अभिनव पांडेय-
विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मोदीजी ने चुनावों से ठीक पहले पेट्रोल और डीज़ल के दामों में दस रुपये कम किए थे । चुनाव ख़त्म छूट ख़त्म, अब दस रुपये वापस बढ़ा लिए। साहेब के खून में बैपार है!
शीतल पी सिंह-
दस में दस। PTI ने हिसाब लगाकर बता दिया है कि सरकार ने आज की वृद्धि के ज़रिए पेट्रोल/डीज़ल पर विधानसभा चुनावों के बाद पूरे दस रुपये बढ़ा लिए हैं ।
उधर अख़बार छाप रहे हैं कि कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चौदह डालर प्रति बैरल तक गिर गए हैं फिर भी सरकार लगातार दाम बढ़ाए जा रही है?
उधर भक्तों ने ऐलान किया है कि चाहे पाँच सौ रुपये लीटर पेट्रोल मिले आएगा तो……………ही ! एक दूसरे भक्त ने जयकारा लगाया …….है तो मुमकिन है !
अनुपम-
एक ज़माना था जब पेट्रोल डीजल की कीमत दस बीस पैसे भी बढ़ जाए तो जनता सड़क पर और सरकार बैकफुट पर आ जाती थी।
पिछले 16 दिन में 14 बार दाम बढ़ गए लेकिन जनता को लगा दिया गया है हलाल मीट और हिजाब में। क्योंकि मोदी-याबिंद के मरीज़ धर्म के नाम पर ज़हर उगलकर ही सुखी रह लेते हैं। तभी तो चाहे खुद बर्बाद हो जाएं, आह तक नहीं करते!
गिरीश मालवीय-
पिछले 16 दिन में पेट्रोल-डीजल 10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है,……. पिछली बार जब इतनी तेजी से दाम बढ़े थे तब यही भाजपा नेता जो इस वक्त मोदी सरकार में है वे क्या बोलते थे यह जानना भी जरूरी है!
मई 2012 में, जब पेट्रोल की कीमतों में सबसे ज्यादा 7.54 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी, तब यूपीए-2 की मनमोहन सिंह की सरकार थी। उस वक्त राजनाथ सिंह ने कहा था कि महंगाई की वजह से सबसे बड़ी मार गरीबों पर पड़ रही है।
प्रकाश जावड़ेकर कह रहे थे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिरने के बावजूद मनमोहन सरकार तेल के दाम बढ़ा रही है। नकवी ने आरोप लगाया था कि बाजार माफिया तेल के जरिए महंगाई पर हर दो महीने पर तड़का लगा रही है और सरकार उन माफियाओं को संरक्षण दे रही है। उस वक्त अरुण जेटली ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी आम आदमी का नारा देकर शासन में आई लेकिन उसी आम आदमी के खिलाफ षडयंत्र कर रही है। जेटली ने कहा था कि आगामी चुनावों में लोग कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी वृद्धि पर मनमोहन सिंह को ऐसे”सरदार (प्रमुख) के रूप में वर्णित किया था, जो असरदार (प्रभावी) नहीं है”। मोदी ने इसे यूपीए सरकार की विफलता बताया था।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था, “पेट्रोल की कीमतों में यह बढ़ोतरी पिछले नौ साल से यूपीए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का नतीजा है। रुपये के अवमूल्यन के कारण यह बढ़ोतरी गलत है।”
2012 में भाजपा का तर्क था कि “अगर यूपीए सरकार ने (अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने के लिए) सही नीतियों का पालन किया होता, तो वह तेल सब्सिडी प्रदान करने की स्थिति में होती।”
सवाल यह उठता है कि सब्सिडी जैसी राहत आज 2022 में मोदी सरकार क्यों नही दे रही है ? मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर खूब कमाई की है। बीते 3 सालों में सरकार की एक्साइज ड्यूटी से कमाई 2,10,282 करोड़ रुपए से बढ़कर 3,71,908 करोड़ पर पहुंच गई है। यानी बीते 3 साल में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) लगाकर सरकार ने 8 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई की है।
वही पिछले तीन सालों में प्रति व्यक्ति सालाना आय 1.26 लाख रुपए से घटकर 99,155 रुपए सालाना पर आ गई है, ऐसे में 10 रु पैट्रोल डीजल महंगा कर उस पर महंगाई का बोझ और लाद दिया गया है विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस वृद्धि का सीधा प्रभाव माल भाड़े पर पड़ेगा और इसमें 16% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यानि महंगाई बेतहाशा बढ़ने वाली है
कल लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत में ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी बहुत कम की गई है उन्होंने यहां की तुलना अमेरिका और यूरोप के विकसित देशों के साथ करते हुऐ कहा कि अमेरिका में 51 फीसदी, कनाडा में 52 फीसदी, जर्मनी में 55 फीसदी, ब्रिटेन में 55 फीसदी, फ्रांस में 50 फीसदी, स्पेन में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है लेकिन इसकी तुलना में भारत में पांच फीसदी की वृद्धि हुई है।
हरदीप पुरी का ध्यान दक्षिण एशियाई देशों की तरफ क्यों नहीं है ? दक्षिण एशियाई देशों में ईंधन भारत में ही सबसे महंगा मिल रहा है, डॉलर के मूल्य से आप तुलना करे तो पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज भी पेट्रोल भारत से करीब आधी कीमत (62.53 रुपए प्रति लीटर) में बिक रहा है। दूसरी तरफ गहरे आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका में यह 75.53 रुपए लीटर है। तो आखिर भारत में पैट्रोल डीजल के। दामों में इतनी बढ़ोतरी कर महंगाई को निमंत्रण दिया जा रहा है।
Prashant
April 6, 2022 at 11:32 am
“उधर भक्तों ने ऐलान किया है कि चाहे पाँच सौ रुपये लीटर पेट्रोल मिले आएगा तो……………ही ! एक दूसरे भक्त ने जयकारा लगाया …….है तो मुमकिन है !”
Koun hai ye log.. Kaha se aate hai….
Yaha ghar ka kharcha nikalna mushkil ho gaya hai.. Petrol / Diesel ke daam badne se kitna asar hota hai ye noukari karne waale hi samajh sakte hai. Bachcho ke school transportaion mahanga, Rasan Mahanga, Local Transport mahnga.
Daam kyon bade, isase aam aadami ko kya lena dena. Aaj ke din sarkar jisaki, jimmedari usaki. Anya kisi desh ke daamo se hame kya karna. ye to aaj ki jo sarkar hai uski jimmedari hai ki Mahngayee utani hi bade jitani ek end user jhel sake.
Maana sab galti UPA Govt ki hai to pichale 7 saalon 56 inch waale kya jhak maar rahe hai.
Hazaro karod rupaye aastha ke naam pe kharch hor rahe hai ye rupaye kya aasman se baras rahe hai. nahi, ye hamari mehanat ki kamayee ke paise hai.
Bhuke pet na bhajan hoye gopala.