नीरेंद्र नागर-
श्रीदेवी और सुशांत राजपूत की असामयिक मौत का मामला हो या दुनिया की किसी एजंसी द्वारा भारत को दी गई ख़राब रेटिंग का मुद्दा हो, हर छोटे-बड़े मामले में किसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र की गंध तलाशने वाला गोदी मीडिया जेनरल बिपिन रावत सहित कई लोगों की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत के पीछे कोई साज़िश क्यों नहीं खोज रहा है?

हमारे टीवी चैनल कह सकते थे – क्या जेनरल रावत के हेलिकॉप्टर को जान-बूझकर ख़राब किया गया था? क्या इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है? क्या नक्सलियों ने हेलिकॉप्टर को मार गिराया? यह सब कहने के लिए उनको किसी सबूत की ज़रूरत तो है नहीं। पहले ही कौनसे सबूतों के आधार पर उन्होंने Conspiracy Theories चलाई हैं?
तो इस बार उन्होंने TRP बटोरने का यह सुनहरा मौक़ा क्यों गँवा दिया?
कारण साफ़ है। अगर कोई एक पल के लिए भी मान ले कि यह हेलिकॉप्टर मौसम की ख़राबी या किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण नहीं गिरा बल्कि नक्सलियों या पाकिस्तानी एजंसी की साज़िश के कारण गिरा है तो यह तो इन लोगों के लिए डूब मरने की बात है। उनके लिए यह सोचना भी पाप होगा कि नक्सली या पाकिस्तानी इतने क्षमतावान हैं कि योजना बनाकर हमारे सैन्य प्रमुख की जान ले लें। वह भी मोदीराज में। कांग्रेस के शासन में सबकुछ मुमकिन था मगर मोदी जैसे 56 इंच वाले नेता के रहते किस विदेशी एजंसी में इतना दम है कि हमारी सेना के हेलिकॉप्टर को गिरा सके – वह भी हमारे देश में?
इसीलिए इस बार कोई Conspiracy Theory नहीं दिख रही।
One comment on “गोदी मीडिया ने TRP बटोरने का इतना सुनहरा मौक़ा क्यों गँवा दिया?”
कांग्रेसी राज में कौन से सेना प्रमुख के साथ हादसा हुआ , पाकिस्तान के दो टुकड़े किसने किए , कंधार में आतंक वादियो को कौन छोड़ने गया , चीन के राष्ट्रपति को किसने झूला झुलाया , बिना बताए पाकिस्तान कौन भारत का प्राइम मिनिस्टर गया , गोदी मीडिया तो है हिंदुस्तान में लेकिन भक्तो की भी कमी नही है ।