भोपाल, इंदौर, जबलपुर और रायपुर के पत्रकारों और मीडिया कमचारियों ने इंडिपेंडेंट मेल अखबार को बेनकाब करने और सीएम को शिकायत भेजने की रणनीति बनाई….
मध्य प्रदेश में एक आईएएस अफसर हैं, जिन्हें कुछ दिनों पहले मुख्मंत्री शिवराज चौहान ने श्रम विभाग से हटाकर मत्स्य विभाग में भेज दिया. इन्होंने इंडीपेंडेंट मेल नामक अखबार अपने ससुर नरेंद्र चौधरी के नाम से शुरू करवाया. आईएएस की पत्नी शालिनी राय अखबार की सीएमडी हैं. उक्त अखबार १५ अगस्त २०१७ को बड़े जोर शोर से भोपाल, इंदौर, जबलपुर और रायपुर में शुरू हुआ. इसमें अन्य अखबारों से पत्रकारों और मीडिया कर्मचारियों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर लाया गया.
यह अखबार अफसरशाही और गलत नीतियों की वजह से एक साल में तीन बार बंद हुआ. जिन पत्रकारों और मीडिया कमचारियों को नौकरी पर रखा गया, उन्हें दो-दो तीन-तीन माह की सेलरी तक नहीं दी गई. चपरासी, सर्कुलेशन, मार्केटिंग स्टाफ तक को वेतन न देकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. जो लोग अन्य अखबार छोड़ कर आए थे, अब वह ना घर के रहे ना घाट के क्योंकि प्रबंधन उन्हें घाटे का जिम्मेदार बता रहा है.
ऐसे करीब 100 से ज्यादा लोग हैं जिनका इंडिपेंडेंट मेल ने वेतन नहीं दिया. इसके कारण उनके घर की हालत बिगड़ गई है. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करे. हर कोई अपने आपको को ठगा सा महसूस कर रहा है. ऐसे में मीडियाकर्मियों ने अखबार और इसके प्रबंधन को बेनकाब करने व शिकायत सीएम को भेजने का फैसला लिया है.
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.