Yashwant Singh : भड़ास लौट आया है. अबकी रुस में सर्वर लिया गया है जो यूरोप के डीएमसीए कानून के दायरे से बाहर का इलाका है. आप लोगों के प्यार, सपोर्ट और दुवाओं ने ज्यादा काम किया. हमारी टेक टीम के अगुवा भाई दिवाकर प्रताप सिंह और भाई आशीष वर्मा जी ने लगातार बारह घंटे से ज्यादा वक्त तक इमरजेंसी मोड में एक्टिव रहते हुए 11 बरस की भारी भरकम डाटाबेस वाली साइट भड़ास4मीडिया को नए सर्वर पर अपलोड कर दिया.
भड़ास के डाटा का आटोमेटिक बैकअप लेने के लिए हम लोगों ने एक अलग कंपनी से टाइअप किया हुआ था इसलिए कोई कहीं से भी भड़ास को ब्लाक करा दे, रुकवा दे, हम लोगों पर फरक नहीं पड़ता. चौबीस घंटे में हम लोग लाइव हो जाएंगे. कई बरस से आटोमेटिक बैकअप की फीस हम यूं ही हर महीने दे रहे थे लेकिन ये सारी फीस कल इकट्ठे वसूल हो गई.
यूरोप वाली होस्टिंग कंपनी डिजिटल ओसियन ने हमारा डाटाबेस एसेस करने की सुविधा देना तो छोड़िए, हमारी रिप्लाई का जवाब तक नहीं दिया है क्योंकि उन्होंने अपने यहां से हमें ब्लाक करके हमारी कहानी खत्म घोषित कर दी है.
मैं कई दफे इसलिए भी स्प्रिचुवल हो जाता हूं कि बहुत सारी चीजें अनप्रिडक्टिबल होती हैं. अगर आपको जिंदा रहना है तो जिंदा रहेंगे, कोई ताकत खत्म नहीं कर सकती. आपको मरना है तो आप लाख पहरे और लाख सावधानी से रहें, निपट जाएंगे.
भड़ास के जब कल बंद होने की मुझे पहली सूचना मिली तो मैं न उदास हुआ न परेशान हुआ. कुछ ये वाली फीलिंग थी कि भला हुआ मोरी गगरी फूटी, पनिया भरन से छूटी रे… कई दफे आप अपने काम के प्रति इतने रुटीन भाव से अटैच रहते हैं कि उब होने लगती है. मैं भड़ास को रिस्टोर करने को लेकर ज्यादा सक्रिय और उत्सुक नहीं था. हां, लोगों ने जिस कदर फेसबुक से लेकर ह्वाट्सअप तक मुझे हौसला दिया, साथ खड़े होने व किसी भी किस्म की मदद करने का ऐलान किया, वह मेरे लिए हैरतअंगेज था.
मुझे अक्सर यकीन नहीं होता कि मेरे जैसे सड़क छाप सहज भाव वाले इंसान को इतने सारे लोग प्यार करते हैं! पर कल का दिन मेरे लिए सुबूत मुहैया कराने वाला रहा. वो कहते हैं न रहीम दास कि ‘रहिमन’ विपदाहू भली जो‚ थोरे दिन होय…. हित अनहित या जगत में‚ जानि परत सब कोय… यानि छोटे-वक्त का दुख अच्छा होता है जो आपको अपने पराए का एहसास करा देता है… पर कल तो सबने सिर्फ एक बात का एहसास कराया कि मेरा कोई पराया नहीं है. सब मुझसे प्यार करते हैं, कुछ छिप कर तो ढेर सारे खुलकर! 🙂
उस खबर के लिंक को इस पोस्ट के साथ अटैच कर रहा हूं जिसे डिलीट कराने के लिए गलगोटिया वालों ने यूरोप से लेकर भारत तक एक कर दिया. काफी पैसा फूंक दिया. पर रिजल्ट मिला घंटा. वो भी चौबीस. पर चौबीस घंटा तक भड़ास को बंद कराकर पाया ये कि अपनी किरकरी और डिब्रांडिंग का दायरा और ज्यादा बड़ा कर लिया.
एक बार फिर संकट की घड़ी में कंधे से कंधा मिला कर खड़े होने के लिए आप सबका दिल से आभार करता हूं.
जनाब अहमद फ़राज़ साहब की चार लाइनों के साथ अपनी बात खत्म करुंगा…
मैं कट गिरूं कि सलामत रहूं, यक़ीं है मुझे
कि ये हिसार-ए-सितम कोई तो गिराएगा
तमाम उम्र की ईज़ा-नसीबियों की क़सम
मिरे क़लम का सफ़र राएगाँ न जाएगा.
लव यू आल!
जैजै
भड़ास के फाउंडर और एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से.
