Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

आपदा प्रबंधन के नाम पर मीडियावालों से हिसाब चुकता करने में जुट गए अफसर!

आपदा प्रबंधन के नाम पर बावले हुए अफसरों ने कुछ भी आदेश जारी करना शुरू कर दिया है. दो मामले हैं. एक राजस्थान के भरतपुर का. दूसरा हिमाचल प्रदेश के डलहौजी का.

राजीव शर्मा भरतपुर के बयाना में पत्रकार हैं और संवाद4यू डाट काम के संस्थापक व संपादक हैं. संवाद4यू नाम से उनका एक फेसबुक पेज भी है. उन्होंने फेसबुक पर एक लाइव किया और आज के हालात के संदर्भ में कुछ बातचीत की. इस लाइव को आपदा प्रबंधन के विरुद्ध माना गया. इससे संबंधित वीडियो को कलक्टर ने ग़लत मानते हुए उनके खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यही नहीं, कलक्टर ने संबंधित पेज को भी बंद कराने का आर्डर पुलिस को दे दिया.

राजीव शर्मा गिरफ्तार हुए और फिर जमानत पर छूटे.

कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने इसको लेकर आवाज उठाने की शुरुआत की है. छोटे जगहों पर दिक्कत ये है कि वहां न तो साइबर लॉ से संबंधित वकील मिल पाते हैं और न ही जिला अदालतें ही कुछ खास कर पाती हैं. ऐसे में अगर पीड़ित थोड़ा चलता-पुर्जा न हुआ तो वह हाईकोर्ट में याचिका लगाकर स्टे नहीं ला पाएगा और फिर अफसरों-पुलिस वालों के हाथों उत्पीड़ित होता रहेगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

जिस वीडियो पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उसे देखें… नीचे दिया जा रहा है…

Rajiv Sharma Samwad4you Facebook Live Video

Advertisement. Scroll to continue reading.
https://www.facebook.com/Samwad4youOfficial1/videos/2823976954322409/

उधर, हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में आजतक के पत्रकार विशाल आनंद के खिलाफ आपदा प्रबंधन से संबंधित ग़लत समाचारों को लेकर मुकदमा हुआ. इससे संबंधित खबर भड़ास4मीडिया पर छपी. विशाल आनंद ने अपना वर्जन दिया कि कुछ भ्रष्ट अफसरों के निशाने पर होने के कारण उन्हें जान बूझकर परेशान किया जा रहा है. विशाल का ये वर्जन छपने के बाद उनके उपर फिर से नए सिरे से मुकदमा कर दिए जाने की सूचना है.

तो ये है देश की नौकरशाही जो कुर्सी पर बैठने के बाद खुद को खुदा से कम नहीं समझती. ये अफसर कानून का बेजा इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से जिले के श्रमिक पत्रकारों को मुकदमों में बांधकर भले खुश हो लें लेकिन सच्चाई यही है कि वे मीडिया की बड़ी मछलियों की तरफ आंख उठाकर देखने की औकात नहीं रखते. ये बड़ी मछलियां ही पूरे तालाब को गंदा किए हुए हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दिल्ली मुंबई के पत्रकार अपने खिलाफ मुकदमे होने पर सीधे सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और फौरन राहत हासिल कर ले आते हैं. पर जिले के पत्रकार सीमित संसाधनों में कामकाज संचालित करने के नाते और साइबर कानूनों के जानकार वकीलों की उपलब्धता न होने के कारण कोर्ट थाना पुलिस प्रशासन के चक्कर में इनके पीछे अंतहीन दौड़ में फंस जाते हैं.

संबंधित ख़बर-

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिमाचल प्रदेश के तीन पत्रकारों पर गलत खबर चलाने का आरोप, केस दर्ज

2 Comments

2 Comments

  1. jharkhand working journalists union

    April 25, 2020 at 7:59 pm

    प्रशासन अकारण किसी पत्रकार / मीडिया कर्मी को परेशान न करें । पत्रकारों / मीडिया कर्मियों की भी कोरोना संकट से लड़ने में उतनी ही भूमिका है जितनी अन्य की ।
    अगर कुछ गलत लगता है ,तो स्पष्टीकरण प्रत्याशित है परन्तु प्रताड़ित करना अनुचित है ।
    राज्य सरकार पत्रकारों की सुरक्षा व पेशेगत कर्त्तव्य निर्वाहन की सुगमता सुनिश्चित करें ।

  2. Manoj Kumar

    April 25, 2020 at 8:59 pm

    मीडिया वालों पर भी ब्लैकमेलिंग और धनदोहन के आरोप लगते रहे हैं। खबर छपने और चलाने के नाम पर खूब डीलिंग होती रही है। आज दांव उल्टा पड़ रहा है तो काहे का रोना पीटना ।

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement