नई दिल्ली, १६ अक्टूबर : भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) की छात्राओं ने संस्थान के एक लोअर डिविजन क्लर्क सागर राणा पर दुर्व्यवहार और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है. संस्थान के छात्र-छात्राओं में इसे लेकर भारी गुस्सा है लेकिन संस्थान के उच्च अधिकारी आरोपी को बचाने में जुटे हैं. राणा संस्थान के चेयरमैन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव बिमल जुल्का के ड्राइवर का बेटा है जिसे संस्थान के ओ.एस.डी जयदीप भटनागर का खुला संरक्षण मिला हुआ है और इसके बल पर उसने संस्थान में आतंक और धौंस-धमकी का माहौल बना रखा है.
IIMC में हिंदी का हाल : जैसे छात्र हैं, वैसे ही शिक्षक. सब आंख पर पट्टी बांधे हैं, नौकरी बजा रहे हैं.
संस्थान की छात्राओं का आरोप है कि आरोपी राणा ने एक छात्रा की बिना अनुमति के न सिर्फ मोबाइल पर फोटो खींची बल्कि उसे लोगों को बताने की भी धमकी दी. आरोप है कि परिसर में रहनेवाला सागर राणा शाम को छात्र-छात्राओं से न सिर्फ बदतमीजी से पेश आता है बल्कि मोरल पुलिसिंग करने की कोशिश करता है. यही नहीं, उस पर संस्थान के कर्मचारियों पर भी धौंस जमाने का आरोप है.
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सागर राणा को संस्थान के चेयरमैन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव की कार के ड्राइवर का बेटा होने के नाते संस्थान में तमाम नियमों को धता बताते हुए लोअर डिविजन क्लर्क के पद पर नियुक्त किया गया था. संस्थान में उसके प्रभाव का आलम यह है कि उसे वरिष्ठता का उल्लंघन करके न सिर्फ परिसर में क्वार्टर आवंटित किया गया बल्कि हजारों रूपये खर्च करके उसमें टाइल्स आदि भी लगवाए गए. यही नहीं, वह खुद को संस्थान का केयर-टेकर भी बताता है.
राणा का दावा है कि उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है क्योंकि उसके पिता संस्थान के चेयरमैन की कार के ड्राइवर हैं. उल्लेखनीय है कि इनदिनों संस्थान में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अनियमितताओं और अराजकता का बोलबाला है. हालात यह है कि पिछले दो-तीन सालों में संस्थान में लोअर डिविजन कलर्क और दूसरे कर्मचारियों की जितनी भी भर्तियाँ हुईं हैं, उसमें से ८० फीसदी भर्तियाँ संस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों के बेटे-बेटियों की हुई हैं. सागर राणा भी उनमें से एक है और इनलोगों ने संस्थान में मनमानी और अनियमितताओं की गंध मचा रखी है.
मजे की बात है कि संस्थान के ही एक कर्मचारी देवराज ने संस्थान में हुई भरतियों में मची धांधली के बारे में चार महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिकायत भेजी थी जिसपर पी.एम.ओ ने जांच का आदेश दिया था. लेकिन संस्थान के चेयरमैन बिमल जुल्का के ड्राइवर का मामला होने के कारण न सिर्फ जांच के नाम पर मामले को रफा-दफा करने और शिकायतकर्ता को डराने-धमकाने की कोशिश हो रही है. हालात यह हो गई कि शिकायतकर्ता देवराज को पुलिस में अपनी जान पर खतरे की शिकायत करनी पड़ी जिसमें संस्थान के ओ.एस.डी जयदीप भटनागर और सहायक कुलसचिव बी.डी जोशी (इनके बेटे और भांजे की भी भर्ती हुई है) को नामित किया गया है.
आईआईएमसी में कार्यरत एक अध्यापक की तरफ से भेजे गए पत्र पर आधारित.
JAIRAJ
October 20, 2014 at 5:16 am
IIMC has become the epitome of corruption therefore people have started calling it INDIAN INSTITUTE OF MASS CORRUPTION. Current director Sunit Tandon and OSD Jaideep Bhatnagar are responsible for the decline of IIMC. Jaideep, an Indian information service officer, has been working with IIMC on deputation for more than 7 years. Though the period of deputation was fixed for three years but Jaideep is enjoying his punishment posting at IIMC. There are many charges of corruption on him so he does not have the authority to look after the financial matters of IIMC.
He is anti student