नई दिल्ली। बुधवार 27 अगस्त को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के हिंदी सेवी सम्मान (वर्ष 2010 एवं 2011) कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा संस्थान की हिंदी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गत 28 विद्वानों को हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किए।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री एवं केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल की अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ज़ुबिन इरानी, मंडल के उपाध्यक्ष प्रो. यार्लगड्डा लक्ष्मीप्रसाद, हिंदी जगत के वरिष्ठ विद्वानों और मीडियाकर्मियों के साथ-साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, विभिन्न दूतावासों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. मोहन, आठों क्षेत्रीय केंद्रों के क्षेत्रीय निदेशकों, विभागाध्यक्षों, कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी और शैक्षिक एवं प्रशासनिक सदस्यों ने शिरकत की।
सम्मानित-पुरस्कृत किए जाने वाले हिंदी सेवी विद्वान (वर्ष: 2010-2011)
गंगा शरण सिंह पुरस्कारः हिंदी प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
श्री आरएफ़ नीरलकट्टी, सुश्री पदमा सचदेव, श्री जान्हू बरुआ, डॉ. एसए सूर्य नारायण वर्मा, डॉ. एच बाल सुब्रह्मण्यम, श्री रॉबिन दास, प्रो. टीआर भट्ट, श्री सिजगुरुमयुम कुलचंद्र शर्मा
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कारः हिंदी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
श्री रवीश कुमार, श्री दिलीप कुमार चौबे, श्री शिव नारायण, प्रो. गोविंद सिंह
आत्माराम पुरस्कारः वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य एवं उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
डॉ. अनिल कुमार चतुर्वेदी, श्री काली शंकर, श्री महेश डी. कुलकर्णी, श्री विजय कुमार मल्होत्रा
सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कारः हिंदी के विकास से संबंधित सर्जनात्मक/आलोचनात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए
प्रो. सुधीश पचौरी, डॉ. श्याम सुंदर दुबे, प्रो. दिलीप सिंह, प्रो. नित्यानंद तिवारी
महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कारः हिंदी में खोज और अनुसंधान करने तथा यात्रा विवरण आदि के लिए
डॉ. परमानंदपांचाल, प्रो. रघुवीरचौधरी, प्रो. असग़र वज़ाहत, श्री वेद राही
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कारः विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए
प्रो. शमतोफ़ आज़ाद (उज़बेकिस्तान), प्रो. उ जो किम (दक्षिण कोरिया)
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कारः भारतीय मूल के विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए
प्रो. मदन लाल मधु (रूस), श्री तेजेंदर शर्मा (यू.के.)
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग (भाषा प्रभाग) के अंतर्गत द्वितीय और विदेशी भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-प्रशिक्षण, अनुसंधान और बहुआयामी विकास के लिए कार्यरत एक शैक्षिक संस्था है। इसका संचालन स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिंदी राष्ट्रीय एकता और समन्वय की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्कभाषा के रूप में इस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में आपसी संवाद को बढ़ाते हुए भारत की समावेशी संस्कृति के विकास की भी ज़िम्मेदारी है। यही तथ्य केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना और इसके हर कार्यक्रम के मूल में विद्यमान रहा है। संस्थान विदेशों में हिंदी भाषा और उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना और उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रसारित करने के लिए भी संकल्पित है। (प्रेस विज्ञप्ति)
vinay goel
September 10, 2014 at 12:19 pm
yeh jaankar khushi hue ki ravish ji ko ganesh Shankar vidyarthi puraskar se sammanit kiya hai. Ravish ji ko meri or ks hardik shubhkamnaen.