हिन्दुस्तान समाचार न्यूज़ एजेंसी के चेयरमैन आर के सिन्हा की श्रम विरोधी नीतियों एवं अमानवीय आचरण के कारण संस्थान के दो हजार से ज्यादा कर्मचारी/ पत्रकार आर्थिक संकट झेलते झेलते अब भुखमरी के कगार पर हैं। संस्थान के कर्मचारियों/ पत्रकारों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं दिया गया है।
दरअसल यह संकट पिछले वर्ष के जून माह से ही शुरू हो गया था। संस्थान के चेयरमैन आर के सिन्हा को जबसे ये संकेत मिलना शुरू हुए कि भाजपा उनको दोबारा राज्यसभा में सांसद नही बना रही है, तभी से उन्होंने संस्थान को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। कर्मचारियों का दमन, शोषण, उत्पीड़न, इधर से उधर मनमाना स्थानांतरण आदि ढंग से ऐसा वातावरण बनाने का कुचक्र शुरू कर दिया कि संस्थान ही बंद हो जाए। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संस्थान तो बंद नही होने दिया, लेकिन कर्मचारियों के वेतन आदि की भी व्यवस्था नहीं की। संभवतः संघ अब इस संस्थान का संचालन स्वयं करने पर विचार कर रहा है।
संघ और भाजपा सरकार का यह दोहरा चरित्र उजागर करके कर्मचारियों/ पत्रकारों के न्याय के लिए आवाज बुलंद करना जरूरी हो गया है।
संस्थान के समूह संपादक राम बहादुर राय भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। उनका हस्तक्षेप असरकारी हो सकता है।
बात केवल वेतन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संस्थान की आंतरिक मीटिगों मे भी कर्मचारियों को अपनी पीड़ा और कथा व्यथा कहने तक का अधिकार नहीं है। चेयरमैन आर के सिन्हा के तानाशाही आचरण के आगे अपना मुँह खोलने की हिम्मत किसी में नहीं है।
अपरोक्ष रूप से इस संस्थान को भाजपा की न्यूज़ एजेंसी माना जाता है और केन्द्र में भाजपा की सरकार के रहते कर्मचारियों/ पत्रकारों का ये शोषण, उत्पीड़न अनेक सवाल खड़े करता है।
आर्थिक संकट की बात इसलिए भी समझ से परे है, क्योंकि चेयरमैन आर के सिन्हा की अपनी सिक्योरिटी कंपनी सहित अन्य सभी कंपनी अपना सुव्यवस्थित कारोबार कर रहीं हैं और मोटी रकम कमा रहीं हैं। चेयरमैन आर के सिन्हा भाजपा की ओर से दोबारा राज्यसभा सांसद नहीं बन सके, यह आक्रोश वे अपने संस्थान के कर्मचारियों पर उतार रहे हैं।
मजदूरों, कर्मचारियों/ पत्रकारों के कल्याण की बड़ी बड़ी डींग हाँकने वाली भाजपा सरकार के इस दोगले चरित्र को किस चश्मे से देखा जाना चाहिए?
हिंदुस्थान समाचार में कार्यरत एक कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
धर्मेन्द्र राघव
June 8, 2020 at 5:00 am
हिंदुस्थान समाचार एजेंसी वाले चोर है तीन माह इलेक्शन में काम करवाया तरह तरह के प्रलोभन दिए,लेकिन वेतन के नाम पर सभी जिला प्रभारियों और उनके स्टाफ को झुनझुना थमा दिया गया,और सभी के यूजर आईडी को बंद कर दिया गया था,