Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

ओवरऑल अदानी का भविष्य उज्ज्वल है, बिज़नस में छोटे मोटे झटके लगते रहते हैं!

नितिन त्रिपाठी-

मुझे फाइनेंस की बैलेंस शीट देखने की समझ नहीं है. पर इतनी समझ है कि ज़मीन पर जो दिख रहा है देख सकूँ. आज की तारीख़ में भारत के बहुत सारे हवाई अड्डों की देख रेख का कार्य अदानी के पास है. भारत ही नहीं विश्व के खूब सारे पोर्ट्स की देख रेख का ठेका भी अदानी का है. यह सब कार्य फ़ुल कैश वाले होते हैं और कभी नहीं ख़त्म होने.

Advertisement. Scroll to continue reading.

विश्व में सबसे ज्यादा सोलर पॉवर अदानी के प्लांट पैदा करते हैं.

अदानी का ब्रांड फार्च्यून का तेल पूरा भारत प्रयोग करता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ACC सीमेंट, अंबुजा सीमेंट भारत के ज़्यादातर घरों में पुलों में लगती है.

अदानी ट्रांसमिशन हज़ारों किमी बिजली सप्लाई करती है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अदानी के पास देश विदेश में ढेरों खदाने हैं.

ऐसे और भी बहुत सारे प्रोजेक्ट हैं. इनमें एक भी ऐसा नहीं है जो शेयर वैल्यू कम होने से बंद हो जाये. आप बताएँ अदानी विल्मर का शेयर डाउन है तो आप कल फार्च्यून तेल से बना खाना न खाएँगे या बिजली न जलायेंगे या हवाई जहाज़ में न बैठेंगे या घर बग़ैर सीमेंट के बनवायेंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

और यह सब प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमे आरंभ में पैसा बहुत लगता है, सत्ता का साथ भी चाहिये. पर एक बार लग गया तो दसियों साल इनकम आती रहती है क्योंकि कोई दूसरा आसानी से एंट्री नहीं कर पाता.

अदानी ने शेयर प्राइस के बेसिस पर उधार लेकर बढ़िया कंपनियाँ बना लीं. एसेट्स बना लिये. ऐसे ऐसेट्स जो रिकरिंग इनकम देते रहें. लोन ज्यादा है पर इतना भी नहीं, उससे कई गुना ज्यादा उसकी कंपनियों की प्रॉपर्टी है. यह कोई ऑनलाइन बिज़नस नहीं हैं, असल बिज़नस हैं. ज़मीन है, खदाने हैं, फैक्ट्री है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ओवरऑल अदानी का भविष्य उज्ज्वल है. बिन्नस में छोटे मोटे झटके लगते रहते हैं.

गिरधारी लाल गोयल- जितने काम गिनाए हैं उनमें सामान्य क्षेत्र में फार्च्यून तेल के काम के लिए ही अडानी की पहिचान थी , 15 हजार करोड़ की नेटवर्थ थी। फिर 2014 के बाद बबल बना कर तमाम दूसरे काम हासिल कर लिए। अब बबल फूटा तो पब्लिक को नुकसान हुआ , अगला तो अभी भी अपने 15 हजार करोड़ को 5 लाख करोड़ करे बैठा ही है। ठगी की मारी पब्लिक मरे तो मरे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

नितिन त्रिपाठी- दादा निगाहों का फेर है. अदानी तेल से पहले पोर्ट के बिज़नस में छाये. वह उनका मुख्य है. जीरो से पंद्रह हज़ार जो बने वह भी सरकारों के साथ कोलाइबरेट करके. पंद्रह से पाँच लाख किए वह भी सरकार के साथ चलते हुवे. वह कोई समाज सुधारक या कम्युनिस्ट नहीं है व्यवसाई है. फ़ायदे के लिए ही कार्य करेंगे ऑब्वियस बात है

सतीश बाजपेयी- में तो शेयर मार्केट में इनवॉल्व ही नहीं हूँ, क्योंकि बहुत कम समझता हूँ, और हर्षद मेहता के टाइम पर इतना गवां चुका हूँ कि वो पैसा प्रोपेर्टी में लगा होता तो आज 20 करोड़ से ऊपर वैल्यू होती। लेकिन मेरा बेटा, जो IT फर्म में है, लेकिन दिमाग बिज़नेस में रहता है, बता रहा था कि कोउ फ्रॉड नहीं है। उसकी कंपनियों के शेयर ओवरवैल्यूड थे P/E ratio में बहुत फर्क था। जो कि अब सही प्राइस पर हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुबोध त्रिपाठी- भैया बिजनिस मोडल अडानी का अच्छा है पर शेयर वैल्यू ओवर प्राइस हो गए थे वो अब करेक्ट हो कर सही रेट पर आ रहे है .