उपरोक्त स्टेटस पर आए ढेरों कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं-
Sarjana Sharama You are right i had some fee issues with galgotia university. They were not refunding our one lakh fee taken in advance. I spoke to many journalist friends all of them refused they said in their media house story can not be done galgotia. I fought my battle alone finally after two and a half year i got my money back.
Priyesh Rai भईया सच, हमेशा आप के साथ हैं। एकदम ब्रिलिएंट हैं आप। प्रणाम। और, हमेशा आप के साथ।
Manish Srivastava वाह बहुत खूब। दिल से खुशी हुई। यूं ही इन भ्रष्टों से लड़ते रहिये। जज़्बा क़भी कम न हो। भड़ास को मेरी पुनः कोटि कोटि शुभकामनाएँ..
Jitendra Narayan अब गलगोटिया जैसों का गला घोंटने में कोई रहम नहीं करना है… आपको और आपकी पूरी टीम को बधाई…!
Faizy Khan भड़ासी है भाई, दिल साफ रखते है, लेकिन जिसको नज़रो में चढ़ा लिया उसको साफ कर देते है, जय हो भड़ास बाबा की… मुबारकबाद Yashwant Singh भैया
Anil Pandey मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है.. वही होता है जो मंजूर ए ख़ुदा होता है। 24 घण्टे के अंदर कम बैक के लिए बधाई…
Mukesh Singh यशवंत का कोई क्या उखाड़ेगा….कोशिश करेगा गर कोई,तो जड़ से उखाड़ फेंकेंगे ।
Manish Dubey बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं. भड़ास जिंदाबाद, और भड़ासी बाबा निरन्तर अग्रसर रहें. जै जै
Anil Singh Patel Ghazipuria द रिटर्न भड़ास के लिए साधुवाद !
Dheeraj Kumar जय हो. जिन्दाबाद. ‘खामोश अदालत’ नाटक याद दिला दिया सर.
DrMandhata Singh बधाई। हमी होंगे कामयाब। सब बेईमान हारेंगे।
Anand Choudhary पूरी भड़ास टीम को बधाई…
Pankaj Srivastava बधाई और लंगोटेधारी पहलवान को सलाम ।
Rai Sanjay शुभकामना , यशवंत जी खुशी हुई भड़ास हमे दिखेगा…
LN Shukla Ji बधाई भाई साहब, अबकी 11 वी वर्षगांठ का जश्न और भी दमदार होगा
Ibrahim Malik Dili mubarakbaad jashwant sir
कुमार अम्बुजेश बहुत बधाई और शुभकामनाएं भइया….मीडिया की दुनिया के अंधेरे में आप ही उम्मीद की एक किरण हैं…और ये शमां जलती रहेगी
Abhishek Tripathi अब रामायण वाला एक तीर चलाइए, जो एक से दो दो से चार और चार से आठ हो जाता था… सब एक ही निशाने पर जाए
Syed Ehtesham Ul Huda मेरी जान… Love you मेरे भाई मेरे जिगर के टुकड़े…अल्लाह की क़सम कल लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस होती…इसकी गोटियाँ निकाल देता आपका भाई… यशवंत “आधुनिक शिव” है और शिव जी की बारात अगर निकलती तो पूरा गलगोटिया तांडव देखता…आप लाखो करोड़ो युवाओं के प्रेरणा सोत्र हो मेरे भाई… “जहां रहेगा रोशनी लुटायेगा,किसी चराग़ का अपना मकां नही होता”… जय हो भड़ासियों को… अल्लाह का लाख लाख शुक्र उसने इस नाचीज़ की दुआ क़ुबूल फरमायी…
Vinay Bihari Singh Congratulations. Aap ek sammanit vyakti Hain, sadharan vyakti nahi. Apne ko sadak chhap mat kahiye.
Sarvesh Mishra Bahut badhai bhaiya sab paisa nahi hota hai warna kuchh log to kuchh logo ko Jine hi nahi dete
Purushottam Asnora बहुत सुंदर, ये आपकी जिजीविषा और टीम कठोर परिश्रम का नतीजा है कि 24 घंटे में सब कुछ ठीक हो गया, बधाई
Kaushalendra Kumar Rai कल एक पत्रकार के पोस्ट से मुझे जानकारी मिली। बहुत दुःख हुआ लेकिन अब खुशी हो रही है कि आप टूटे नहीं। बधाई। आप से प्रेरित होकर ही मैंने bhadas4education लाने वाला हूं। बस आपका आशीर्वाद चाहिए।
Rj Shalini Singh भड़ास को मिटाना आसान नहीं है । भड़ास विजय दिवस पर बधाई।
Anoop Mishra Yashwant भाई आप के जज़्बे को सलाम, लेकिन दो चीज़ों पे ध्यान दीजिए, पहला की DO यानी की डिजिटल ओशियन यूरोप नहीं अमेरिका की कम्पनी है, दूसरी भारत में DOT या TRAI के अलावा किसी के झस नहीं की किसी की भी वेब्सायट बंद करा सके! तीसरी, IP ब्लाक की जाती है ना की वेब्सायट! ये बड़ा पेचीदा काम है, इसलिए लोग किसी बांग्लादेशी या पाकिस्तीयनी हैकर से वेब्सायट को हैक करवा देते हैं जो की अस्थाई है! और अगर यह सब नहीं है तो DC को लीगल नोटिस भेजिए और गलगोटिया संग उनकी भी गोटियाँ सुजा दीजिए! हर हर महादेव!
