अनिल सिंह-
लखनऊ : ये ज्ञानेंद्र शुक्ला हैं. सीनियर जर्नलिस्ट हैं. ये चुनाव उनाव से दूर भागने वाले जीव रहे हैं, लेकिन इस बार दोस्त-संगी पत्रकारों के अत्यंत दबाव के बाद ये राज्य मुख्यालय संवाददाता समिति के अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनने को तैयार हुए हैं.

ये कैसे पत्रकार हैं इसकी चर्चा हम बाद में करेंगे, उससे पहले हम बता दें कि लॉकडाउन में जब दुनिया अपने घरों में कैद थी, पत्रकारों की बेमुरौव्वत छंटनी हो रही थी तब यह अपने कुछ संगी पत्रकारों के साथ मिलकर अपने उपलब्ध संसाधनों से ही उनके घरों के चूल्हे की आग जिंदा रखने की मशक्कत कर रहे थे. बिना किसी प्रचार प्रसार के. वह भी तब जब बड़े पत्रकार नेता और संगठन कोराना वारियर्स का सर्टिफिकेट लेने और देने में बिजी थे या अपनी दुकान चलाने में संघर्षरत.
व्यक्तिगत तरीके से जानकारी लेकर ज्ञानेंद्रजी हर उस पत्रकार तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जिनके पास खाने को राशन तक शेष नहीं था. अपने हमपेशा लोगों के लिये सक्रिय एवं चिंतित रहने वाले ज्ञानेंद्र का चुनाव में उतरने के लिये मान जाना उन पत्रकारों के लिये बड़ी बात है, जो इस पेशा की गरिमा को लेकर परेशान रहते हैं.
ज्ञानेंद्र शुक्ला के आने से लड़ाई कांटे की जरूर होगी. और हां, पत्रकार इतने अच्छे हैं कि सरेंडर की मुद्रा अपनाने वाली पत्रकारिता के सिस्टम में अमूमन फिट नहीं हो पाते हैं. पर नेता फिट होंगे, इसकी संभावना शत प्रतिशत है. उम्मीद है कि पत्रकार नेताओं ने पत्रकारिता के पेशे की गरिमा को जिस तरीके से रौंद दिया है, कोठा बना दिया है, उस गरिमा की पुनर्वापसी के लिये ज्ञानेंद्र शुक्ला संघर्ष करेंगे.
Comments on “ज्ञानेंद्र शुक्ला को जितायें”
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ल जी बहुत ही मूर्धन्य एवं बुद्धिजीवी पत्रकारिता के स्तर को जीते हैं।
—He is a good speaker and express his view in a very impressive way .
— he is not any political party supporter neither attached with any party .
– a very good knowledgeable and friendly person .
ये कदम बहुत अच्छा है। ज्ञानेन्द्र जी सफल ही नहीं अत्यधिक सफल होंगे। एक तेज रिपोर्टर और ज्ञानी व्यक्ति भी हैं।