नरेंद्र नाथ मिश्रा-
24 घंटे के अंदर आयी 3 खबर…
-लखनऊ में शादी हो रही थी। 26 साल दुल्हन जयमाला के समय ही गिर गयी। अस्पातल में जान बचाने की कोशिश हुई लेकिन अंतत: हार्ट अटैक से मौत हो गयी
-टि्वटर पर एक परिचित के 25 साल के भतीजे की अचानक मौत हर्ट अटैक से हो गयी। कल क्रिकेट खेलते हुए आया हार्ट अटैक। स्पोर्ट्समैन था। फिट बॉडी थी। कोई फैमिली हिस्ट्री भी नहीं।
-मध्य प्रदेश के कटनी में में साईं मंदिर में राकेश मेहानी नाम का 35 साल का युवक दर्शन करते समय गिरा और उसकी वहीं मौत हो गयी। लोगों को लगा कि वह दर्शन करने में मग्न है लेकिन कुछ देर तक उठा तो लोगों ने हिलाया तो जान जा चुकी थी।
मौत LIVE : मेरठ में चार दोस्त घूमने निकले। एक 25 साल के युवक को छींक आई और वहीं मौत हो गयी। हार्ट अटैक से।
अगर अभी भी लोगों को लग रहा है कि यह डराने की बात और इससे परहेज़ करना चाहिए। इसे इग्नोर करना चाहिए तो क्या कहें। लिंक ये है- https://fb.watch/hcBINANVoH/?mibextid=v7YzmG
अगर सभी को लगता है कि यह बेहद सामान्य है तो ठीक है मैं गलत। अगर सभी को लगता है कि इसपर बात नहीं होनी चाहिए तो बाकी लोग ठीक। लोगों को लगता है कि हड्प्पा कालीन इतिहास पर बात होनी चाहिए,शोध होनी चाहिए लेकिन इस मसले पर कोई रिसर्च की जरूरत नहीं है तो लोग ठीक। मैं गलत।
और हां,अगर इन खबरों से दूर भागने से भी अगर हल निकल जाएगा,डर कम हो जाएगा तो भी यह विकल्प है।
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कुछ प्रतिक्रियाएँ-
विष्णु दत्त झा- इस विषय के जानकार जरूर इसपर संज्ञान लिया होगा, ऐसा मेरा सोच है… अगर नहीं लिया है तब तो मामला और गंभीर है… Corona ने, खासकर जो hospitalised हुए और मेरी तरह भाग्यशाली हुए की वापस आ गए, heart lungs जैसे श्वशन प्रणाली के अंगों को बुरी तरह से दुष्प्रभावित किया, तो ऐसे हालात मे इनका heart fail होना, सामान्य के मुकाबले, ज्यादा स्वभाविक दिखता है…. मैं दर्शन का विधार्थी रहा और हर घटना को कार्य-कारण सबंध के रूप मे देखता हूँ…. बांकी सब medical field मे काम करनेवाले को details बताना चाहिए…. कम से कम राजनीति तो नहीं ही होनी चाहिए ऐसी घटनाओं को लेकर।
नंदिता झा- हाल के वर्षों में हार्ट अटैक की संख्या बढ़ती जा रही है जिसमे को उम्र सीमा नहीं है |क्या वजह कोरोना टीकाकरण तो नहीं |क्योँकि इसमें भी काफी भ्रष्टाचार देखने को मिला था।
सोनम ऋषि- कल एक हमारे फैमली अंकल उनको भी ऑफिस में हार्ट अटैक आया हॉस्पिटल ले जाया गया,dr ने बोल दिया खतम हो गये।
मनीष गुप्ता- मेरे गांव में एक 20 साल का बॉडी बिल्डर ओर खूबसूरत लड़का हार्ट अटैक से मौत हो गई 5 मिनट भी जिंदा नही रहा था एक पास के शहर का लड़का जो रोज जिम जाता था हार्ट अटैक से मर चुका है
नील कमल- मेरे भाई की भी 35 साल की उम्र में हार्ट अटेक से मृत्यु हो गयी।
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दिल मौका ही नहीं दे रहा और जान ले जा रहा है… पूर्व कोविडधारी ज़्यादा सावधान रहें!
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अशोक कुमार शर्मा
December 4, 2022 at 3:42 pm
कमाल की परिचर्चा शुरू की है आप लोगों ने। यह मुद्दा तो मेन स्ट्रीट मीडिया के भीष्म पितामहों को उठाना चाहिए। इस परिचर्चा से एक मुझे एक बात जरूर लगी।
भड़ास अवश्य ही शिकायत पेटी नहीं रही है। भड़ास अब केवल मीडिया के थके, हारे, कुछ लोगों से नाराज, बिना कुछ किए धरे दुनिया को गरियाने वाले जुगाड़ू गंद उछालुओं, सियासी मदारियों के नाकाम बंदरों, कामयाबी के शतक से एक रन पहले हिट विकेट, पिछली इनिंग्स में कमाल दिखाकर अब अप्रासंगिक हो चुके पत्रकारिता के महानायकों अपने हिसाब किताब चुकाने का मंच नहीं रहा है।
भड़ास का शिकायत पेटी से समाज के सच्चे हमदर्द बनने की राह का नया सफर इसे और कामयाब बनाएगा। बेशक। किसी को कोई शक?
Hem Raj
December 4, 2022 at 9:35 pm
बहुत ही गंभीर मुद्दे से जिम्मेदार भाग रहे हैं!
मैं ही नहीं अधिकांश जनता मानती है कि कोविड के वैक्सीन ले चुके लोगो, का दिल कमजोर हो चुका है! यह हिटलर के गैस चैंबर में बेगुनाहों को मारने जैसा ही है! हिटलर के फालोअर जिसे मानने को तैयार नहीं!