Yashwant Singh यूरोप में अमेरिका है और अमेरिका में डिजिटल ओशियन है. डिजिटल ओशियन ने भड़ास के सर्वर को डाउन कर दिया, आफ कर दिया. DMCA यूरोप में लागू किया गया सख्त कापीराइट कानून है जिसके तहत अगर कोई कंटेंट कापी या चोरी करता है तो उसकी शिकायत डीएमसीए के माध्यम से वेबसाइट को होस्टिंग देने वाली कंपनी तक पहुंचाई जाती है और अंत में कंपनी को निर्णय लेना पड़ता है. हम लोगों के मामले में चोरों ने हमारी ही खबर कापी करके हमारी शिकायत कर दी कि भड़ास ने चोरी की है और लंबे चले विवाद जवाब प्रतिवाद के बाद होस्टिंग कंपनी ने भड़ास के सर्वर को आफ कर दिया.
कुँवर नितीश सिंह सत्य ही सदैव विजय प्राप्त करता है. हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं चाचा.
Arun Srivastava बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं भी । भड़ास को भी और आपको भी।
Manjeet Singh बहुत बहुत बधाई हो सर. आपको आपके चाहने वाले बहुत हैं.
Girish Malviya बहुत बधाई, सत्य परेशान हो सकता है पराजित नही
सुदीप्त मणि त्रिपाठी भड़ास के लौटने की बधाई . नियमित तो नहीं लेकिन गाहेबगाहे वाला पाठक मैं भी हूँ 🙂
Atul Shankar Pandey जै जै यशवंत भईया जै जै…
Rajendra Singh बहुत बहुत बधाई… भड़ास की सदा जय…
Shakir Akhtar Congratulations Bhaiya
Ved Ratna Shukla सत्य को कोई हरा नहीं सकता।
Ranjit Kumar हिप हिप हुर्रे
Ramji Tiwari जलवा कायम रहे
Ajay Singh आर्थिक मदद चाहिए तो भाई बताना बंदा तैयार है
Yusuf Ansari बहुत-बहुत मुबारक हो यशवंत भाई।
Zafar Irshad Congrats. Keep it up and rocking 👍
Nitesh Singh Bhadas Rocks
Raghab Jha जय हो। सत्यमेव जयते।
Anuj MisHra बधाई हो सर… गुप्त जानकारियां व पोल खोल अभियान भला कौन रोक सकता है…
Pawan Singh बधाई मैं बहुत खुश हूं
S M Altamash Jalal भड़ास जिंदाबाद
Vinay Maurya Sinner बहुत बधाई भइया
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आनलाइन गुंडई : गलगोटिया वालों के गुर्गों ने ‘भड़ास’ बंद कराया!
ये है वो खबर जिसे हटवाने के चक्कर में भड़ास के पीछे पड़े हैं गलगोटिया वाले-
अब्दुल हमीद
July 19, 2019 at 4:15 pm
यशवंत सिंह सर ज़िंदाबाद। भड़ास 4 मीडिया ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद।।
– अब्दुल हमीद जयपुर
विजय सिंह
July 20, 2019 at 9:32 am
धनकुबेरों ने हमेशा से पत्रकारिता की आवाज़ दबाने की कोशिश की है परन्तु इसके उलट हमारी आवाज़ हमेशा ज्यादा मुखर होती चली गयी और एक पोर्टल की आवाज़ बंद करने की नाकाम कोशिश के लिए धनकुबेरों को यदि करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े तो हमारी फ़कीरी की ताकत का अंदाज तो स्वतः लग जाना चाहिए .
भड़ास कल भी जीवंत था ,आज भी है और आगे भी रहेगा ….
शुभकामनाओं सहित ,
विजय सिंह
प्रदेश उपाध्यक्ष
झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन
आशीष चौकसे
July 21, 2019 at 10:12 am
इतनी आसानी से भड़ास जैसा पोर्टल बंद नहीं किया जा सकता। हाँ कुछ ग़लतियाँ हो जाती हैं दोस्त और दुश्मन के चुनाव में लेकिन टकराना हमारा स्वभाव है। मुझे भी कई लोग मिले जो दुःखी मेसेज भेज रहे थे सांत्वना देने के लिए लेकिन मैंने कोई रीऐक्ट नहीं किया। पूर्वाभास पत्रकार की सबसे बड़ी कमज़ोरी होती है।