वाराणसी से सूचना है कि अमर उजाला के संपादक राजेंद्र त्रिपाठी, समाचार संपादक प्रदीप कुमार मिश्रा एवं क्राइम रिपोर्टर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी के खिलाफ सेवापुरी इलाके के संवाददाता घनश्याम पाठक ने वसूली, ब्लैकमेलिंग, धमकी, गाली-गलौज जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. घनश्याम पाठक का कहना है कि वे लगभग 15 वर्षों से अमर उजाला वाराणसी में सेवापुरी के लिए संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे. अमर उजाला में उनकी सैकड़ों खबरें प्रमुखता से छपीं. पाठक ने आरोप लगाया कि निहित स्वार्थ के कारण अमर उजाला वाराणसी के संपादक राजेंद्र त्रिपाठी, समाचार संपादक वाराणसी प्रदीप कुमार मिश्र तथा क्राइम रिपोर्टर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी ने उन्हें हटवा दिया.
घनश्याम पाठक का कहना है कि वर्ष 2018 में बाबतपुर एयरपोर्ट से संबंधित चर्चित रेप कांड के आरोपी ने एसपी सिटी वाराणसी की पत्रकार वार्ता में अमर उजाला पदाधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. किंतु मामला अमर उजाला से जुड़ा होने के कारण दबा दिया गया. आरोप लगाया कि अमर उजाला के जिम्मेदार पदाधिकारी शराब की मांग स्थानीय संवाददाताओं से करते हैं जिसका आडियो प्रबंधन को भेजा गया है.
घनश्याम पाठक ने अमर उजाला पदाधिकारियों के खिलाफ एक शिकायती पत्र अमर उजाला के एमडी राजुल माहेश्वरी एवं अमर उजाला के समूह संपादक उदय कुमार को रजिस्टर्ड डाक, मेल और व्हाट्सएप से भेजा है. शिकायती पत्र भेजने के कारण भी घनश्याम पाठक को धमकाया गया और गालियां दी गई.
घनश्याम पाठक का कहना है कि यदि उनके साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना या फर्जी मुकदमे होते हैं तो सीधे तौर पर अमर उजाला वाराणसी के पदाधिकारी गण जिम्मेदार होंगे.
उधर, इस प्रकरण के बारे में अमर उजाला के पदाधिकारियों का कहना है कि घनश्याम पाठक पर कई किस्म के गंभीर मुकदमें हैं जिसके कारण उन्हें संस्थान से कार्यमुक्त किया गया. वहीं घनश्याम पाठक का कहना है कि उन पर सभी मुकदमें या तो अमर उजाला के सेवाकाल के दौरान खबरों से रंजिशवश हैं या फिर मुकदमें खत्म हो चुके हैं. घनश्याम का कहना है कि वे 15 साल से अमर उजाला में हैं, तब किसी को मुकदमों का खयाल नहीं आया, आज जब पदाधिकारियों के निहित स्वार्थ की पूर्ति नहीं की गई तो मुकदमों का हवाला देकर हटा दिया गया.