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गुलाब कोठारी का विरोध करने की सजा, राहुल शर्मा समेत कइयों का दूरदराज तबादला

राजस्थान पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी के खिलाफ उदयपुर में मजीठिया को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों पर आखिर पत्रिका मैनेजमेंट ने गाज गिरा ही दी। पत्रिका मैनेजमेंट ने उदयपुर राजस्थान पत्रिका के डेस्क इंचार्ज राहुल शर्मा का तबादला कोयमबटूर कर दिया है। उनके अलावा विकास बाकोलिया सहित दो पत्रकारों को चार्जशीट दी गई है। कुल मिलाकर इनको भी देर-सवेर रवाना कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि हाल ही में पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी उदयपुर के एक विवि में आए थे। यहां उनका सम्मान समारोह था। इसी दौरान उदयपुर पत्रिका के कुछ पत्रकारों ने कोठारी के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

राजस्थान पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी के खिलाफ उदयपुर में मजीठिया को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों पर आखिर पत्रिका मैनेजमेंट ने गाज गिरा ही दी। पत्रिका मैनेजमेंट ने उदयपुर राजस्थान पत्रिका के डेस्क इंचार्ज राहुल शर्मा का तबादला कोयमबटूर कर दिया है। उनके अलावा विकास बाकोलिया सहित दो पत्रकारों को चार्जशीट दी गई है। कुल मिलाकर इनको भी देर-सवेर रवाना कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि हाल ही में पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी उदयपुर के एक विवि में आए थे। यहां उनका सम्मान समारोह था। इसी दौरान उदयपुर पत्रिका के कुछ पत्रकारों ने कोठारी के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

ये लोग मजीठिया आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर कोठारी के खिलाफ पर्चे भी बांटे। उस प्रकरण से खफा पत्रिका मैनेजमेंट ने आंदोलनकारी पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदर्शन के अगवा माने जा रहे राहुल शर्मा का तबादला कोयमबटूर किया गया है। खास बात ये है कि कोयम्बटूर से पत्रिका का कोई एडिशन नहीं निकलता है। इस तरह राजस्थान से इतनी दूर भेजकर सीधे काले पानी की सजा दी गई है। उनके अलावा विकास बाकोलिया और एक अन्य पत्रकार को चार्जशीट दी गई है।

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बताया जा रहा है कि यह केवल एक खानापूर्ति है और इन दोनों को भी जल्द की टरमिनेट कर दिया जाएगा या कहीं दूर तबादला किया जाएगा। हालांकि उदयपुर के प्रदर्शन में ललित भटनागर भी शामिल थे, लेकिन उनका मैनेजटमेंट पहले ही कहीं दूर तबादला कर काले पानी की सजा दे चुका है। पत्रिका के मुख्यालय जयपुर और उदयपुर ही नहीं अजमेर एवं अन्य संस्करणों में भी इन दिनों दमन का दौर जारी है। अजमेर में मजीठिया की मांग को लेकर केस करने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र गुप्ता का तबादला हुबली किया गया है।

जानकारों के अनुसार यहां के संपादक उपेंद्र शर्मा पत्रकारों के उत्पीडऩ में जुटे हुए हैं। जुनियर रिपोर्टर से सीधे संपादक की कुर्सी पर पहुंचे शर्मा किसी भी पत्रकार से तमीज से बात नहीं करते। हालत ये है कि राजेंद्र गुप्ता ओर संतोष खाचरियावा से जैसे काबिल पत्रकारों को यहां से रवाना कराने के बाद अब वो और कई वरिष्ठ पत्रकारों को तंग करने में लगे हैं। इसके उलट उनका अखबार को लेकर वो बिल्कुल संजीदा नहीं है और रात को दफ्तर में बैठने के बजाय वो ऑफिस के पीछे की कॉलोनी में घूमने निकल जाते हैं।

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0 Comments

  1. हरीश

    July 6, 2015 at 2:05 pm

    लगातार ट्रांसफर और टर्मिनेशन से मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने वाले पत्रिका की बनी बुरी गत। अब कर रहा है पुराने कर्मचारियों की हाथा जोड़ी तो कहीँ दागी लोगों की कर रहा है भर्ती।
    तीन वर्ष पहले उदयपुर के जयसमंद में गुल्लू ने देश के चुनिंदा अख़बार मालिकों के लिए सपरिवार पार्टी रखी थी। गुल्लू तक रोज अख़बार और बाहर के संस्करणों के प्रिंटआउट भिजवाये गए। कंप्यूटर विभाग के एक कर्मचारी ने यह जिम्मेदारी उठाने से साफ़ इनकार कर दिया। इस पर उसको नोटिस थमाकर निकाला दिया गया। कल उसी कर्मचारी को मैनेजर ने हाथ जोड़कर पार्टटाइम नौकरी पर रख लिया। फतहसागर पर शराब पीकर हुड़दंग मचाने और पुलिसवालो को गालिया देने के आरोप में पकडे गए व् बाद में क्राइम रिपोर्टर के एसपी के सामने गिड़गिड़ाने पर छोड़े गए एक अन्य चैनलकर्मी को भी इसी तरह हाथ जोड़कर कंप्यूटर विभाग में नौकरी पर रखा गया है। यह सब इसलिए किया गया है ताकि मजीठिया का केस करनेवालों पर कार्रवाई की जा सके। संपादकीय विभाग में भी किसी छोटे अखबार के अड़ियल घोड़े को रखा गया है। पी आर कंपनियों के दलाल और दागी-भागी भी नौकरी पानेवालों की कतार में हैं।

