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सुख-दुख

पुलिस से बुरी तरह मार खा कर जेल में बन्द पत्रकार गौरव अग्रवाल की एक कहानी यह भी!

गिरधारी लाल गोयल-

आगरा के गौरव अग्रवाल पत्रकार के सिलसिले में मुझसे बहुत मित्र पूछ ताछ कर रहे हैं सो पोस्ट डाल कर ही बताए दे रहा हूँ।

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आगरा अग्रवालों की राजधानी बोली जाती है लेकिन यहां के अग्रवाल समाज और अग्रवाल नेताओं जैसा महा निकम्मा और नालायक समाज पूरे भारत में शायद ही कोई हो।

समाज के निकम्मों ने चुनाव के समय अग्रवाल वाद का नँगानाच किया। उसमें नए जोशीले युवा पत्रकार गौरव बंसल को फुक्के पर रख दिया। वो पट्ठा जोश में सबसे लड़ता गया, विधायकों से DM से भी लड़ गया।

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और नालायक अग्रवाल नेते सरेंडर करते चले गए। गौरव बहुत आगे बढ़ चुका था। पीछे नहीं लौटा। मेरे जैसे शुभ चिंतकों ने उसको बहुत समझाया , दुनिया की रीत नीति सब समझायी , लेकिन वो जोश में होश खो चुका था। परिणामस्वरूप आज पुलिस से बुरी तरह मार खा कर जेल में बन्द है।

पत्रकार अभी चुनावों में भाजपा के नमक के बोरे के बोरे खा कर चुके हैं सो वे भाजपा नेताओं से कह तक नहीं पा रहे कि मूल रूप से भाजपाई लड़के के ऊपर इतना अत्याचार क्यों हुया है।

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यहां गौरव को सैंडविच का मैटेरियल मेयर Naveen Jain ने Purushottam khandelwal MLA वाला टिकट हासिल करने के चक्कर में बनवा दिया।

गौरव, पुरुषोत्तम खण्डेलवाल और Yogendra Upadhyay का विरोध करता चला गया। जोश में अतिरेक दिखाते हुए दौनों विधायकों पर गलत सही आरोपण भी कर जाता था।

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खण्डेलवाल का टिकट कटवाने के चक्कर में ही यहां अग्रवाल नेताओं ने अग्रवाल स्वाभिमान का फालतू का विवाद पैदा किया
और जब टिकट पुरुषोत्तम को मिल गया तो मेयर और सारे अग्रवाल नेता सरेंडर कर गए, गौरव जोश में अकड़े ही रहा।

दूसरी लहर में गौरव ने जब मेडिकल लॉबी द्वारा लूट किये जाने की खबरें अपने अखबार पंजाब केसरी में दीं तो उसके खिलाफ ब्लैकमेल चौथ वसूली के मुकदमे दर्ज कराये गए।

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काउंटिंग के दिन दिखाए गए अतिरिक्त जोश को लेकर उस पर नया मुकदमा कायम करवा गया। पुलिस अपनी और प्रशासन की गाड़ियों पर गुंडागर्दी दिखाने वाले दबंग जातियों वाले नामजद सपाइयों को तो नहीं पकड़ सकी। लेकिन एक जोशीले बनिये के ऊपर पूरी बहादुरी दिखाते हुए मार तोड़ कर पुराने मुकदमों के संदर्भ को लेकर 7 Cr A Act लगा कर उसके जेल में रहने की पूरी व्यवस्था कर दी गयी।

प्रमुख अखबारों के पत्रकार मालिकों की नमक हलाली के सिलसिले में मुंह बंद करके रखें तो रखें लेकिन Bharatiya Janata Party (BJP) के नेता जनप्रतिनिधियों की धूर्तता भरी चुप्पी उनको घातक पड़ेगी। ठीक है अग्रवाल समाज भाजपा का जड़ खरीद गुलाम है लेकिन पूरे विश्व का उदाहरण सबके सामने है, गुलाम जब विद्रोह करते हैं तो वो विद्रोह सम्हल नहीं पाता।

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अंततः गौरव बंसल ने भी भाजपा रक्त के साथ ही अभी तक अपनी उम्र जी है।

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1 Comment

1 Comment

  1. शशांक राज

    March 23, 2022 at 10:49 pm

    आपकी बातों से अब पूरी कहानी स्पष्ट हो गई है। बहुत बहुत धन्यवाद।

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