Vikas Mishra : गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी पर गोली चलाने वाले पकड़े गए हैं। पुलिस ने 9 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आमतौर पर बदमाशों के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार करने वाली यूपी पुलिस ने इन अपराधियों को ‘रक्तहीन’ तरीके से गिरफ्तार किया है।
पत्रकार विक्रम जोशी की भानजी के साथ कुछ बदमाश छेड़खानी कर रहे थे। इसकी रिपोर्ट लिखवाने वे गाजियाबाद के विजय नगर थाने गए थे। पुलिस ने रिपोर्ट तो नहीं लिखी। अलबत्ता रिपोर्ट लिखवाने की कोशिश से खुन्नस खाए बदमाशों ने विक्रम जोशी पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। एक गोली उनके सिर में लगी हुई है। अस्पताल में उनकी हालत गंभीर है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वो जल्द ही विक्रम जोशी को पूर्ण स्वस्थ करें।
जिस वक्त बदमाशों ने विक्रम जोशी को गोली मारी, उस वक्त वे अपनी दो बेटियों के साथ टहलने निकले थे। बेटियां चिल्ला रही थीं, लेकिन अपराधियों पर खून सवार था।
अब इन अपराधियों को अदालत, हवालात या जेल ले जाते वक्त अगर पुलिस की गाड़ी पलट जाए तो अपराधी जरूर पुलिस से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करेंगे। पुलिस पर गोली भी चलाएंगे। ऐसे में अगर पुलिस ‘आत्मरक्षार्थ’ उन्हें गोलियों से भून डालती है तो मैं व्यक्तिगत रूप से पुलिस का समर्थन करूंगा। यही नहीं, 24 घंटे बाद गिन लीजिएगा, मुझे यकीन है कि इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में आकर कम से कम 100 लोग इस बात का समर्थन करेंगे, जिनमें से ज्यादातर पत्रकार साथी होंगे।
अगर पुलिस ऐसा कर पाई तो शायद अपना पाप भी धो सके। मुझे और मेरे तमाम पत्रकार साथियों को उम्मीद है कि बारिश के इस मौसम में गाजियाबाद पुलिस की गाड़ी जरूर फिसलेगी। नहीं फिसली तो भी पुलिस को ‘आत्मरक्षार्थ’ गोली चलाने का मौका जरूर मिलेगा।
आजतक न्यूज चैनल में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार विकास मिश्र की एफबी वॉल से।
विजय सिंह
July 21, 2020 at 11:16 pm
ईश्वर से प्रार्थना है कि विक्रम जोशी जल्दी स्वस्थ होकर सकुशल घर लौटें।
दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
पुलिस जमकर ठोके ऐसे अपराधियों को।
Pardeep mahajan
July 21, 2020 at 11:39 pm
पत्रकार जो दूसरे की लड़ाई अपनी मान कर लड़ता है, हमारे पत्रकार साथी की भांजी के साथ छेड़खानी की जाती है जबवो शिकायत करता है तो उसके विरोध में बदमाशों ने उसे गोली मारी, कल तुम्हारे साथ भी ये हो सकता है इसलिए एकजुटता दिखाते हुए विरोध करो और सोचो कि किस तरह एक पत्रकार को उसकी मासूम बेटी के सामने गोली मार दी जाती है।
प्रकाश
July 22, 2020 at 6:37 am
मैं उम्मीद कर्ता हूं ऐसा हो। मगर ऐसा होगा नहीं क्यों कि अगर पुलिस चाहती तो ये नौबत नहीं आती अगर ये शिकायत पर कार्रवाई हो जाती। मगर जब पुलिस में भ्रष्टाचार बढ जाता है तो ऐसी घटनाएं होती है और यह उसका नतीजा है। मैं फिर भी उम्मीद कर्ता हूं कि पुलिस की गाड़ी इनको लेजाते समय पल्टे और ऐसा हो।
Rajeev chawla
July 22, 2020 at 7:15 am
I agree with you ….
Shoot kar dena chahiye
Dr Madhusudan nair
July 22, 2020 at 7:16 am
मेरी भी सहमति है ऐसे अपराधियों की गाड़ी अवश्य ही पल्टनी चाहिए कुत्ते कि मौत मारेगे साले तभी आगे संदेश जाएगा
Ajai Singh Bhadauria
July 22, 2020 at 10:55 am
यूपी पुलिस अगर अपना काम सही ढंग से करने लगे तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती। पत्रकार को तो पुलिस अपना। सबसे बड़ा दुश्मन मानने लगी है। अगर नहीं मानती तो छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर अपराधियों को उसी समय सबक सिखाने का काम करती। बरसात तो हो रही है, लेकिन गाड़ी भी नहीं फिसलेगी और गोली भी नहीं मारेगी? जिम्मेदारों ने पत्रकार की जान की कीमत सिर्फ चौकी प्रभारी को निलंबित करना मान लिया है। काश छेड़खानी की यह घटना किसी पुलिस अधिकारी की बहन-बेटी के साथ होती तो इसका दर्द पता चल…? ये तो निकम्मेपन की हद है! योगी जी पत्रकार का जीवन खतरे में है और आपके ये खाकी वाले शेर इस मामले में गीदड़ वाला काम क्यों कर रहे…? क्या अब पुलिस की बाजुओं में वह ताकत नहीं बची जो अभी तमाम अपराधियों के साथ दिखाई गई? ये अपराधी भी उसी गोली के पात्र हैं जिसने बिकरू कांड का बदला लिया ! कार ने सही बाइक का ही प्रयोग कर लीजिए!