दीप कुमार- शेयर का market price low होने से एक भावनात्मक या कुछ समय के लिए साख पर असर डाल सकता है। जितना fpo से आया उससे अधिक तो तेल मुल्क इन्वेस्ट कर रहे हैं। बाकी post से अक्षरशः सहमत। जिस तरह सोशल media में हमारे आपके जैसे सामान्य वर्ग से समर्थन मिला है ,वह एक प्रकार की सामाजिक आर्थिक चेतना है , जो यह सिद्ध करती है कि देश का शिक्षित वर्ग वामपंथी विचारों के प्रभाव से मुक्त , पूंजी निर्माण की अहमियत को समझता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रशांत कुमार गुप्ता- देखना है किसी को तो पूरा चार्ट देखें पिछले 5 सालों का , मैं और मेरे क्लाइंट का अच्छा खासा पोर्टफोलियो है इन स्टॉक्स में, किसी में भी एक्जिट नही किया है क्योंकि परचेज प्राइस बहुत ही कम है , 74 रुपए पर जब आपने अदानी इंटरप्राइजेज लिया है तो इतना रोना धोना मचाने की जरूरत नही, इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में कहीं भी शेयरों में इतना उछाल पांच छह साल में नही मिलेगा देखने को । ज्यादा उछल कूद उन्ही की है जिनके पोर्टफोलियो में लाख पचास हजार का माल है या बिलकुल भी नहीं है। जिनको लॉन्ग टर्म को समझ नही है । भारत में सेलिब्रेशन और सक्सेस का ट्रेंड नही है । सक्सेस को कोसने /ब्लेम करने का ट्रेंड है।

मनोज पारीक- कल एक बंदा अडानी टॉप 10 टैक्स देनेवालों में क्यूँ नहीं आता है पर ही अटक रहा था मैंने उसे adani enterprises का current value बता रहा था और पांच साल का बैलेंस शीट भी शेयर किया लेकिन उसे तो top 10 टैक्स देनेवालों में क्यूँ नहीं पर ही अटक गया था आखिर उसको reply देना मैंने बंद कर दिया क्यूँ की उसकी सोच राहुल गांधी से ज्यादा नहीं लगी. वैसे कल तक adani enterprises की वैल्यू 2.4T थी (2400000000000)

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुमार अशोक शर्मा- झटका तो बड़ा ही है लेकिन बिजनेस पे फर्क नहीं आएगा जब तक कि वर्किंग कैपिटल ही स्क्वीज ना हों ! या लिक्विडिटी शून्य ना हो जाये ! शेयर के भाव सेंटीमेंट्स के सुधारने पे ही ठीक होंगे लेकिन प्रोसेस समयसाध्य है.

सीताराम मित्तल- उद्योगपति और अमीर होना कोई गुनाह नहीं है ! उद्योगपति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी और शान होते हैं ! चीन जैसा देश अपने उद्योगों के दम पर ही आज दुनिया का ताक़तवर देश बना है ! उसने अपने उद्योगों के सामान से पूरी दुनिया के बाज़ारों को पाट रखा है ! लेकिन ओछी राजनीतिवश उद्योगपतियों के खिलाफ नफ़रत फैलाने वालों की बातों में आने वाले अज्ञानियों व मूर्खों को कौन समझाए !

Advertisement. Scroll to continue reading.

बलभद्र सिंह चौहान- बिजनेस तो उनके सारे बहुत अच्छे हैं बस समस्या यह है कि वह अपना डेप्ट कम करना चाह रहे थे, लेकिन फिलहाल जो उनके शेयरों में गिरावट आई है उसकी वजह से जो कैश की कमी कंपनी के पास आएगी वह अगले 8 महीने 1 साल एक बड़ी समस्या रहेगी। यदि उनको कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट नहीं मिलता है तो यह 100% है कि उन्हें कोई ना कोई एक ग्रुप कंपनी बेचनी पड़ेगी। समस्या अदानी नहीं है, दुनिया में बहुत लोगों को भारत का विकास खटक रहा है। उन्हें पता था कि इस समय अदानी के पास कैश की दिक्कत है, तो उन्होंने कमजोर नस पर वार किया। जिससे वह बचाव में कुछ कर भी ना सके।
बाकी मैं एक बात दावे से कह सकता हूं कि इसके पीछे वही लोग हैं जिन्होंने बैंक ऑफ इंग्लैंड डुबोया था।

चंदन पांडेय- अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर पाँच वर्ष पहले एक सौ उन्नीस रुपयों का था, आज गिरते पड़ते भी हजार से ऊपर का है तो वह गरीब कैसे हुआ? अभी भी वह नौ सौ प्रतिशत ऊपर है। वह सुरक्षित है। गए तो वे जो पैसा लगाए बैठे थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अनिमेष मुखर्जी- चंदन जी, आपकी ये थ्योरी ऐसी है कि मकान पर बुलडोजर चल गया और आप कबाड़ के दाम गिना रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement