Anil Singh : प्रदेश सरकार का शानदार फैसला… सात बेईमान पुलिस वाले जबरिया रिटायर किये गये. ये कार्रवाई उन चोट्टों के लिये नजीर बनेगी, जो बेईमानी करने के बाद सकुशल रिटायर होकर आनंद लेते थे.
Raghwendra Pratap Singh : लखनऊ सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई। 7 पीपीएस अफसरों को किया बर्खास्त। दिया गया जबरन रिटायरमेंट। अरुण कुमार सहायक सेनानायक 15 वीं वाहिनी पीएसी आगरा को किया गया जबरन रिटायर। विनोद कुमार गुप्ता पुलिस उपाधीक्षक जनपद फैजाबाद को किया गया जबरन रिटायर। नरेंद्र सिंह राणा को पुलिस उपाध्यक्ष जनपद आगरा को किया गया बर्खास्त। रतन कुमार यादव सहायक सेनानायक पीएसी झांसी को किया गया बर्खास्त।तेजवीर सिंह यादव 27 वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर को किया गया बर्खास्त। संतोष कुमार सिंह मंडला अधिकारी मुरादाबाद को किया गया जबरन रिटायर।तनवीर अहमद खां को किया गया जबरन रिटायर।
इस बीच, पॉवर कारपोरेशन के पीएफ घोटाले की जांच कर रही EOw में एसएसपी की तैनाती कर दी गई है. यह पद लंबे समय से खाली चल रहा था. एसएसपी के पद पर तैनाती आनंद कुलकर्णी की हुई है. आईपीएस आनंद कुलकर्णी को बनाया गया एसएसपी ईओडब्ल्यू. बिजली विभाग के DHFL पीएफ घोटाले की जांच टीम में आनंद कुलकर्णी शामिल हो गए हैं.
एक अन्य सूचना के मुताबिक योगी सरकार ने यूपी के प्रमुख वन संरक्षक IFS पवन कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया है. पवन कुमार पर जनपद सोनभद्र में वनभूमि को जेपी ग्रुप को गलत तरीके से देने का आरोप है।
उधर, गाज़ियाबाद में 70 लाख के गबन की आरोपी फ़रार इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान पर 25000 रूपये का ईनाम घोषित कर दिया गया है. 6 अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25-25 हज़ार के इनाम की घोषणा की गई है. हाईकोर्ट से लक्ष्मी सिंह की जमानत अर्जी खारिज़ हो चुकी है. अदालत से कुर्की का भी आदेश हो चुका है. इस प्रकार काली कमाई के चक्कर में एक पुलिसवाली अब अपराधी बन चुकी है.