एक बड़ी खबर हिंदुस्तान अखबार से आ रही है. प्रबंधन ने अचानक एक तुगलकी कदम उठाते हुए हिंदुस्तान अखबार की अलीगढ़ यूनिट में कार्यरत आधा दर्जन से ज्यादा मीडियाकर्मियों से जबरन इस्तीफा ले लिया है. शुरुआती खबर के मुताबिक हिन्दुस्तांन अलीगढ़ से डीएनई शरद यादव और चीफ सब एडिटर मनोज उपाध्याय से इस्तीफा ले लिया गया है. कई अन्य से भी इस्तीफा लिए जाने की खबर है.
सूत्रों का कहना है कि इस अलीगढ़ यूनिट को बंद करने की तैयारी चल रही है. यहां के सम्पादक नीरज चौधरी हैं. इनके कार्यकाल में सर्कुलेशन गिर कर 15 हजार रह गया है. प्रबंधन यहां से समुचित राजस्व नहीं जुटा पा रहा. बताया जाता है कि अलीगढ़ में अब ब्यूरो आफिस रहेगा. अखबार आगरा से छप कर यहां आया करेगा.
अलीगढ़ हिन्दुस्तान में डेस्क पर करीब 9 साल से कार्यरत वरिष्ठ सहयोगी शरद यादव व मनोज उपाध्याय से इस्तीफा लिखवाए जाने के बाद यहां कार्यरत हर कोई स्तब्ध है. बताया जाता है कि इस्तीफा लेने के लिए नोएडा से एचआर के लोग खुद आये थे. इस दौरान मेरठ और आगरा के संपादक भी मौजूद रहे. अब संस्थान में अजीब सी खामोशी है. कल से ही दोनों एम्प्लोयी से काम नही कराया गया. हर कर्मचारी अनिश्चितता के माहौल में है. निकाले गए दोनो कर्मियों की उम्र 50 से अधिक है. किसी को कारण तक नहीं पता है कि इन्हें निकाला क्यों गया है.
चर्चा है कि ये मंदी की मार के साइडइफेक्ट हैं. बड़े अखबार अब उन यूनिटों से तौबा करना शुरू कर रहे हैं जहां उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. हिंदुस्तान ने अलीगढ़ यूनिट बंद करके एक बड़ी शुरुआत कर दी है. आने वाले दिनों में दूसरे अखबार भी ये कदम उठाने वाले हैं.
वहीं दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि अखबार के मालिक बहुत लीचड़ होते हैं. गले तक मुनाफा कमाने के बावजूद वो हर वक्त खर्च बचाने और कम से कम लोगों में अखबार निकालने के प्रयत्न में लगे रहते हैं. हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स अखबार करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं लेकिन इनकी फितरत पत्रकारिता नहीं, बिजनेस है, इसलिए ये अपने फायदे के हिसाब से यूनिटें खोलते बंद करते रहते हैं.