आज से पाँच महीने पहले ‘हिंदी खबर’ चैनल की शुरुवात हुई. चैनल के असली मालिक संगम लाल बांग्लादेश की किसी कंपनी के कर्मचारी हैं और हिंदी खबर के फाइनेंसर थे. दूसरे असली मालिक मनीष अग्रवाल हैं जो कि ग़ज़िआबाद में एक व्यपारी हैं. तीसरे मालिक एंकर अतुल अग्रवाल हैं जिनने हिंदी खबर के सभी कर्मचारियों को बड़े बड़े सपने दिखाए. सभी लोगों ने दिलो जान से मेहनत करना शुरू कर दिया. चैनल तीन से चार महीने मे लांच हो गया. लेकिन अंदरखाने झूठ, फरेब और छल का राज बद से बदतर होता गया. गलत दबावों के आगे न झुकने वाली कई लड़कियों को हिंदी खबर से निकाल दिया गया. इस तरह की घटनाएं हिंदी खबर में रोज होने लगी. ऐसी ही एक घटना के कारण एक एफ.आई.आर. भी दर्ज हुई है.
बताया जा रहा है कि चैनल का मालिक संगम लाल अपने चैनल के लोगों को अधर में छोड़ कर बांग्लादेश भाग गए हैं. इसके बाद मनीष अगवाल जिन्हें हिंदी खबर में परदे के पीछे बैठे प्रेम चोपड़ा के नाम से जाना जाता है और जो हर गलत चीज़ को बढ़ावा दे रहे हैं आजकल सी.ई.ओ. होने के नाते व्यावसायिक उथल पुथल मचा रहे हैं. हिंदी खबर से अभी तक चालीस लोग जा चुके हैं. पूरा का पूरा डिपार्टमेंट तक खाली हो गया है. आगे क्या होगा, यह सोच कर कर्मचारी बहुत परेशान हैं. चैनल के चौथे मालिक प्रणीत दीक्षित हैं. इन्होंने सब गतिविधियों को देखते हुए अपनी समस्त टेक्निकल टीम और सेल्स हेड संजय कौशिक की टीम समेत इस्तीफा दे दिया है. इस हिंदी खबर में कोई आना नहीं चाहता है. सवाल है कि सभी सत्तर अस्सी लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने का हक़ इनको किसने दिया. मैं मीडिया जगत के वरिष्ठ लोगों, भारत सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम अखिलेश यादव जी से प्रार्थना करता हूं कि छुटपुटिया व्यापारियों को मीडिया जगत में आने से रोका जाये और इसके लिए सख्त कानून बनाया जाए.
किसी शख्स ने उपरोक्त कहानी [email protected] मेल आईडी के माध्यम से भड़ास के पास छपने के लिए भेजा है. अगर इस मामले पर दूसरे पक्ष यानि हिंदी खबर प्रबंधन के लोगों को कुछ कहना हो तो अपनी बात [email protected] पर मेल कर सकते हैं.
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