  2. mahesh

    July 7, 2015 at 6:34 pm

    yeh sahi hai ki jis kisi ne gulabji ka virodh kiya use thikane laga diya, mujhe bhi chennai jane ki dhamki di. case vapas liya to transfer rdd kar diya, rajesh kasera isi kam mai juta hua hai ki uski bat man le, chief reporter jisne proof reader se noukari ki or chief ban gaya mehnat se nahi. carorpati bankar paisa lutakar bana hai. kasera ne pahle bhi fayda uthaya tha aaj bhi utha raha hai, beiman ne minister ramlal ki khabre bhilwara se aati or anand ke nam chapta, usse puchho kitne paise khaye, khud ne pahle case karne ko uksaya or ab maliko ka chan\mcha bana hua hai.

  3. harishrawat

    July 8, 2015 at 6:16 am

    इस हरामज़ादे गुलबकोठरी को इस तरह समझ नहीं आयेगी इस कुत्ते को इन पर्चो से कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा साथियो अब तो एक ही बिकल्प है की मादरचोद बीच चैराहे पर पकड़ कर जूते लगाओ तभी इस गांडू को समझ आएगी
    साला दुनिया को दुनियां को उपदेश देता है साला ये साला नम्बर एक रांडवज इस उम्र मई भी इस बुड्ढे को आज भी नई नई कालिया चाहिए , इस ने सभी कर्मचारिये की दो सैलरी शीट बना रखीं हैं बैलेंस शीट मैं लाखो रूपए के हेरा फेरी कर राखी हैं
    इस हरामजादे ने देश के लगभग सभी बड़े शहरों मैं करोडो के बे नमी सम्पति खरीद राखी है साला अपने नाम से अपने पेपर मैं लेख प्रकाशित करता पर इस गांडू से पूंछो की दुनिया को उपदेश देने से पहले ग्रहवान मं भी झाँक के देख की तू कितना ईमानदार सेल कुत्ते

  4. Kailash sankhla

    July 8, 2015 at 9:56 am

    Dalalo ko rskhkar itra raha hai udaipur edition ka kasera . jo kam ke hai unhe pareshan kar raha. Bhul gaya ranjeet charan ne kya gat banai thi

  5. Ranjeet Singh Rajput

    July 8, 2015 at 1:29 pm

    लगातार ट्रांसफर और टर्मिनेशन से मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने वाले bhaskar की बनी बुरी गत। अब कर रहा है पुराने कर्मचारियों की हाथा जोड़ी तो कहीँ दागी लोगों की कर रहा है भर्ती।

  6. Sachin

    July 9, 2015 at 6:50 am

    जयपुर की श्रम न्यायलय ने आज राजस्थान पत्रिका के खिलाफ लगाई गई कई याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया…. अब क्या होगा???

  7. Kailash sankhla

    July 9, 2015 at 10:50 am

    Ye sachin nam ka ferji kothari sub maliko Ke Ke ishare par likh raha hai.

  8. raj

    July 16, 2015 at 11:15 am

    राजस्थान प​त्रिका की हालत बहुत खराब है, दोस्तों जोधपुर में दौलतसिंह चौहान के समय की टीम पूरी तरह से बिखर गई। हालत यह है कि भास्कर में भ्रष्टाचार कर बाहर निकले सौरभ पुरोहित को दुबारा ले लिया। कई आरोप झेल चुके गजेंद्र को भी वापस ले लिया। पत्रिका के मापदंड तो पूरी तरह से खत्म हो गए।

  9. avinash singh pal

    July 17, 2015 at 1:00 pm

    गुलाब कोठारी जैेसे वरिष्ठ पत्रकार के लिए अपशब्दो का प्रयोग करना ठीक नही है.. हम पत्रकार है और पत्रकार का सबसे बड़ा हथियार उसकी शब्द कला होती है …ना कि अपशब्द कला…
    और हमे गलत बात भी एक सही भाषा और लहजे में कहना चहिए…

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