बिहार के मुजफ्फरपुर में जिला न्यायालय में नई दिल्ली से प्रकाशित वेबपोर्टल और पुस्तक प्रकाशन संस्था “फॉरवर्ड प्रेस” के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सम्बन्धित संस्था के मालिकों को नोटिस जारी कर किया। मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता मनीष ठाकुर ने बताया कि नई दिल्ली से संचालित फारवर्ड प्रेस नामक संस्था देश बौद्ध व हिंदू धर्म के अनुयायियों को अपमानित करने व देश में गृह युद्ध फैलाने के लिए सुनियोजित तरीके से काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि यह संस्था वेबपोर्टल का संचालन करती है। इसके मालिक विदेशी नागरिक हैं तथा वे विदेश से मनी लांड्रिंग व हवाला के जरिए धन मंगवा कर विभिन्न प्रकार की देश -विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में गृह मंत्रालय को पुख्ता प्रमाणों के साथ सूचित किया गया है तथा माननीय न्यायालय से इस संस्था के मालिकों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि फारवर्ड प्रेस के मालिक आयवन कोस्का ने “आम्बेडकर का हीरो कौन” शीर्षक एक लेख लिखकर प्रकाशित किया है, जिसमें डॉ आम्बेडकर का अपमान किया गया है। लेख में कहा गया है कि आम्बेडकर के हीरो बुद्ध, कबीर और महाराष्ट्र के महान समाज सुधारक जोतीराव फुले नहीं थे बल्कि उनके हीरो बाइबिल में वर्णित मोजेज थे।
तथ्य यह है कि स्वयं डॉ आम्बेडकर ने कभी नहीं कहा है कि मोजेज उनके हीरो थे। उन्होंने अपने कई भाषणों व लेखों में साफ तौर बताया है कि वे बुद्ध, कबीर और फुले को अपना गुरु मानते हैं तथा उनसे प्रभावित हैं।
लेखक अपने लेख के साथ डॉ आम्बेकर का चित्र भी प्रकाशित किया है, जिसमें उन्हें ईसाई परिधान में दिखाया गया है। वह तस्वीर कंप्यूटर की मदद से मूल तस्वीर में छेड़छाड़ करके तैयार की है, जिससे डॉ आम्बेडकर और उनके अनुयायियों की बौद्ध धर्म के प्रति आस्था का मजाक उडाया जा सके।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अनेक लेखों में हिंदू धर्म का अपमान किया गया है तथा देवी-देवताओं का मजाक उडाया गया है।
ठाकुर ने बताया कि उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि आरोपियों को देश छोड़ने की इजाजत न दी जाए तथा इनके बैंक अकाउंट सील किए जाएं।
अधिवक्ता मनीष ठाकुर से संपर्क 9308753438 के जरिए किया जा सकता है.
Mukesh
February 24, 2020 at 8:08 am
इस मियां बीबी ने अपने कर्मचारियों को तंग तबाह, अपमानित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस पर दो मुकदमे लेबर कोर्ट में भी चल रहे हैं।
इनकी सही जगह जेल है।
मनीष ठाकुर को धन्यवाद कि उन्होंने इस मामले को उठाया।