Yashwant Singh : चोटें इतनी मिली हैं कि इसकी आदत-सी हो गई है। सो, कोई नई चोट आतंकित नहीं करती, हदस पैदा नहीं करती। कल रात स्कूटी को एक कार वाले ने उड़ा दिया। हेलमेट ने 90 फीसदी रक्षा की।
ये जो बाकी चोट तस्वीर में दिख रही है, वह हवा में दो तीन कलाबाजी खाकर लुढ़कते हुए घिसटने से दर्ज हुई। ज्यादा नहीं, पांच छह टांके लगे हैं। शरीर भर में पंद्रह सोलह जख्म हैं।
दुर्घटना के फौरन बाद ऑटो लेकर अकेले ही ग़ाज़ीपुर जिला अस्पताल पहुंचा तो देखा कि दोस्त मित्र भाई सब जमे हुए हैं। फिर मुझे कुछ न कहना- करना पड़ा। केवल आंखें बंद किए रहा। इंजेक्शन, टांके, ड्रेसिंग महसूसता रहा।
पहली तस्वीर दुर्घटना से ठीक 10 मिनट पहले की है।
बिल्कुल नए हेलमेट की हालत देखिए।
आज सुबह से हल्दी दूध, अनार जूस, मूंग खिचड़ी का सेवन कर लिया। एनर्जेटिक फील कर रहा। ना जाने क्यों जख्मों-चोटों से मोहब्बत सी हो गई है। ये होते हैं तो खुद के वजूद का एहसास होता है। वरना लोग जन्मते मरते हैं, पर कभी चैन से जख्मी होकर नहीं जी पाते!
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
Ajit Singh : कल रात गाज़ीपुर में Yashwant Singh “भड़ास वाले ” का accident हुआ । उनकी scooty को किसी Car वाले ने उड़ा दिया ……. Halmet लगाये हुए थे सो बच गए। Halmet लगाने की सद्बुद्धि उनको कहाँ से आई , राम जाने……
कई लोग तो विरोध के मारे नए Motor Vehicle Act के विरोध में आजीवन Halmet न पहनने , Seat Belt न लगाने य्या गाड़ी के कागज़ लेकर न चलने की कसम खा लेता …….
गाज़ीपुर जैसे छोटे शहर में जब कि आप दूध या सब्जी लेने निकले हों तो halmet पहनना क्यों जरूरी है ये Yashwant singh जी से पूछिए ……..
उनके Halmet ने उनको नया जीवन दिया है ……..
Halmet न रहा होता तो आज शायद किसी ICU में Coma में पड़े होते ………
Motor Vehicle Act की छोड़िए , अपनी जान की हिफाज़त के लिये Traffic नियमों का पालन कीजिये ।
Yashwant भाई को शुभकामनाएं. जल्दी स्वस्थ हो काम पे लौटिये.
शिक्षक, घुमक्कड़ और सोशल मीडिया राइटर अजित सिंह की एफबी वॉल से.
Ashish Rai Kaushik : हेलमेट ने बचाई प्रमुख संपादक की जिंदगी. आखिर पुलिस क्यों करती हेलमेट के लिए परेशान. हमारे हेलमेट लगाने से पुलिस को कितना मुनाफा. हम पुलिस को कोसते हैं कि आखिर ये हेलमेट कर के लिए बेवजह परेशान क्यों करते हैं।
तो इसका उत्तर है कि ये पुलिस वाले आपके बच्चों के पापा, पत्नी के पति, माता पिता की बूढ़ी आंखो के तारा की सुरक्षा के लिए हेलमेट का दबाव बनाते हैं न कि निजी स्वार्थ के लिए। कल जिस हिसाब से यशवंत भैया को कर वाले ने टक्कर मारा हेलमेट नहीं रहा होता तो बहुत बुरा हो गया होता। आप लोग हेलमेट का हालत देख ही रहे होंगे।
इस लिए गुजारिश है कि अपने लिए नहीं उन बच्चों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट लगाएं जो रात तक इंतजार करते रहते हैं कि अब पापा मेरी टॉफी लेकर घर आ रहे होंगे।
गाजीपुर के पत्रकार आशीष राय कौशिक की एफबी वॉल से.
Dr.Surendra Kumar kushwaha
November 11, 2019 at 7:38 pm
ये चोट सामान्य या सहज नहीं बल्कि ये चोट उन कायरों की करतूतें है, जिनके काले कारनामे, कारगुजारियां का चिट्ठा भड़ास पर सार्वजनिक होता है।
ऐसे तमाम डरपोक सामने से या कानूनन लड़कर जीत नहीं सकते, इसलिए साजिश से डराकर झुकाकर जीतने का कुचक्र रचते है।
यशवंत भाई आपकी फ़ितरत में न झुकना है, न डरना है, न दबना है।
बस लड़ना,जूझना और जीतना है।
आपका
डॉ.सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा, जबलपुर
मोब 7828424365, 9425388725
sanjay kumar
November 11, 2019 at 9:08 pm
बहादुरों का कोई बाल बांका नहीं कर सकता। आप जल्दी सेहतमंद होकर दिल्ली लौटें। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। संजय।
विजय सिंह , झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन
November 12, 2019 at 12:04 am
यशवंत भाई, शीघ्र स्वस्थ हों।
ईश्वर के साथ ही हेलमेट का शुक्रिया ।
भड़ास के पाठक व् शुभचिंतक ,दुपहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट एवं चार पहिया चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल अवश्य करें ।
Rohit yadav
November 12, 2019 at 12:19 pm
Aap jaldi theek ho jaye…bus yahi dua hai
anuchauhan
November 12, 2019 at 4:36 pm
get well soon
Nageshwar Singh
November 14, 2019 at 12:29 am
आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो यही उपर वाले से कामना करता हूँ ।
Nageshwar Singh
November 14, 2019 at 12:31 am
आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो यही उपर वाले कामना करता हूँ ।
Nageshwar Singh
November 14, 2019 at 12:34 am
आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो यही उपर वाले से कामना करता हूँ ।
Anil mishra
November 14, 2019 at 1:22 pm
Bhai jald thik ho
उदय प्रताप सिंह
November 14, 2019 at 1:24 pm
ईश्वर से प्रार्थना है कि आप शीघ्र स्वस्थ होकर हम सबके साथ इस संघर्ष भरे जीवन पथ पर दौड़ लगाएं। आप जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।
Sunil
November 14, 2019 at 2:04 pm
ईश्वर जल्द स्वस्थ करें यशवंत भैइया को