Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

galgotia ग्रुप का फर्जीवाड़ा : जानिए क्यों अरेस्ट हो गए ध्रुव और पद्मिनी गलगोटिया!

कई वर्षों से और कई तरह के फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और बेईमानी करने करने वाले ‘गलगोटियाज’ के पाप का घड़ा भर गया दिखता है. खबर है कि तगड़ा विज्ञापन देकर मीडिया का मुंह बंद रखने वाले गलगोटिया पर 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई हुई और galgotia universityके निदेशक ध्रुव गलगोटिया और पद्मिनी गलगोटिया को गिरफ्तार कर लिया गया. गलगोटिया यूनिवर्सिटी के चेयरमैन का पुत्र है ध्रुव गलगोटिया और पत्नी हैं पद्यमिनी गलगोटिया. गिरफ्तारी की कार्रवाई आगरा पुलिस ने की. आगरा के थाना हरीपर्वत की पुलिस ने गलगोटिया विश्वविद्यालय के दोनों निदेशकों मां-बेटे पद्मिनी और ध्रुव को गुड़गांव से गिरफ्तार किया.  शंकुतला एजूकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया की पत्नी हैं पद्मिनी. उनके खिलाफ आगरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था.

अस्सी लाख रुपये का कर्ज पचा जाने की मंशा के चलते गलगोटियाज की गिरफ्तारी हुई. पिता तो गैर जमानती वारंट पर स्टे लेकर बच निकला लेकिन धरे गए उनकी पत्नी और बेटा. कहा जाता है कि कई बार आदमी पैसे के पीछे इतना पागल हो जाता है कि उसे घर परिवार की इज्जत की भी फिक्र नहीं रह जाती. इस मामले में यही संदेश है कि पैसे बनाने-दबाने के लिए एक रसूखदार परिवार ने फर्जीवाड़े की लंबी-चौड़ी कहानी लिख दी लेकिन आखिर में कानून के जाल में फंस ही गया.

पुलिस गिरफ्त में पद्मिनी गलगोटिया और ध्रुव गलगोटिया

अस्सी लाख रुपये कर्ज लेकर इसे पचा जाने में मशगूल गलगोटिया समूह से संबद्ध गलगोटिया विश्वविद्यालय के दो डायरेक्टरों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. पकड़े गए लोगों के नाम हैं ध्रुव गलगोटिया और पद्मिनी गलगोटिया. ये दोनों मां-बेटे हैं. फ्राड, फर्जीवाड़े और चारसौबीसी के आरोपों से घिरे इन मां-बेटे की गिरफ्तारी आगरा पुलिस ने की. इसी समूह के चेयरमैन सुनील गलगोटिया फर्जीवाड़े के इस मामले में नान बेलेबल वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट जाकर स्टे ले आए थे, इसलिए वो बच गए. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

galgotia university के चेयरमैन सुनील गलगोटिया, पत्नी पद्मिनी गलगोटिया, पुत्र ध्रुव गलगोटिया समेत खानदान के कई लोगों पर आरोप है कि इन्होंने 122 करोड़ रुपये का गबन किया. इस घपले को सुनियोजित ढंग से अंजाम देकर यह गलगोटिया कुनबा कानून व कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने में जुटा था. पर कर्ज देने वाली कंपनी कंपनी के लोगों ने इन गलगोटिया वालों का पूछा नहीं छोड़ा और पुलिस-कोर्ट-कचहरी में लगातार पैरवी में लगे रहे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

गलगोटिया यूनिवर्सिटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया, निदेश ध्रुव गलगोटिया, निदेशक पद्यमिनी गलगोटिया समेत चार को गिरफ्तार करने के लिए आगरा पुलिस की टीम पहले नोएडा आई. बाद में मुखबिर की पुष्ट सूचना मिलने पर आगरा के हरीपर्वत थाने की यह पुलिस टीम गुड़गांव की रवाना हुई. यहां से गलगोटिया विश्वविद्यालय के दोनों निदेशक मां और पुत्र पद्मिनी गलगोटिया व ध्रुव गलगोटिया गिरफ्तार कर लिया गया. चेयरमैन सुनील गलगोटिया को हाईकोर्ट से स्टे मिलने के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा सका.

