सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के प्रिंट मीडिया के कर्मियों को निराश किया है। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में आज दिए फैसले में सारे चोर मीडिया मालिक साफ साफ बच गए। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी मीडिया मालिक को अवमानना का दोषी नहीं माना। वेजबोर्ड के लिए लड़ने वाले पत्रकारों को लेबर कोर्ट जाने और रिकवरी इशू कराने की सलाह दे डाली।
एक तरह से ऐसा लग रहा जैसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह मीडिया मालिकों के पक्ष में एकतरफा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद देश भर के मजीठिया क्रांतिकारियों में मायूसी छाई है। अब सबको अपनी अपनी निजी लड़ाई लेबर कोर्ट जाकर लड़नी पड़ेगी। जजों ने लंबे चौड़े फैसले में मीडिया मालिकों को अवमानना का दोषी न मानने के पक्ष में लंबी चौड़ी दलीलें पेश की हैं लेकिन मीडियाकर्मियों के खून के आंसू इन न्यायाधीशों को नहीं दिखे। कहा जा सकता है कि आज मीडियाकर्मी नहीं हारे बल्कि लोकतंत्र हारा है, कानून की हार हुई है, न्याय व्यवस्था की हार हुई है, हक़ के लिए लड़ाई की हार हुई है। फैसले पर मीडियाकर्मियों के वकीलों ने भी निराशा जाहिर की है।
इस लड़ाई के अंजाम के बारे में भड़ास संपादक यशवंत ने पिछले साल अगस्त में ही ये लिख दिया था…
मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई : न मीडिया मालिक जेल जाएंगे, न अफसर, हारे हुए हम होंगे!
आज के फैसले को लेकर कुछ अन्य खबरें यूं हैं…
एनडीटीवी ने मजीठिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भ्रामक खबर चलाई
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Nand kishore singh
June 19, 2017 at 10:42 am
कर्मशीलता की हार हुई है ।भ्रष्टाचार की जीत की जश्न मनाएं सभी कर्मयोगी पत्रकार।न्याय की हार की पराकाष्ठा है ।वहां न्याय नही एक व्यक्ति बैठा होगा जिसने प्रेस मालिकों को बरी किया ।
ashish kumar
June 19, 2017 at 11:26 am
ये फैसला कंपनियों में मालिकों को शोषण का अधिकार देता है। वाह रे सुप्रीम कोर्ट खुद तय नही कर पाया कि फैसला किसे कहें। सब बिके हैं। कोर्ट, कानून, शासन, प्रशासन।
Neeraj
June 19, 2017 at 7:31 pm
Muje to avi take samjh nahi aaya suchhi khabar konsi h bhadas kind ya Jo Google par chal raha wo please such kayak h wo bataye.
pravin
June 20, 2017 at 10:04 am
yeh andha kanoon nahi gandha kanoon hai……