जे सुशील-
बिंज एप पर मेरा उपन्यास हाउस हसबैंड की डायरी है. अभी तो फ्री है लेकिन कितने दिन ये किताब फ्री रहेगी इसकी गारंटी नहीं है. कल को बिंज वालों ने चार एपिसोड पढ़वा कर पांचवे से पैसा मांगना शुरू किया तो मुझसे मत कहिएगा कि आपने बताया नहीं.
हालांकि है तो उपन्यास ही लेकिन मैं पिछले पांचेक साल से हाउस हसबैंड हूं. बिना किसी स्थायी नौकरी के यह जीवन अब तक ठीक लग रहा है. कल मन करेगा तो काम करने लगूंगा. फिलहाल नौकरी करने की इच्छा नहीं होती है. बाकी इच्छाएं मेरी कम हैं तो थोड़े पैसों में काम चल जाता है. कुछ कुछ करता रहता हूं. बच्चा पाल लिया है. घर के काम में मदद करता हूं. फिफ्टी फिफ्टी टाइप. पहले हंड्रेड परसेंट भी किया है. ज़रूरत के अनुसार हंड्रेड परसेंट भी कर सकता हूं.
हाउस हसबैंड का ये मतलब नहीं होता है कि मैं और कोई काम नहीं करता. अभी एक पत्रिका का अतिथि संपादन किया. अखबार में जब मन होता है लिख देता हूं. इधर उधर कुछ कुछ और भी करता रहता हूं. घर का काम भी होता रहता है.
हाउस हसबैंड और हाउस वाइफ वायवीय बातें हैं. अगले बीस पच्चीस सालों में यह सब खतम हो जाने वाला है. भारत में भी हर लड़की और हर लड़का काम करेंगे जैसा कि अमेरिका में होता है. अभी भले ही ये नया लग रहा हो लेकिन यही दुनिया का भविष्य है. आदमी औरत बराबर हो जाएंगे यही प्रकृति का नियम है.
अपने आसपास देखिए दुनिया बदल रही है. दफ्तर से घर लौट कर पैर पर पैर पसार कर घर में बैठने वाले पुरुष कम मिलेंगे. अच्छे पुरुष पहले भी घर के काम में हाथ बंटाते थे. मेरे आठवीं पास पिता भी घर के काम में खूब हाथ बंटाते थे लेकिन मैंने जेएनयू से पीएचडी किए हुए लोगों को भी देखा है कि वो एक कप चाय के लिए भी बीवी पर हुक्म चलाते हैं और दूसरों के सामने बीवी को गालियां देते हैं.
लेकिन ये सब चलने वाला नहीं है. दुनिया बदल रही है.
फिलहाल बीयर पीजिए स्वस्थ रहिए. गर्मी बहुत है. और मेरे पास फोटो भी बहुत है. बहुत अपलोड किया जाएगा. फोटो देख के जलिए मत. किताब का लिंक कमेंट में है.
आज अच्छा जीवन जीने के चार सूत्र लीजिए फ्री में.
१.चाहे दफ्तर कोई भी हो. ये मत सोचिए कि आपके बिना दफ्तर का काम नहीं चलेगा.
२.नौकरी से इतर कोई शौक पालिए. किताबें पढ़ना ही शौक नहीं होता. मैराथन दौड़ लीजिए. पेड़ पर चढ़ लीजिए. नाच लीजिए. (बस उसका फोटो अपलोड मत कीजिए फेसबुक पर) शादीशुदा लोग हफ्ते में तीन बार सेक्स करें.
३. साल में कम से कम एक बार घूमने जाइए. ऐसी जगह जहां रिश्तेदार न हों.
४. खुद से कम उम्र के लोगों से बात करते हुए उनकी बात सुनिए. बात ठीक न लगे तो हूं हां कर दीजिए. उन्हें अधिक ज्ञान मत दीजिए. मोबाइल से दूर रहिए. टीवी न्यूज़ कम देखिए.