ज्ञात हो कि गलगोटिया विश्वविद्यालय के चेयरमैन सुनील गलगोटिया शंकुतला एजुकेशनल सोसाइटी नामक संस्था के भी चेयरमैन हैं. इन लोगों के खिलाफ आगरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने NBW यानि नान बेलेबल वारंट (गैर जमानती वारंट जारी) किया था.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन गलगोटियाज के खिलाफ गिरिराज किशोर शर्मा नामक एक शख्स ने आगरा पुलिस को लिखित शिकायत दी थी. गिरिराज किशोर शर्मा आगरा के संजय प्लेस स्थित एसई इन्वेस्टमेंट कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है. आगरा के थाना हरीपर्वत में एक महीने पहले दिए गए शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया.

इस शिकायत में गिरिराज शर्मा का कहना है कि  नोएडा की शकुंतला एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसाइटी ने उनकी कंपनी एसई इन्वेस्टमेंट से दस किश्तों में अस्सी लाख रुपये के लोन मंजूर कराए. गिरिराज ने बताया कि यह घटनाक्रम सन 2010 से 2012 के बीच का है. शकुंतला एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसाइटी नामक संस्था में वही लोग हैं जो गलगोटिया विश्वविद्यालय का संचालन करते हैं, इस तरह लोन लेने वालों में गलगोटिया विश्वविद्यालय के कर्ताधर्ताओं का नाम है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दस किश्तों में लिए गए अस्सी लाख रुपये के लोन को चौबीस हिस्सों में चुकाना था. इसमें ब्याज की राशि भी शामिल है. पर संस्थान ने कुछ किश्तों के भुगतान के बाद मूल रकम और ब्याज देना बंद कर दिया. इसके बाद आगरा के संजय प्लेस स्थित एसई इन्वेस्टमेंट कंपनी ने कर्ज लेने वाली शकुंतला एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी नामक संस्था को नोटिस भेजा. ताजी स्थिति के मुताबिक शकुंतला एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी नामक संस्था को एसई इन्वेस्टमेंट का मूल धन व ब्याज समेत कुल 122 करोड़ रुपये लौटाना है.

एसई इन्वेस्टमेंट की तरफ से दर्ज कराए गई एफआईआर में शकुंतला एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन सुनील गलगोटिया, डायरेक्टर पद्मिनी गलगोटिया, पुत्र ध्रुव गलगोटिया और जुगनू गलगोटिया को नामजद किया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यहां यह उल्लेखनीय है कि गलगोटिया खानदान के लोगों ने चालाकी दिखाते हुए पहले तो कर्ज के किश्त का भुगतान बंद किया फिर शकुंतला एजुकेशन सोसाइटी की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में आरबिटेशन दाखिल कर कह दिया कि उनकी सोसाइटी भारी घाटे में‌ है और इस शकुंतला एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी का गलगोटिया विश्वविद्यालय से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि गलगोटिया विश्वविद्यालय अलग संस्थान है. मतलब साफ था. गलगोटियाज एसई इनवेस्टमेंट से लिए गए कर्ज को डकारने के मूड में थे. वे यह भी नहीं चाहते थे कि कर्ज की रकम वसूले जाने की कोई छाया गलगोटिया विश्वविद्यालय पर पड़े.

