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सुख-दुख

जंक फूड छोड़ें, नमक कम, पैदल चलें… हार्ट अटैक गायब

शहर की जिंदगी में हार्ट अटैक मौत का पैगाम होता है. पर इससे बचने के कुछ मंत्र हैं. पहला तो है ब्लड प्रेशर कम रखें. हाई बीपी से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. यदि बीपी 120-80 से ज्यादा है तो ये दिल के लिए खतरे की घंटी है.

इसे कम करने की कोशिश में आप अभी से जुट जाएं. हाई बीपी में नमक का उपयोग कम करें, कम चीनी खाएं. नमक में पाए जाने वाला सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है. इसलिए पूरे दिन में एक चम्मच से ज्यादा नमक का सेवन न करें. दिन में 20 ग्राम से ज्यादा फैटी भोजन न करें.

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खाने में कम से कम चर्बीयुक्त भोजन लें. ये दोनों चीजें गुर्दों और हृदय के रक्तचाप के उतार-चढ़ाव के लिए जिम्मेदार होती हैं. जंक फूड में इन्हीं चीजों की अधिकता होती है, सो जंक फूड से दूर रहें. कम से कम 30 मिनट रोज पैदल चलें. हाई बीपी के कारण हमारे हृदय की रक्त नलिकाओं में चर्बी का जमाव होता है.

जब ये चर्बी नसों में जमा हो जाती है तो हृदय के लिए जाने वाले रक्त का बहाव कम हो जाता है और रक्तचाप और तेजी से बढ़ने लगता है. इसलिए रोजाना व्यायाम करें. इससे वसा आसानी से पच जाती है और मोटापा नहीं आता तथा आप स्वस्थ जीवन गुजार सकते हैं.

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यदि आप व्यायाम नहीं कर पाते हैं तो गार्डनिंग, घर की सफाई जैसे मेहनत के काम दिन में अवश्य 30 मिनट करें. तंबाकू में निकोटिन होता है, जो रक्तचाप के स्तर को बढ़ाता है. धूम्रपान भी नुकसान पहुंचाता है. अपने शरीर और मन को रिलेक्स करने का टाइम निकालें.

स्वस्थ जीवन के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. अपने ऑफिस की थकान और भाग-दौड़ के काम से खुद को कुछ देर अवश्य रिलेक्स करें. इसके लिए आप संगीत या अपनी किसी मनपसंद हॉबी को अपनाएं. सुबह के नाश्ते में जहां तक संभव हो अंकुरित आहार का ही सेवन करें.

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सुबह के नाश्ते में अंकुरित दालों के सेवन से आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो रक्तचाप और दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

सिरदर्द, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन आदि महसूस करें तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें. ये समस्या आमतौर पर उच्च रक्तचाप के कारण होती है. ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा लेना महंगा पड़ सकता है. उधर, वैज्ञानिकों का मानना है कि 20 वर्ष से कम उम्र में टांसिल और अपेन्डिक्स को ऑपरेशन के जरिए हटाए जाने से असमय ह्रदयघात का खतरा बढ़ जाता है.

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टांसिलेक्टोमी (टांसिल का हटाया जाना) ह्रदयघात के खतरे को 44 फीसदी तक बढ़ा देता है जबकि अपेन्डिक्स के हटाए जाने से इस तरह का खतरा 33 फीसदी बढ़ जाता है. दोनों के हटाए जाने से यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है.

एक शोध में कहा गया है कि सभी युवा लोगों में से 10 से 20 फीसदी अपने टांसिल और अपेन्डिक्स ऑपरेशन के जरिए हटवा लेते हैं. यूरोपीयन हार्ट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि टांसिल और अपेन्डिक्स शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली का हिस्सा होते हैं लेकिन इनका बहुत अधिक महत्व नहीं होता है.

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