इंडिया टीवी ने अपने मीडियाकर्मी भानप्रकाश को 2018 में गलत तरीके से निकाल दिया था और एक महीने का वेतन भी नहीं दिया था। भानप्रकाश ने मैनेजमेंट से अपने वेतन की मांग की थी मगर मैनेजमेंट सत्ता के पॉवर के नशे में चूर हो कर वेतन नियमानुसार नहीं दिया। तब भानप्रकाश 2020 में श्रम न्यायालय चले गए।
लेबर कोर्ट में कुछ तारीख़ों पर तो इंडिया टीवी के लोग आए मगर कुछ दिन के बाद उन्होंने तारीख़ों पर भी आना बंद कर दिया। मगर भानप्रकाश लगातार अपना पक्ष माननीय न्यायालय में रखते रहे। माननीय न्यायालय ने 19-12-22 को भानप्रकाश के पक्ष में 6℅ ब्याज के साथ एक महीने के अंदर वेतन भुगतान करने का आदेश दे दिया।
भानप्रकाश ने पहले मैनेजमेंट से माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार भुगतान करने के लिए प्रार्थना की मगर मैनेजमेंट ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद रिकवरी के लिए माननीय न्यायालय का आदेश नोएडा के लेबर कमिशनर के यहाँ लगा दिया। कमिशनर ने इंडिया टीवी मैनेजमेंट को रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया।
अब मैनेजमेंट में हडबडी मच गई। पहले भानप्रकाश से धोखेबाज़ी करके समझौता करने की कोशिश की। मगर भानप्रकाश उनकी धोखेबाजी में नहीं आए तो मैनेजमेंट रिकवरी रुकवाने के लिए श्रम न्यायालय के पास पहुंच गया। अब देखना है कि इंडिया टीवी की और कितनी फजीहत होती है। अब इस केस की अगली सुनवाई मई में होगी।
पंकज
March 23, 2023 at 12:33 pm
इंडिया टीवी को अपनीं बेज्जती करवा ने की आदत हो गई है | पहले सुचारिता ऐंकर के चक्कर अपनी बेज्जती करवाई | इंडिया टीवी सभी को बधुआ मजदूर मानता यहाँ तक दिल्ली हाईकोर्ट ने भी सुचारिता ऐंकर के कैस भी हाईकोर्ट ने ये ही कहा कि आपका contract letter बधुआ मजदूरी जैसा है ऐसा नहीं हो सकता और सुचारिता के पक्ष फैसला सुनाया | इंडिया टीवी उससे सबक नहीं लिया | उससे पहले भी एक ऐंकर इनके आफिस में ही जहर खा लिया उसने अपने फेसबुक पर इनका काला चिट्ठा खोल दिया मगर बेसरम हैं कि मानते नहीं इनके अनैतिक कृत का जवाब मननीय न्यायालय बार बार बता रहा है |और आगे भी बताता रहेगा |