इस प्रकरण की जांच आगरा की हरीपर्वत थाने की पुलिस कर रही है. पुलिस जब इन हाई प्रोफाइल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी तो फिर आगरा के सीजेएम खलीकुज्जमा की कोर्ट में इनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी करने का लिखित अनुरोध दाखिल कर दिया. तब सीजेएम की अदालत ने इन चारों आरोपियों के खिलाफ नान बेलेबल वारंट जारी कर दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुनील गलगोटिया को जब नान बेलेबल वारंट जारी होने की सूचना मिली तो गिरफ्तारी से बचने के लिए फौरन हाईकोर्ट की दौड़ लगाई और वहां से स्टे ले आया. लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों को स्टे नहीं मिल सका. इसी बीच सोमवार को आगरा के हरीपर्वत थाने की पुलिस टीम गुड़गांव आ धमकी और गलगोटिया विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ध्रुव गलगोटिया और माताजी पद्मिनी गलगोटिया को गुडग़ांव वाले घर से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पुलिस टीम इन दोनों को लेकर आगरा की ओर रवाना हो गई. एक बड़े शिक्षा माफिया की फर्जीवाड़े में गिरफ्तारी की इस घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर में तहलका मचा हुआ है. मीडिया मालिकों को विज्ञापन के रूप में भरपूर पैसा देने वाले गलगोटियाज की गिरफ्तारी की यह खबर शायद ही किसी अखबार या पोर्टल या चैनल में दिखे क्योंकि आजकल की मीडिया पैसे की भूखी है. मीडिया मालिकों को पैसा खिलाकर उनसे कैसी खबर को लिखवाया-छपवाया या रुकवाया जा सकता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
9 Comments

9 Comments

  1. Anilabh

    July 19, 2019 at 4:09 pm

    संघर्ष का पर्याय भड़ास

  2. डॉ सुभाष गुप्ता

    July 19, 2019 at 8:42 pm

    बहुत बहुत बधाई भाई । आपकी तपस्या जैसी कठोर मेहनत और हर पीड़ित की आवाज बन जाने की फितरत ने आपको लाखों दिलों से जोड़ दिया है। B4M अब एक आन्दोलन बन गया है।

  3. Shailendra Singh

    July 20, 2019 at 3:46 pm

    Welcome back.
    Galgotiyas need more of danda

  4. Kaushal Rai

    July 20, 2019 at 4:08 pm

    अख़बारों से नहीं है कोई आस,
    सच्चाई के लिए पढ़ें बस भणास।

    • शशांक राज

      July 22, 2019 at 12:32 pm

      झकास

  5. V Goswami

    July 21, 2019 at 7:53 am

    गलगोटिया का मैटर ये साईट बंद कराने के बाद और ज्यादा प्रसिद्ध हुआ है। गलगोटिया की असली सच्चाई आपके नये पोर्टल पर पढने को मिली है वास्तव में भङास परिवार बहुत मेहनत करता है। अब भङास एक आदमी की वेबसाइट नहीं करोङों भारतीयों की दिल में बसने वाली साईट बन गई है। आगे से गलगोटिया विचारधारा के लोगों को सचेत रहने की जरूरत है । नहीं तो उनकी भी भङास निकल जायैगी और फिर मंह छिपाने की जगह भी नहीं मिलेगी जैसा अब गलगोटिया के साथ हुआ है।

    एक मारवाड़ी कहावत है :
    ज्यादा स्याणो दो बार मरवाये है।

    इस मामले में यही हुआ गलगोटिया स्याणप बरती तो नतीजा दो बार रहा। आशा करता हु भविष्य में वो एसी गलती नहीं करेंगे ।

  6. मोनेंद्र वर्मा

    July 21, 2019 at 10:36 pm

    मुबारक हो
    क़ऊओं (कौवे) के कोसने से, गिद्ध नहीं मरा करते
    आखिर जीत सत्य की हुई
    बहुत बहुत बधाई हो

  7. सुचेता

    July 23, 2019 at 6:50 pm

    डिजिटल बातों को चाह के भी मिटाया नहीं जा सकता।पैसे में इतनी ताक़त नहीं कि सच को दबा सके।

  8. मनीष दुबे

    July 24, 2019 at 10:41 am

    अपनी कश्ती में सुराख और दूसरों की मरम्मत करते घूम रहे हैं ये गलगोटिया वाले. जितना हराम का कमाया जोड़ा है अब उसे सूत समेत एक एक पाई लौटाने के दिन शुरू हो चुके हैं तुम लोगों के. ये कोई 2 नम्बरीय मीडिया हाउस नही जो तुम्हारी करनी छुपाकर सौदेबाजी करे. ये भड़ास और भड़ासी यशवंत है जबरा मारेगा और रोने भी नहीं देगा. ध्यान राखिए रे गोटी.

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement