुँदै और टाटा की गाड़ियों को देखने और मन मसोस कर, नयी कार खरीदने का फैसला लेने के साथ ही अपनी दस लाख की गाड़ी को तीन लाख में बेचने की घुटन में गुजारा I सस्ते में बेचना नहीं चाह रहा था और महंगी मरम्मत से दिल बैठा जा रहा थाI ऐसे में सरकारी नौकरी के एक नियम ने दिमाग में दस्तक दीI “जब भी किसी मामले में संदेह या भ्रम हो, दूसरे किसी एक्सपर्ट से राय ज़रूर लेनी चाहिए !” लेकिन फोर्ड गाड़ियों के मामले में खुद फोर्ड कम्पनी के सर्विस स्टेशन से बढ़कर कौन हो सकता है?

गूगल पर सर्च किया, “फोर्ड इको स्पोर्ट एक्सपर्ट रिपेयर्स नियर मी” तो मेरे घर के पास एक्सपर्ट के बारे में बहुत से जवाब आयेI सबकी तारीफों के बारे में पढ़ा और कुछेक को यह बिना बताये बात भी की कि मेरी फोर्ड में मुझे कितना खर्च बताया गया हैI सभी के आकलन धन कमाने की नीयत और मरम्मत से काफी पहले ही कुछ वसूली की नीयत से थे I केवल एक कम्पनी गो मैकेनिक की मोटर वर्कशॉप का कहना था कि कम्पनी से बुकिंग सौ रूपये में गाड़ी का इंस्पेक्शन करा लीजियेI इंस्पेक्शन की फीस जमा करा के मैं चिनहट के ओवर ब्रिज के सर्विस लेन में एक्सीलेंट ऑटो पर पहुंचा, तो खुद कम्पनी के मालिक फैज़ुल्लाह और उनके ऑटो इंजीनियर भाई अब्दुल्लाह ने मेरी गाडी की अनेक तरह से जांच कीI

दोनों भाईयों के वर्कशॉप में मैंने मर्सीडीज़, बीएमडब्लू, टोयटा और अन्य कम्पनियों की अनेक गाड़ियां करीने से लगी देखींI एक मर्सीडीज़ आसमान में टंगी थी और उसकी जांच चल रही थीI

आधे घंटे के बाद उनका कार स्कैनर कंप्यूटर खाली हुआ तो उसकी इनपुट मशीन मेरी फोर्ड में लगाने के बाद मेरी गाडी के सिस्टम की जांच शुरू हुईI पता चला कि हर चीज़ एकदम दुरुस्त हैI फिर गाडी को उठाकर जांच हुई, पता चला सस्पेंशन भी ठीक हैI केवल इंजन माउन्टिंग के रबर के गुटखे कुछ खराब लग रहे थे उनकोI स्टीयरिंग भी ठीक निकलाI स्टीयरिंग और गाडी के अन्य भागों की पॉवर सप्लाई “चकाचक” थीI रियर विंड शील्ड का वाइपर ब्लेड उनको बदलने लायक लगाI एक काम उनके यहाँ नहीं होता था, टायर बदलने काI मुझे कहा गया कि एन टायर पिछ्ला और ड्राईवर साइड का एक टायर बदलने लायक हैI बचे दोनों टायरों को पिछली ओर लगवा लें और दो नए टायर खरीद कर आगे लगा लेंI इंजन मौंउटिंग कुछ दिन में बदल देंगे, अभी इस स्थिति में ही ठीक हैI

क्या कम्पनियों की ऑथोराइज़ वर्कशॉप मुनाफ़ा कमाने के लिए बेरहमी से ग्राहकों को लूटती हैं? आप खुद सोचियेगाI

अगर आपकी गाडी में कोई मरम्मत की ज़रुरत है तो औथोराइज़ सर्विस स्टेशन से कुटेशन लेने के बाद अपने शहर के गो मैकेनिक वर्कशॉप या लखनऊ में एक्सीलेंट ऑटो से राय लीजिए, मेरी तो यही सलाह रहेगी।

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