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टीवी

कांग्रेस ने खुद का टीवी चैनल लांच किया!

मनीष सिंह-

डेस्परेट टाइम्स, डेस्परेट मेजर्स!! कांग्रेस ने अपना टीवी चैनल लॉन्च किया। फिलहाल डिजिटल, याने यूट्यूब वगैरह पर चलेगा, और बाद में शायद पूर्णकालिक सेटेलाइट चैनल के रूप में आये।

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राज्यों में यह होता रहा है। जयललिता ने अपना जेजे टीवी चलाया था। आज तमाम पॉलिटिशियन के छोटे बड़े चैनल है, और तमाम चैनल मालिक पोलिटीशयन हैं। रिपब्लिक वाले चंद्रशेखर और और जीटीवी वाले सुभाष चंद्रा भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद हैं।

टॉप के 30 नेशनल/रीजनल चैनल सभी, या अम्बानी या अदाणी की मेजर शेयरहोल्डिंग में हैं। इन चैनलों से सारे इज्जतदार पत्रकार भगाए जा चुके हैं। शाम की बहसें, दोयम दर्जे के चंपू शक्ल, और चंपू अक्ल वाले शोरवीरों- शोरांगनाओं के हत्थे है। ANI जैसी न्यूज एजेंसियां ‘चुटीयागिरी’ करते ऑन कैमरा पकड़ी जा चुकी हैं।

ऐसे में पत्रकारिता का मंजर भयावह है। इस पूरे खेल में कांग्रेस दूर -दूर तक कहीं नही है। सोशल मीडिया पर हालिया मामूली उपस्थिति है, जो पार्टी से कम, और ऑर्गेनिक पब्लिक सोर्स से अधिक है।

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ऐसे वक्त में कांग्रेस टीवी लांच होना एक अफसोसनाक, मगर जरुरी स्टेप है। अफसोसनाक इसलिए कि अब एक प्रमुख राजनैतिक दल, या किसी भी छोटे मोटे दल को मुद्दों से हटकर अपने अपने चैनल खोलने की नौबत आ गयी है।

कांग्रेस के सामने दो विकल्प हैं। नमो टीवी तरह यह प्रोपगंडा टीवी हो सकता है जिसमे दिन-रात राहुल की शक्ल, बयान और रैली दिखाई जाये। यह बेकार सी बात होगी।

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दूसरा विकल्प, बड़े विश्वसनीय पत्रकारों को आमंत्रित करे जो बेरोजगार घूम रहे हैं, या युट्यूबर बने पड़े हैं। पुण्य प्रसून बाजपेयी, विनोद दुआ, अभिसार, अजीत अंजुम, परंजय गुहा ठाकुरता, अभय कुमार, जैसे रीढ़वाले लोगो को आसरा और मंच दे। इन्हें संसाधन मुहैया करवाये। ग्राउंड रिपोर्टिंग में सहयोग दे।

सम्भव है कि वह कांग्रेस टीवी पर बैठकर कांग्रेस की भी आलोचना करें। क्या फर्क पड़ता हैं?? ये लोग आदतन सत्ता से सवाल करने वाले लोग हैं। इनकी अपनी अपील है, दर्शक वर्ग है, इनका भरोसा है। सिर्फ 9 से 10 रवीश गोदी मीडिया को टक्कर दे पाते हैं। ये सब शाम से आधा-आधा घण्टा भी प्रोग्राम करें, तो गोदी चैनलों पर मक्खी भिनकने लगेगी।

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इस चैनल का उद्देश्य, जाहिर है कि विज्ञापन बटोरना नही है। अपना खर्च भी न निकाल सकेगा। पर कंटेंट और प्रस्तोता बेहतर रहा, तो जरूरी चीजें दर्शकों तक पहुचाई जा सकती हैं और आईएनसी टीवी गेमचेंजर साबित हो सकता है।

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1 Comment

1 Comment

  1. Anwar Qureshi

    April 16, 2021 at 9:57 pm

    राजनीतिक न्यूज़ चैनल का कोई महत्व नहीं है चाहे वो inc tv हो या namo tv, जब पूरा मीडिया जगत सरकार की दलाली पर उतर जाए, तो विपक्ष को भी ईमानदार मीडिया को सपोर्ट करना चाहिए

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