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अरे, ये क्या कर रहे हैं हरिवंश जी, आपसे तो ऐसी उम्मीद नहीं थी!

मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर हम लोगों की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई 27 मार्च 2015 को है. याचिका दायर करनेवाले प्रभात खबर के आठ लोगों में फूट डालने की प्रबंधन भरसक कोशिश कर रहा है. इस हरकत पर मीडिया कर्मियों में भारी रोष है। उन्हें सबसे ज्यादा कष्ट इस बात का है कि हरिवंश जैसे संपादक उनकी एकता तोड़ने में स्वयं जुट गए हैं। 

मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर हम लोगों की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई 27 मार्च 2015 को है. याचिका दायर करनेवाले प्रभात खबर के आठ लोगों में फूट डालने की प्रबंधन भरसक कोशिश कर रहा है. इस हरकत पर मीडिया कर्मियों में भारी रोष है। उन्हें सबसे ज्यादा कष्ट इस बात का है कि हरिवंश जैसे संपादक उनकी एकता तोड़ने में स्वयं जुट गए हैं। 

मीडिया कर्मियों का कहना है कि ‘सभी को अलग-अलग बताया जा रहा है कि फलां ने मुकदमा वापस लेने के कागजात पर दस्तखत कर दिये हैं, इसलिए आप भी कर दीजिए. अफवाहों के जरिये हमारी एकता में दरार डालने की कोशिश की जा रही है. प्रबंधन ने अपने वकील से मुकदमे की वापसी का कागज बनवा कर हमारे एक साथी को दिया है और उस पर दस्तखत करने का दबाव बनाया जा रहा है. प्रबंधन यह जान ले कि हमारी एकता को तोड़ना इतना आसान नहीं है. 

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अरे, ये क्या कर रहे हैं हरिवंश जी, आपसे नैतिकता के भाषण सुन-सुन कर हम पत्रकारिता में बड़े हुए हैं, कम से कम आपसे तो ऐसी उम्मीद नहीं थी.’

(प्रभात खबर के पत्रकार और मजीठिया वेज बोर्ड के अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले सत्यप्रकाश चौधरी के फेसबुक वॉल से)

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0 Comments

  1. कामता प्रसाद

    March 25, 2015 at 5:04 pm

    ई ससुरे ‘‘समाजवादी’’ होते ही दोगले हैं। मैं निजी तौर पर कइयों को जानता हूं।

  2. sidhartha

    March 25, 2015 at 8:10 pm

    ye sale chor hai sab ke sab,inme se sabse bada chor hai Amarujala News Paper jisne Last year majithiya diya aur iss saal sabse Majithiya wapas le liye sirf production aur Editorial ke logo ko agar chod de to sab logo ko inhone wage board se bahar kar diya hai,aur apne hisab se sabka salary structured bahut neeche la diya hai.
    har aadmi aage badhne ki sochta hai salary badhata hai per ye Rajul Maheshwari aur Tanmay Maheshwari ne hum logo ko barbadi ki kagar pe lakar khada kar diya hai.

  3. amit singh

    March 25, 2015 at 8:13 pm

    इस हरकत पर हरिवंश जी हमारी एकता में दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं, नैतिकता के भाषण सुन कर भी हम ऐसी उम्मीद नहीं करने जा रहा है ! सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनेवाले प्रभात खबर के कर्मियों पर दबाव नहीं बनाया जा सकता हैं

  4. shravan

    March 26, 2015 at 4:38 am

    हरिवंश नामी बनिया हैं। गुड़ खाते और गुलगुल्ले से परहेज करते हैं। इन्होंने नब्बे के दशक में प्रभात खबर के दफ्तर के बाहर छंटनी किए गए लोगों के धरने पर बम फेंकवाया था। झारखंड की तमाम समस्याओं की जड़ में हरिवंश और इनका तथाकथित आंदोलनकारी अखबार है। ये खुद करोड़ों रुपए मालिकों से लेते हैं और हमको चटाई पर सोकर पत्रकारिता करने को कहते हैं। दोगले हैं सारे के सारे। इनकी संपत्ति का जांच सीबीआई से कराई जाए।

  5. kailash

    March 27, 2015 at 7:53 pm

    SABSE BADA CHOR HAIN HARIVANSH JEE.

  6. अरुण श्रीवास्तव

    March 28, 2015 at 5:47 am

    बेसिकली हरिवंश जैसे लोग दलाल होते है । दलाल न होते तो संपादक होते हुए राज्यसभा में पहुँचथे ।

  7. subodh ranawat

    September 19, 2015 at 2:33 am

    एक पुरानी कहावत है कि ” सैया भये कोतवाल तो डर काहेका”रांची के एक दैनिक अख़बार के बड़े पत्रकार के अनुज भाई 34वे राष्ट्रिय खेल (NGOC) के करोड़ो रुपये घोटाले के प्रमुख आरोपी है क्यों की राष्ट्रिय खेल आयोजन समिति के कोषाअध्यक्ष थे और करोड़ो का घोटाले किय।इस प्रमाणित घोटाले में कई संलिप्त छोटे पदाधिकारी अभी जेल की हवा खा रहे है लेकिन प्रमुख अभियुक्त कोषाअध्यक्ष पर पुलिस हाथ नहीं डाल पा रही है।विश्वस्त सूत्रों को माने तो खबरों को आन्दोलन बनाने वाले बड़े पत्रकार आज अपने अनुज भाई को बचाने के लिय झारखण्ड के मुख्य मंत्री के आवास के चक्कर काट रहे है जिस में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार भी शामिल है। क्या मुख्यमंत्री डील करेंगे या “न खाउगा न ही खाने दूंगा” के सिद्धांत का पालन करेंगे यह तो इस केस की करवाई से पता चल जायेगा।
    इस सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु दैनिक जागरण;रांची 16 सितम्बर की प्रकाशित समाचार को पढेगे तो पुष्टि हो जाएगी की कैसे बड़े पत्रकार तिल को ताड़ बनाने वाले अपने अनुज भाई को बचाने के लिय समाचार को ही खा गए ? वाह रे नैतिकता वाह रे खबरों का आन्दोलन…जय हो भाई वाद।

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