पत्रकारों के आवास आवंटन निरस्तीकरण का आदेश वापस ले योगी सरकार… सर्वविदित है केन्द्र की मोदी सरकार ने लघु-मध्यम समाचार पत्रो के प्रकाशन पर RNI एवम् DAVP के माध्यम से शिकंजा कसकर पत्रकारों के लिए कब्र खोद दी है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पत्रकारों को आवास आवंटन में अखिलेश सरकार के फैसले को जबरन पत्रकारों पर थोप दिया है। जिसके परिणामस्वरूप पत्रकार घर से बाहर सड़क पर आकर दर-दर भटकने को मजबूर हो जायेंगे। लोकतन्त्र के सजग प्रहरियों का उत्पीड़न करना क्या न्याय संगत है?
आपको याद दिला दें, सुप्रीम कोर्ट में सत्यनारायण शुक्ला द्वारा मात्र पूर्व मुख्यमंत्रियों के अनधिकृत अध्यासन वाले आवासों को खाली कराने सम्बन्धी याचिका सिविल संख्या-657/2004 में पारित आदेश की राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा की गयी गलत व्याख्या को सहमति प्रदान कर,अखिलेश सरकार ने (शासन की नियमावली एवम् निर्धारित किराये पर समस्त पत्रकारों के पूर्व आवंटित) आवासों को निरस्त कर दिया था।
क्या योगी सरकार द्वारा अखिलेश सरकार के पत्रकारों को पूर्व आवंटित आवासों के निरस्तीकरण आदेश को संशोधित कर पुनरादेश नहीं करना चाहिए था? लेकिन योगी सरकार ने अखिलेश सरकार के तुगलकी फ़रमान को लागू कर दिया। यह भी महत्वपूर्ण है कि पत्रकारों को आवास आवंटन की जो नई नीति अखिलेश सरकार के आला अफसरों ने तैयार की थी, विसंगतियों से भरपूर है। लगता है कि अधिकारियों को नॉलिज नहीं थी। उसमें आवास आवंटन के लिए राज्य मुख्यालय की मान्यता होना जरुरी अर्हता रखी गयी है। जबकि सम्पादकों को राज्य मुख्यालय की मान्यता नहीं दी जाती। इसके फलस्वरूप पूर्व आवास आवंटी सम्पादक सड़क पर आ जायेंगे। इतना ही नहीं, निजी आवास न होने का शपथ पत्र भी माँगा जा रहा है। इसके आधार पर पूर्व आवंटी पत्रकारों को सींखचों के पीछे भेजने की तैयारी की जा सके।
मजेदार बात है कि योगी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा तैयार की गयी नई आवास आवंटन नीति में कोई संशोधन न कर ज्यों का त्यों लागू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के याचिका कर्ता श्री सत्य नारायण शुक्ल भी स्वीकारते है कि राज्य संपत्ति विभाग की कार्रवाई गलत और माननीय न्यायलय की अवमानना है। माननीय मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ जी से विनम्र निवेदन है कि पत्रकारों के आवास आवंटन निरस्तीकरण का आदेश वापस लेने का कष्ट करें तथा राज्य संपत्ति विभाग को निर्देशित करे कि पत्रकारों को पूर्व आवंटित आवासों में पूर्ववत रहने दिया जाए।
रमेश चन्द जैन
प्रान्तीय महामन्त्री
यू.पी.जर्नलिस्ट्स एसोसिएसन
28-बी विधायक निवास
दारूल शफ़ा, लखनऊ
9412487182,9319204848
manoj vishwakarma
June 26, 2017 at 4:36 pm
sir hame koi news apko deni ho to kya k kareate